पहले से ज्यादा दमदार होगी कोर्ट रूम ड्रामा इलीगल 3

Updated: 04 Jun, 2024 02:30 PM

courtroom drama illegal 3 will be more powerful than before

फिल्मों से लेकर ओटीटी तक में कोर्ट रूम ड्रामा काफी पॉपुलर हो रहे हैं।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। फिल्मों से लेकर ओटीटी तक में कोर्ट रूम ड्रामा काफी पॉपुलर हो रहे हैं। ऐसा ही एक कोर्ट रूम ड्रामा है इलीगल, जिसके दो सीजन दर्शकों द्वारा काफी पंसद किए गए। इसी बीच एक बार फिर मेकर्स नए सीज़न के साथ आए हैं, जिसमें नेहा शर्मा, अक्षय ओबेरॉय और पीयूष मिश्रा मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। निहारिका के किरदार में नेहा शर्मा और जेजे के रोल में पीयूष मिश्रा के बीच एक बार फिर जंग होती नजर आएगी। सीरीज के बारे में नेहा शर्मा, अक्षय ओबेरॉय, नील भूपलम, सत्यजीत मिश्रा और पीयूष मिश्रा ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश...

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मैं पर्दे पर कॉमेडी करना चाहता हूं : नील भूपलम

Q. आप इलीगल-3 का हिस्सा कैसे बने?
-मेरे पास कॉल आया था कि इलीगल सीजन 3 में एक नए किरदार का परिचय कराना है। मैं इस सीरीज के पहले 2 सीजन के बारे में जानता था। उसके बाद मैंने पूछा कि यह किस तरह का किरदार होने वाला है तो पता चला कि एक केस है, जहां पर एक राजस्थान का बड़ा बिजनेसमैन है। यह किरदार मुझे अच्छा लगा। मेरे लिए इस किरदार को निभाना बहुत ही कमाल का रहा। क्यों​कि इसके लिए काफी कुछ नई चीजें करने को मिलीं।

Q. जब आपको ये रोल ऑफर हुआ तो आपके डायरैक्टर से क्या सवाल थे?
-मेरे मन में था कि कर पाऊंगा या नहीं लेकिन साहिर रज़ा जो निर्देशक हैं, वह पूरी तरह से मुझे लेकर श्योर थे। वह मुझे सेट पर तंग भी करते थे और कहते थे कि यह नील नहीं है ये दुष्यंत है। फिर मैं उस बारे में सोचता था कि दुष्यंत को पूरी तरह स्क्रीन पर दिखा पाऊं।

Q. आप बहुत कम प्रोजैक्ट में नजर आते हैं तो किस आधार पर कोई स्क्रिप्ट चुनते हैं।
-नेहा को भी ऐसा लगता है कि में थोड़ा चूजी हूं। मुझे शायद लगता है कि जो मुझे ऑफर होता है और मैं क्या करना चाहता हूं वो एक मिश्रण है। लेकिन मैं जो भी करता हूं, उसके लिए मुझे खुशी होती है। इसके अलावा मैं स्क्रीन पर कॉमेडी करना चाहता हूं और खासकर उस तरह की साइलैंट कॉमेडी जो चार्ली चैपलिन जैसी हो। ये करने में मुझे बहुत मजा आएगा।

 

आप निहारिका को अलग लैवल में देखेंगे: नेहा शर्मा

Q. पहले और दूसरे सीज़न में आपके किरदार की क्या विशेषताएं हैं, जिसे तीसरे सीज़न में भी लेकर आई हैं?
-सीरीज में जिस निहारिका नाम की लड़की का किरदार मैं निभा रही हूं, वह बहुत ही मेहनती है। वो हमेशा इस बुरी बेकार दुनिया में जगह बनाना चाहती है और इस सीजन में आप उसे एक अलग लैवल पर जाते देखेंगे। 
वो कहीं खो गई है, जहां सही और गलत की सीमा उसे साफ नहीं दिखाई दे रही है। कई बार समझ नहीं आता, क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इसलिए हो सकता है कि उसका एक अलग अवतार इस सीजन में देखने को मिले। इस सीजन में उसे रोकना मुश्किल होगा और उसमें कहीं-कहीं उसका डार्क साइड भी नजर आने वाला है।

Q. सीरीज में आपके किरदार की सबसे अच्छी बात आपको क्या लगती है?
-निहारिका के बारे में मुझे सबसे ज्यादा जो चीज पंसद आई, वह है कि जो सही है उसके साथ खड़ी रहती है और वो सही चीजों के लिए खड़ी है ये सुनिश्चित भी करती है। कई सारे ऐसे केस इसका उदाहरण हैं जैसे- मेहरसलाम, वर्तिका। इन केसों में निहारिका ने बेहतरीन काम किया था। मुझे उस पर गर्व भी है लेकिन यह सीजन वैसा नहीं है कुछ अलग है। ये कुछ बाते हैं जो इस रोल की काफी अच्छी हैं।

Q. अपने किरदार से आप क्या अपनाना चाहेंगी और क्या छोड़ना चाहेंगी?
-इस किरदार से पहली चीज तो मैं यही अपने जीवन में अपनाना चाहूंगी कि जो आपको लगता है कि सही नहीं है, सही होना चाहिए उसके लिए खड़े रहो और दूसरी बात जो मैं नहीं अपनाना चाहूंगी वो है कि जिंदगी बहुत छोटी है तो आगे बढ़ने के लिए अपने रिश्ते या जो लोग आपके करीब हैं, उन्हें निराश मत करो। निहारिका का जो मकसद है कि हर कीमत पर मुझे आगे बढ़ना है या कहीं पहुंचना है ये आदत मुझे अपने जीवन में नहीं अपनानी है।

 

स्क्रिप्ट एक एक्टर से बड़ी होती है : पीयूष मिश्रा

Q. इस सीजन में आपके किरदार में किस तरह के शेड्स देखने को मिलेंगे?
-जी बिल्कुल इस सीजन में भी काफी नए-नए शेड्स देखने को मिलने वाले हैं। इस बार जो मेरा किरदार है वो इतना चालाक बंदा है जो पूरी सरकार तक को रूल कर लेता है वो भी रोता हुआ नजर आने वाला है। वो भी इस बार टूटा हुआ नजर आएगा व दर्शकों के लिए यह देखना बहुत आश्चर्यजनक होगा और मुझे लगता है कि यह भी मेरे लिए एक आला किस्म का किरदार होगा। इसको करने में मुझे बहुत मजा आया।

Q. आपको हर तरह के रोल निभाते देखा है अक्सर, अपनी स्क्रिप्ट में कुछ बदलाव या सुधार भी करते हैं?
-हां, बिल्कुल मैं स्क्रिप्ट को सुधारता हूं लेकिन एक सीमा में और उसके पैरामीटर से रहकर। कोई भी स्क्रिप्ट के परे जाकर उसमें बदलाव नहीं कर सकता। जो भी सुधार करना होता है, उस स्क्रिप्ट के अंदर ही करना होता है। स्क्रिप्ट ही सुप्रीम है। हर रोल में स्क्रिप्ट एक्टर से बड़ी है व कुछ ही ऐसे फिल्म मेकर हैं जो इंप्रोवाइजेशन का मौका देते हैं। वरना हर कोई नहीं देता आपको वैसा ही करना है जैसा स्क्रिप्ट में लिखा है।

 

पिता की कठपुतली नहीं रहा अक्षय जेटली : ओबेरॉय

Q. इस सीजन में आपके किरदार में कौन-सी नई परतें देखने को मिलेंगी?
-मुझे लगता है कि वो स्क्रिप्ट पर निर्भर करता है व इसकी जो स्क्रिप्ट है वो हर किरदार को आगे बढ़ाती है। खासतौर पर मेरी बात हो तो जिस अक्षय जेटली को पहले दो सीजन में उसकी परिस्थितियां कंट्रोल करती थी, वह इस सीजन में अपनी परिस्थितियों को कंट्रोल करेगा, दुनियादारी को समझेगा। साथ ही उसकी लव स्टोरी भी आगे बढ़ चुकी है। अब वो पिता की कठपुतली नहीं, खुद की बात खुलकर कह सकता है। वो सोचता है, जो भी करूंगा अपने मन से ही करूंगा।

Q. इंडस्ट्री में बने रहने के प्रैशर से आप खुद को कैसे प्रोत्साहित करते हैं?
-काम मुझे हमेशा मिला, हां कई बार ऐसा होता है कि कुछ चीजें प्लॉप हो जाती हैं, बस इतना फर्क होता है। अच्छी फिल्में कहीं न कहीं चल ही जाती हैं और मैं हमेशा से मोटीवेटेड था मैं अपने काम के लिए जुनूनी हूं। मैंने कभी इधर-उधर नहीं देखा, बस मैं एक्टिंग के पीछे चलता रहा। एक्टिंग में बहुत खुशी मिलती है व इन सबसे ही मैं प्रोत्साहित रहता हूं। काम तो मुझे हमेशा ही मिला, भले ही छोटा रोल ही क्यों न हो।

 

कमर्शियल प्रोजैक्ट का ठप्पा करियर में मदद करता है: सत्यदीप मिश्रा

Q. क्या आपको कभी इंडस्ट्री में किसी से कोई सलाह मिली है?
-सलाह तो नहीं, पर जब मैं एक्टिंग करने मुंबई आया था तो मैं 35 साल का था और जब नौजवानी की उम्र में आप इस पेशे के लिए आते हो तो उसमें अंतर होता है। मैंने कभी ये नहीं सोचा कि मुझे अपने पोस्टर या होर्डिंग्स लगवाने हैं, मुझे बस एक अच्छी जॉब करनी थी। मेरे लिए सेट पर जाना दफ्तर जाने की तरह है। फिर कभी जल्दी काम मिला, कभी धीरे। लेकिन हर तरह के फेज देखकर ही आप परफैक्ट इंसान बनते हो। कमर्शियल प्रोजैक्ट या सफलता का ठप्पा, मतलब आपके करियर में मदद करेगा। इसके अलावा भी आपकी किस्मत भी जरूरी होती है।

Q. पीयूष मिश्रा के साथ काम करके आपको क्या कुछ सीखने को मिला?
-मैंने सर के साथ काम करके सबसे पहले तो यही सीखा कि जब ये लाइनें याद कर रहे हो तो इनके पास नहीं जाना चाहिए। कई बार लंबी-लंबी लाइनें होती हैं तो ये अपने थोड़े खडूस अवतार में आ जाते हैं। सर को बहुत फोकस माहौल चाहिए होता है सेट पर। सर सीन से पहले बातचीत नहीं करते क्योंकि उन्हें अपने एक्ट को लेकर बिल्कुल फोकस होना होता है बहुत ही कॉन्सन्ट्रेट रहते हैं।

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