Updated: 05 Jun, 2024 04:31 PM
यहां पढ़ें कैसी है फिल्म बजरंग और अली
फिल्म: बजरंग और अली (Bajrang Aur Ali)
निर्देशक : जयवीर (Jaiveer)
कलाकार : जयवीर (Jaiveer), सचिन पारिख (Sachin Parikh), रिद्धि गुप्ता (Riddhi Gupta), युगांत ब्रदी पांडे (Yugant Badri Pandey) , गौरीशंकर सिंह (Gauri Shankar singh)
रेटिंग : 3.5*
Bajrang Aur Ali: धर्म, राजनीति और दोस्ती को लेकर पहले भी कई फिल्में सिनेमाघरों में आ चुकी हैं। वहीं अब लेखक और निर्देशक जयवीर के निर्देशन में बनी शानदार फिल्म‘बजरंग और अली’ दोस्ती की मिसाल पेश करने के साथ-साथ एक भाईचारे, इंसानियत की अहम सीख देती है। धर्म के आधार यह फिल्म तमाम बातों को बड़े ही सरल और सहज तौर-तरीकों के साथ सामने रखती है और यही इस फ़िल्म की सबसे बड़ी ख़ासियत भी है। हिंदू और मुस्लिम लड़के की दोस्ती को बड़े ही सुंदर तरीके से पेश किया गया है।
कहानी
फिल्म में दो अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखने वाले दो दोस्तों बजरंग (जयवीर) और अली (सचिन पारिख) की कहानी है। भिन्न समुदाय से संबंध होने के बावजू्द ये दोनों दोस्त हमेशा एक-दूसरे के धर्म की इज्जत करते हैं, हर मुसीबत में एक-दूसरे का साथ देते है और दोनों मिलकर भाईचारे की अनोखी मिसाल भी पेश करते हैं। लेकिन कहानी में एक ऐसा मोड़ आता है कि बजरंग और अली की दोस्ती में दरारें आ जाती हैं। मगर आख़िरकार दोनों अपनी दोस्ती और इंसानियत का धर्म नहीं भूलते हैं। मगर बजरंग और अली की दोस्ती का रंग इस क़दर गाढ़ा होता है कि वो विपरीत हालात में भी सबके सामने अपनी दोस्ती की अनूठी मिसाल पेश करते हैं। 'बजरंग और अली' की कहानी दिलो-दिमाग पर छा जाएगी।
एक्टिंग
फ़िल्म में सभी कलाकरों ने अपने-अपने किरदार पूरी ईमानदारी के साथ निभाए हैं। बजरंग का किरदार निभाने वाले जयवीर ने बेहद उम्दा लगे हैं तो वहीं अली के रोल में सचिन पारिख ने भी कमाल की एक्टिंग की है। दोनों अपने-अपने किरदार में खूब जंचे हैं। इसके अलावा रिद्धि गुप्ता, युगांत बद्री पांडे और गौरीशंकर सिंह जैसे तमाम प्रमुख कलाकारों ने भी अपनी-अपनी भूमिकाओं को उम्दा तरीके से निभाया है।
निर्देशन
फिल्म के निर्देशन की बात करें तो जयवीर ने एक खास कहानी को बहुत ही अच्छे ढंग से पेश किया है। खास बात यह है कि फिल्म इंसानियत के जज़्बे को सर्वोपरि तो रखती ही है लेकिन साथ ही फिल्म मनोरंजक भी है। फिल्म आपको एंटरटेन भी करेगी। निर्देशक जयवीर ने इस बात का पूरा ख़्याल रखा है कि शुरू से लेकर अंत दर्शकों को कहीं भी बोरियत का एहसास ना हो। फिल्म में मनोरंजन के तमाम पुट तो हैं ही, साथ ही यह फ़िल्म एक ऐसी अहम सीख दे जाती है जिसे आज की पीढ़ी के लोगों के लिए समझना बेहद ज़रूरी है।