Edited By Diksha Raghuwanshi,Updated: 29 Oct, 2024 10:05 AM
साल 2024 में लोगों को डराने वाले हॉरर कंटेट पर एक नज़र
मुंबई। हैलोवीन 2024 में अब ज़्यादा वक्त नहीं बचा है और इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह साल हॉरर पसंद करने वाले दर्शकों के लिए काफ़ी रोमांचक रहा है. सिनेमाघरों से लेकर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स तक डराने के साथ-साथ हंसाने वाले कंटेट की ऐसी बाढ़ आई कि लोगों का भरपूर मनोरंजन हुआ और उनपर इसका गहरा प्रभाव भी देखने को मिला. लोगों को भीतर तक कंपा देने वाली पारंपरिक कहानियों हों या फिर हॉरर-कॉमेडी के ज़रिए लोगों को हंसाने व डराने की कोशिश हो, साल 2024 मनोरंजन के डरावने पहलुओं को पुरज़ोर तरीके से सामने लाने के लिए जाना जाएगा.
अक्तूबर महीने में लोगों को हॉरर जॉनर के कंटेट का लुत्फ़ उठाने का भरपूर मौका मिला जिसमें बड़े पर्दे पर रिलीज़ हुई ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों के साथ-साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर पेश की गयीं कहानियां भी शामिल हैं. बेहद लोकप्रिय हॉरर कॉमेडी फ़िल्म 'स्त्री' की सीक्वेल 'स्त्री 2' की अपार सफलता और डिजिटल माध्यमों पर डरावने किस्म के कंटेट की कामयाबी ने एक बार फिर से इस ट्रेंड की लोकप्रियता का एहसास कराया है. ‘स्त्री 2’ में लोक कथाओं और डरावनी परिस्थितियों के मेल ने दर्शकों का ख़ूब मनोरंजन किया और 600 करोड़ से अधिक का कारोबार करते हुए यह फ़िल्म साल की सबसे बड़ी हिट फ़िल्म साबित हुई. अंधविश्वास और गावों में प्रचलित लोक कथाओं पर आधारित फ़िल्म मुंज्या भी लोगों को डराने और उनका मनोरंजन करने में कामयाब रही और फ़िल्म ने 150 करोड़ रुपये से ज़्यादा का कारोबार किया. ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर भी हॉरर कंटेट का ख़ूब जलवा देखने को मिला. ज़ी5 पर रिलीज़ हुई सोनाक्षी सिन्हा और रितेश देशमुख स्टारर फ़िल्म काकूड़ा में कॉमेडी के साथ साथ पैरानॉर्मल गतिविधियों का अच्छा संगम देखने को मिला जो दर्शकों को ख़ूब पसंद आई.
तमाम ऑडियो प्लेटफॉर्म भी इस मामले में किसी से पीछे नहीं हैं और उनके ज़रिए भी एक से बढ़कर ब्लॉकबस्टर हॉरर सीरीज़ श्रोताओं के सामने पेश की जा रही हैं. उल्लेखनीय है कि पॉकेट एफएम ने इस साल कुछ कमाल की और ओरिजनल हॉरर ऑडियो सीरीज़ का निर्माण किया है जिनमें कालभैरवी और भय नगर का शुमार है जिन्हें श्रोताओं द्वारा ख़ूब पसंद किया गया. कालभैरवी में पित्तृसत्तात्मक समाज के सामने एक युवा लड़की और उसकी एक ऐसी चाची की कहानी के ज़रिए चुनौती पेश की गयी है जिसके पास लौकिक शक्तियां मौजूद हैं जिनके इस्तेमाल से वास्तविकता और अलौकिकता का भेद मिट जाता है. वहीं भय नगर में दर्शाया गया है कि एक लड़की दो विभिन्न कालखंड में जीती है जो शापित भय नगर में अपने अतीत और वर्तमान के बीच झूलती है और अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष करती है. ये दोनों ही शोज़ ऐसे हैं जो श्रोताओं को पूरी तरह से भययुक्त दुनिया में खींच लेते हैं. इससे साबित होता है कि ऑडियो एक ऐसा ताकतवर माध्यम है जिससे हॉरर जॉनर की कहानियों को भी बड़े ही प्रभावी तरीके से पेश किया जा सकता है.
पॉकेट एफएम के ब्रांड मार्केटिंग ऐंड कम्युनिकेशन्स के वाइस प्रेसिडेंट विनीत सिंह ने इस बढ़ते ट्रेंड के बारे में कहा, "हॉरर हमेशा से एक ऐसा जॉनर रहा है जो लोगों के अंदर मौजूद भय संबंधी भावनाओं को सशक्त रूप से बाहर लाता रहा है मगर साल 2024 ने डर के हमारे अनुभवों में एक तरह से ख़ासा बदलाव देखने को मिला है, ख़ासकर ऑडियो के ज़रिए. पॉकेट एफएम में हम लोगों को भय की चरम सीमा का एहसास कराने के लिए साउंड की अद्भुत शक्ति का प्रभावी रूप से इस्तेमाल करते हैं जिससे श्रोता ख़ुद अपनी कल्पनाओं के ज़रिए डरावनी परिस्थितियों का अंदाज़ा लगाते हैं. ऐसे में श्रोता महज़ हमारी कहानियां नहीं सुनते है, बल्कि इन्हें सुनते वक्त उन्हें लगता है कि वो ख़ुद ही इन परिस्थितियों के बीच मौजूद हैं जिससे वे ख़ुद उस डर को शिद्दत से महसूस करने लगते हैं. तेज़ी से लोकप्रिय हो रहे इस ट्रेंड से एक बात तो साफ़ है कि इस ट्रेंड से हॉरर अब किसी एक माध्यम का मोहताज़ नहीं रह गया है. एपिसोड के ख़त्म हो जाने के बाद भी ऐसे डरावनी कहानियां लोगों के मन-मष्तिष्क में एक गहरा असर छोड़ जाती हैं, फिर इस बात का फ़र्क़ नहीं पड़ता है कि उस वक्त रात है या दिन.
इसमें कोई शक नहीं है कि साल 2024 एक डरावना किस्म का साल रहा है. जैसे जैसे हैलोवीन की तारीख़ नज़दीक आ रही है, ये स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि हॉरर और हॉरर-कॉमेडी दोनों ही ओटीटी पर लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं और यह जॉनर सबसे लोकप्रिय जॉनर में से एक है. दर्शकों को डरावनी फ़िल्में देखना ख़ासा पसंद है और ऐसे में वे सभी सीमाओं से परे जाकर डर को आत्मसात करना चाहते हैं. जल्द रिलीज़ होने जा रही फ़िल्म 'भूलभुलैया 3' को देखने के लिए दर्शकों के उत्माह से समझा जा सकता है कि यह ट्रेंड किस क़दर लोकप्रिय है. आप मनोवैज्ञानिक भय, जम्प स्केर्स या फिर हॉरर-कॉमेडी में से कुछ भी पसंद करते हों, एक बात तो तय है कि कभी कभी डर ही मनोरंजन का सबसे बढ़िया माध्यम साबित होता है.