Edited By Tanuja,Updated: 06 Aug, 2024 04:39 PM
ब्रिटेन में आप्रवासन दंगों के चलते 370 से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए हैं। पिछले हफ्ते साउथपोर्ट में हुए सामूहिक चाकूबाजी हमले का उपयोग
लंदनः ब्रिटेन में आप्रवासन दंगों के चलते 370 से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए हैं। पिछले हफ्ते साउथपोर्ट में हुए सामूहिक चाकूबाजी हमले का उपयोग प्रदर्शनकारियों ने आप्रवासन विरोधी प्रदर्शनों के बहाने के रूप में किया है। साउथपोर्ट में हुए इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। एक्सल रुडकुबाना ने 3 बच्चों की हत्या की और 10 अन्य को घायल कर दिया। इस घटना ने जनता में आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना की आड़ में प्रदर्शनकारियों ने पूरे यूके में आप्रवासन विरोधी प्रदर्शनों का आयोजन किया है। इन प्रदर्शनों ने कई शहरों और कस्बों में तनाव और हिंसा भड़क रही है। पुलिस ने अब तक 370 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां मुख्य रूप से उन लोगों की हैं जो हिंसक प्रदर्शनों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल थे।
ये प्रदर्शन पूरे यूके में फैल गए हैं। कई जगहों पर सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को अतिरिक्त बल तैनात करना पड़ा है। इस घटना ने समाज में विभाजन और तनाव को और बढ़ा दिया है। लोग आप्रवासन नीतियों पर बहस कर रहे हैं और इस तरह की घटनाओं के प्रति अपनी असंतोष व्यक्त कर रहे हैं। इसी बीच लिवरपूल में एक इस्लामिक स्टैंड जो कुरान बाँट रहा था, उसे ब्रिटिश देशभक्तों द्वारा हटा दिया गया। यह घटना स्थानीय समुदाय में काफी चर्चा और विवाद का विषय बन गई है। घटना लिवरपूल के एक प्रमुख सार्वजनिक स्थान पर हुई। यह घटना दिन के समय हुई जब लोग अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त थे। इस स्टैंड पर कुछ मुस्लिम लोग कुरान बाँट रहे थे और इस्लाम धर्म के बारे में जानकारी दे रहे थे। उनका उद्देश्य इस्लाम की शिक्षा और संदेश को लोगों तक पहुँचाना था। कुछ ब्रिटिश देशभक्तों ने इस स्टैंड को देखकर विरोध किया। उनका मानना था कि यह उनके देश की संस्कृति और मूल्यों के खिलाफ है।
उन्होंने इस स्टैंड को जबरन हटा दिया और वहां उपस्थित लोगों को तितर-बितर कर दिया। इस घटना ने स्थानीय समुदाय और सोशल मीडिया पर तीव्र प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ लोग इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमले के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे देशभक्ति के रूप में देख रहे हैं। पुलिस ने इस घटना की जानकारी मिलने पर स्थल पर पहुँच कर स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है और सभी पक्षों से बातचीत कर रही है। इस घटना ने धार्मिक स्वतंत्रता और सहिष्णुता के मुद्दों को एक बार फिर से उजागर किया है। लोग इस बात पर बहस कर रहे हैं कि क्या किसी भी धर्म के प्रचार-प्रसार पर इस तरह की कार्रवाई उचित है या नहीं।