Review: आम आदमी के सपनों को पंख देने की कहानी है अक्षय कुमार की Sarfira, इमोशनल कर देगी फिल्म

Updated: 12 Jul, 2024 01:20 PM

akshay kumar sarfira movie review in hindi

यहां पढ़ें कैसी है फिल्म सरफिरा

फिल्म - सरफिरा (Sarfira)
स्टारकास्ट : अक्षय कुमार (Akshay Kumar) , राधिका मदान Radhika Madan, सीमा बिस्वास (Seema Biswas), परेश रावल (Paresh Rawal), आर शरत कुमार (R Sharat Kumar), कृष्ण कुमार (Krishna Kumar) बालसुब्रमण्यम (Balasubramaniam) , इरावती हर्षे (Irawati Harshey)
निर्देशक : सुधा कोंगारा प्रसाद (Sudha Kongara Prasad)
निर्माता : विक्रम मल्होत्रा (Vikram Malhotra), सुधा कोंगारा Sudha Kongara और सूर्या (Surya)

 

सरफिरा: अपने लक्ष्य को पाने के लिए जीवन में एक के बाद एक विपरीत परिस्थिति आने के बावजूद एक व्यक्ति कैसे अपने हठ, संघर्ष और जुनून से अपने सपने को साकार करता है, इसी स्टोरी लाइन पर है फिल्‍मों के ‘खिलाड़ी’ अक्षय कुमार की 'सरफिरा' की कहानी। ये फिल्म अक्षय कुमार की बेहतर फिल्म में से एक है। सरफिरा देखने जाएं तो रूमाल साथ ले जाना न भूलें, दिल को छू लेने वाली यह फिल्म आपकी आखों से आंसू ज़रूर छलका देगी। फिल्म इमोशनल और इंस्पायरिंग है। सरफिरा तमिल फिल्म सोरारई पोटरु (2020) का रीमेक और एयर डेक्कन के संस्थापक कैप्टन जी आर गोपीनाथ के संस्मरण 'सिंपली फ्लाई: ए डेक्कन ओडिसी' का रूपांतरण है। सरफिरा उन लोगों के लिए कम लागत वाली एयरलाइन बनाने के एक आदमी के साहसिक सपने का अनुसरण है जो हवाई यात्रा का विकल्प चुनने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। जुलाई 12 को रिलीज़ हो रही इस फिल्म में अक्षय कुमार के आलावा राधिका मदन, परेश रावल, सीमा बिस्वास। इसे सुधा कोंगारा प्रसाद ने लिखा और डायरेक्ट किया है।    

 

  

कहानी
फिल्म की कहानी महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव से शुरू होती है। इस गांव में जन्म लेने वाला वीर म्हात्रे (अक्षय कुमार) बचपन से ऊंची उड़ान का सपना देखता है। पढ़ाई पूरी करने के बाद वो इंडियन एयरफोर्स जॉइन कर लेता है। इसी बीच वीर के पिता की तबीयत बहुत खराब हो जाती है। वीर यह खबर मिलते ही आर्मी कैंप दोस्तों से कुछ पैसे लेकर घर के लिए निकल पड़ता है। समय कम होने की वजह से वीर हवाई यात्रा का विकल्प चुनता है। लेकिन विडंबना देखिये उसके पास फ्लाइट की टिकट के आधे पैसे भी नहीं होते। वो एयरलाइन्स से गुज़ारिश करता है, वहां मौजूद लोगों से भी मदद मांगता है लेकिन कोई हाथ आगे नहीं बढ़ाता। इस वजह से देरी होने पर वीर अपने पिता से अंतिम बार नहीं मिल पता। वो अपने पिता की अंतिम यात्रा में भी शामिल नहीं हो पाता है। यही वजह बनती है कि वीर म्हात्रे सस्ती टिकटों वाली एयरलाइंस शुरू करने के लिए उत्प्रेरक हो जाता है। जुनूनी और क्रांतिकारी वीर म्हात्रे समाज के निचले और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लोगों को सबसे ऊंची उड़ान की यात्रा करवाने की ठान लेता है। निर्णय बेहद चुनौतीपूर्ण था। उसके इस काम में काफी बाधाएं पैदा की जाती हैं। वीर म्हात्रे विमानन इंडस्‍ट्री में दबदबा रखने वाला जैज एयरलाइंस का मालिक परेश गोस्वामी (परेश रावल) को अपना आदर्श मानता है। लेकिन वो ही वीर का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। क्या वीर का ये सपना साकार हो पायेगा ? क्या वो निचले और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लोगों को सबसे ऊंची उड़ान की यात्रा करवाने में सफल होगा ? उसको किन किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ? इन सवालों का जवाब जानने के लिए आपको 12 जुलाई को रिलीज़ हो रही फिल्म सरफिरा देखनी होगी।    

 


एक्टिंग
अक्षय कुमार फिल्मों के मंझे हुए खिलाड़ी हैं, इसमें कोई संदेह नहीं। लेकिन अरसे बाद अक्षय कुमार की दिल छू लेने वाली एक्टिंग देखने को मिली है। उन्होंने वीर जनार्दन म्हात्रे की क्रांतिकारी सोच, जुनून, और निडरता के भावों का प्रदर्शन इतने शानदार ढंग से किया है मानो यह किरदार उन्ही के लिए लिखा गया हो। उन्होंने इमोशनल सीन्स को इतना नेचुरल तरीके से पेश किया है कि यकीनन आपकी आंखों से आंसू छलक जायेंगे। सपोर्टिंग एक्टर्स में अनुभवी और शानदार कलाकारों राधिका मदन, परेश रावल और सीमा बिस्वास ने भी अपने अपने किरदार बखूबी निभाए हैं और इस फिल्म को पूरी तरह से सपोर्ट किया है।परेश रावल की बात करें तो उन्होंने भी काफी नेचुरल एक्टिंग की है।  उनका अहंकारी किरदार कमाल का है। राधिका मदान ने वीर म्हात्रे की पत्नी (रानी) के किरदार को बखूबी निभाया है। उनका काम भी कबीले तारीफ है।  सीमा बिस्वास भी अपने किरदार में बिल्कुल परफेक्ट लगी हैं। बाकी सारे सपोर्टिंग एक्टर्स ने अपने-अपने रोल में बेहतर काम किया है और अपने किरदारों के साथ पूरा न्याय किया है।

 

 

डायरेक्शन
डायरेक्टर सुधा कोंगारा प्रसाद ने कहानी को लिखा और डायरेक्ट किया है। आपको बता दें ओरिजिनल फिल्म को भी सुधा कोंगारा ने ही डायरेक्ट किया है। सुधा कोंगरा, पूजा तोलानी और शालिनी उषादेवी का लिखा स्‍क्रीनप्‍ले दमदार है। शिप की कप्तान के रूप में सुधा कोंगारा ने इस फिल्म में कहानी के हर पहलू पर भी काफी काम किया है। अपने हरेक कलाकार से उन्होंने शानदार काम लिया है। फिल्म के कहानी को उन्होंने शानदार ढंग से परदे पर पेश किया है। कोई भी सीन बेवजह नहीं लगता। फिल्म की कहानी स्वयं में इतनी सशक्त है कि दर्शक एक सीन भी मिस नहीं करना  चाहेंगे, और सीट से बंधे रहेंगे। फिल्म की शूटिंग रियल लोकेशंस पर की गई है।  

 

 

म्यूजिक
इस फिल्म का एक और मजबूत पक्ष है इसका संगीत जिसमें पहले नंबर पर आता है इसका  बैकग्राउंड म्यूजिक जो कहानी के उतार चढाव के साथ सुनने में काफी जबरदस्त लगता है। जीवी प्रकाश कुमार, सुहित अभ्यंकर और तनिष्क बागची का म्यूजिक आपके दिल को छू लेगा। मनोज मुंतशिर ने अच्छे गाने लिखे हैं, जीवी प्रकाश कुमार का बैकग्राउंड स्कोर भी बेहतरीन है। कुल मिलकर सिरफिरा फिल्म इमोशनल और इंस्पायरिंग फिल्म है। वीर म्हात्रे के किरदार से हर दर्शक दिल की गहराई से जुड़ेगा और प्रेरित होगा।

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