Review: सस्पेंस-रोमांच से भरपुर है साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म 'आलिया बसु गायब है'

Updated: 09 Aug, 2024 11:21 AM

aliya basu gayab hai review in hindi

यहां पढ़ें कैसी है फिल्म आलिया बसु गायब है

फिल्म : आलिया बसु गायब है (Aliya Basu Gayab Hai)
निर्देशक : प्रीति सिंह (preeti singh) 
कलाकार : विनय पाठक (Vinay Pathak), राइमा सेन (Raima Sen), सलीम दीवान (Salim Dewan)
रेटिंग-3.5*

Aliya Basu Gayab Hai: फिल्मी पर्दे पर दर्शकों ने कहानियों में अलग-अलग रंग देखे हैं। उन्हीं में से एक रंग है फिल्म के अंत का रहस्य और रोमांच को बनाए रखना। सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों में चौंकाने वाले इस तरह के अंत का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है। पुराने दौर से लेकर अब तक कई थ्रिलर फिल्में आती रही हैं, लेकिन सभी दर्शकों को बांधने में सफल नहीं हो पाईं। 'आलिया बसु गायब है' एक ऐसी ही साइकोलॉजिकल थ्रिलर है, जिसने अभी थ्रिलर फिल्मों के शौकीन दर्शकों का मनोरंजन करेगी। फिल्म में विनय पाठक, राइमा सेन, सलीम दीवान जैसे कलाकार नजर आ रहे हैं। 


 कहानी
'आलिया बसु गायब है' की कहानी पहचान और धारणा के बारे में कुछ गहन सवालों से निपटती है, क्योंकि यह सिर्फ एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर नहीं है, बल्कि यह मानव स्वभाव की साइकोलॉजिकल खोज है। 'आलिया बसु गायब है' पूर्व अपराधियों दीपक और विक्रम की कहानी पर आधारित है, जो फिरौती और निजी बदला लेने के लिए एक अमीर आदमी, यानी उद्योगपति गौतम बसु की बेटी आलिया का अपहरण करते हैं, लेकिन दीपक के छिपे हुए इरादों से उसका दोस्त विक्रम भी अनजान है। आलिया खुद को छुड़ाने के लिए संघर्ष करती है और अपने पिता से बचाव में मदद करने की गुहार लगाती है। जब किडनैपर फिरौती लेने के लिए तयशुदा स्थान पर पहुंचते हैं, तो उन्हें धोखे का पता चलता है, जबकि वहां पैसा भी मौजूद है। कुल मिलाकर यह साइकोलॉजिकल सस्पेंस थ्रिलर शुरू से ही अपने खास तत्व, यानी फुल सस्पेंस के वादे को पूरा करती है। कहानी में सस्पेंस और रोमांचक को जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी।

 


अभिनय 
फिल्म में एक से बढ़कर एक दिग्गज कलाकार हैं। चाहे विनय पाठक हों या फिर राइमा सेन और सलीम दीवान, सबने अपनी भूमिकाओं के साथ भरपूर न्याय किया है। दिलकश राइमा ने हमेशा अपने कम्फर्ट-जोन से बाहर निकलने की कोशिश की है और उनकी यह कोशिश इस फिल्म में भी साफ नजर आती है। राइमा एक अमीर आदमी की बेटी आलिया का किरदार निभा रही हैं, जिसका ‘अपहरण’ कर लिया जाता है और उसे यातनापूर्ण बंदी हिरासत में रखा जाता है। इस अपहृत युवती के किरदार में राइमा सेन ने अपनी भूमिका में जान डाल दी है। जबकि, विनय पाठक तो अपने किरदार में इस कदर रच बस गए हैं, उन्हें किरदार में ढूंढना तक मुश्किल हो जाता है। 

 

निर्देशन
जहां तक निर्देशन की बात है, तो प्रीति सिंह ने 'आलिया बसु गायब है' के जरिये पहली बार किसी फीचर फिल्म के डायरेक्शन की बागडोर संभाली है। फिल्म के सीन्स, एडिटिंग बिल्कुल सटीक है। फिल्म रोमांचक है कहीं भी यह उबाऊ नहीं लगती है। निर्देशक ने दर्शकों के लिए 'आलिया बसु गायब है' को मनोरंजक और रोमांचकारी तमाशा बनाने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है।

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