Edited By Riya bawa,Updated: 22 Nov, 2019 03:14 PM
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हर एक इंसान जिंदगी में मुश्किलों से जूझते हुए किसी न किसी दिन सफलता...
नई दिल्ली: हर एक इंसान जिंदगी में मुश्किलों से जूझते हुए किसी न किसी दिन सफलता हासिल करता है। एक ऐसी ही कहानी की बात करने जा रहे है जिसने कड़ी मेहनत के दम पर UPSC परीक्षा पास कर ली है। यूपीएससी की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर IAS बनने का सपना संजोते हैं।
आज की कहानी में मिलिए संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा पास कर चुके सैयद रियाज अहमद से जिन्होंने पांचवें अटेंप्ट में 2018 की परीक्षा में 261वीं रैंक हासिल की।
माता- पिता ने किया सपोर्ट
बता दें कि सैयद रियाज अहमद के माता ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है लेकिन उन्होंने अपने बेटे को पूरा सपोर्ट किया। रियाज की मां ने 7वीं तक, पिता ने तीसरी क्लास तक स्कूली शिक्षा हासिल की। एजुकेशन में गाइडेंस की कमी के चलते रियाज 12वीं में एक सब्जेक्ट में फेल हुए लेकिन एक बार फेल होने के बाद उन्होंने पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू किया।
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कॉलेज से ही पॉलिटिक्स में थी रूचि
रियाज कॉलेज के दौरान में स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स में शामिल हुए। 2013 में बतौर स्टूडेंट लीडर रहे लेकिन लीडरशिप ज्वाइन करने में घरवालों का सपोर्ट नहीं था। उन्होंने सोचा, लीडरशिप को एजुकेशन में कैसे ढालें और फिर सिविल सर्वेंट का विकल्प सूझा। उसी साल से वे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारियों में जुट गए।
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कैसे की एग्जाम की तैयारी
सबसे खास बात ये रही कि रियाज ने इसके लिए कभी कोई कोचिंग नहीं की। शुरुआती दौर में उन्होंने महाराष्ट्र में कुछ दिनों के लिए गाइडेंस जरूर ली थी फिर वे जामिया मिलिया के सेल्फ स्टडी ग्रुप में शामिल हो गए जहां पढ़ाई लिखाई का एक बेहतर माहौल मिला। उन्होंने ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर एंथ्रोपोलॉजी का चयन किया था जिसमें उन्हें 306 नंबर आए हैं।
पांचवें अटेंप्ट में हासिल की 261वीं रैंक
2016 में तीसरे अटेंप्ट में इस स्ट्रेटजी से प्री-मेन्स क्वालीफाई किया, लेकिन इंटरव्यू में फेल हुए। घरवालों ने फिर भी सपोर्ट किया। इस दौरान पिता रिटायर हो गए थे अब उन्हें फाइनेंशियली सपोर्ट खुद ही तलाशना था। तीसरे अटेंप्ट में फेल होने के बाद पिता ने कहा, तुम तैयारी न छोड़ो, हम चाहे घर गिरवी रख दें या बेच दें, लेकिन अच्छे से एग्जाम की तैयारी करो।
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2017 में फिर से चौथी बार परीक्षा दी चौथे अटेंप्ट में मेन्स क्लीयर हुआ लेकिन इंटरव्यू में नहीं आया। पापा से कहा कि तैयारी छोड़ दूंगा और घर आकर बिजनेस शुरू करूंगा। पिता ने फिर समझाया, छोड़ना है तो छोड़ दो लेकिन सपना सपना ही रह जाएगा।