Updated: 28 Feb, 2025 10:37 AM
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यहां पढ़ें फिल्म क्रेजी का रिव्यू।
क्रेजी (crazxy)
स्टारकास्ट : सोहम शाह (Sohum Shah) , टीनू आनंद (Tinnu Anand), निमिषा साजयान (Nimisha Sajayan), शिल्पा शुक्ला (Shilpa Shukla)
लेखक एवं निर्देशक : गिरीश कोहली (Girish Kohli )
निर्माता : सोहम शाह (Sohum Shah), मुकेश शाह (Mukesh Shah) और अमिता शाह (Amita Shah)
रेटिंग : 4*
क्रेजी: इन दिनों फिल्मकार ओरिजिनल कहानी पर आधारित फिल्म बनाने से बचते दिखाई दे रहे हैं, वे नई कहानी को लेकर ज्यादा जोखिम उठाना नहीं चाहते। ज्यादातर फिल्में दक्षिण की हिट फिल्मों का ही रीमेक होती हैं । इन फिल्मों को बनाते हुए उन्हें लगता होगा कि ये फिल्में तो हिट होंगी ही लेकिन ओटीटी और यूट्यूब पर इन फिल्मों को दर्शक पहले ही देख चुके होते हैं , इसलिए ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा धमाल नहीं कर पाती । लेकिन दूसरी ओर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कुछ ऐसे चुनिंदा फिल्मकार भी हैं जो देर में ही सही, लेकिन एक नई और असल कहानी पर ही फिल्म बनाना पसंद करते हैं । ऐसे ही फिल्मकारों में से एक हैं सोहम शाह , जो न केवल शानदार अभिनेता हैं बल्कि एक शानदार फिल्मकार भी हैं। अपनी पहली फिल्म 'तुम्बाड' के साथ उन्होंने न केवल हिंदी फिल्म उद्योग को एक कल्ट क्लासिक फिल्म दी है बल्कि एक ऐसी नई और असल कहानी दर्शकों के सम्मुख रखी जिसे हर आयु वर्ग के दर्शक ने पसंद किया। 'तुम्बाड' की अपार सफलता के बाद इस फिल्मकार की एक और नई फिल्म 'क्रेजी' 28 फरवरी 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। यह फिल्म अपने थ्रिल से दर्शकों के दिमाग को घुमाकर रखने की क़ाबलियत रखती है।
कहानी
कहानी एक सर्जन अभिमन्यु सूद (सोहम शाह ) की है , जो अपने प्रोफेशन में तो बेहतरीन है लेकिन अपने परिवार के प्रति संवेदनशील नहीं है, क्योंकि वह अपनी पहली पत्नी और बेटी से अलग किसी दूसरी औरत के साथ रह रहा है। उसके जीवन में तब एक अप्रत्यशित मोड़ आता है जब उसे पता चलता है कि उसकी बेटी को किसी ने किडनैप कर लिया है । इसके बदले में अपहरणकर्ता उससे 5 करोड़ की मांग करता है। वह पैसा देने को तैयार हो जाता है लेकिन इसके बाद उसके जीवन में ऐसे ट्विस्ट और टर्न्स आते हैं, जो उसकी हालत दयानीय बना देते हैं। इस चुनौतियों से निपटते हुए क्या वो अपनी बेटी की जान बचा पायेगा। क्या वह अपने विरुद्ध हो रही साजिश का पर्दाफाश करने में कामयाब होगा ? । अपहणकर्ता कौन है और वो क्यों उसे इस तरह प्रताड़ित कर रहा है, इन सब सवालों के जवाब आपको फिल्म देखकर मालूम होंगे।
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एक्टिंग
फिल्म में सोहम शाह के साथ टीनू आनंद , निमिषा साजयान और शिल्पा शुक्ला काम कर रहे हैं। लेकिन पूरा फोकस सोहम शाह के किरदार अभिमन्यू सूद पर केंद्रित है। फिल्म देखकर लगता है सोहम शाह ने यह किरदार निभाया नहीं बल्कि जिया है। इस किरदार के जीवन में एक दिन की घटना कैसे उसकी मानसिक और शारीरिक स्थिति को पूरी तरह से अस्त व्यस्त कर देती है, सम्पूर्ण हाव भावों का प्रदर्शन सोहम शाह ने उत्कृष्टता से किया है। फिल्म में टीनू आनंद , निमिषा साजयान और शिल्पा शुक्ला जैसे अनुभवी कलाकार भी हैं जिन्होंने अपने अपने किरदारों के साथ फिल्म को पूरी तरह से सपोर्ट किया है, और शानदार अभिनय का परिचय दिया है ।
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डायरेक्शन
गिरीश कोहली इस फिल्म से पहले मॉम और हिट : द फर्स्ट केस जैसी सफल थ्रिलर फिल्में चुके हैं । कहानी , स्क्रीनप्ले और निर्देशन की जिम्मेदारी को पूरी लग्न से संभालते हुए उन्होंने 'क्रेजी ' फिल्म को स्क्रीन पर पेश किया है। फिल्म का एक एक सीन सीट पर चिपकने पर मजबूर कर देगा। थ्रिल इतना जबरदस्त है कि दर्शक फिल्म के नायक के साथ पूरी तरह जुड़ जाता है और परिस्थिति से सही सलमत निकलने की कामना करता है। फिल्म में डायलाग काफी छोटे रखे गए हैं लेकिन ये डायलॉग गंभीर असर डालने में सक्षम हैं। विकट परिस्थिति में फंसे एक व्यक्ति की रोमांचक कहानी काफी सशक्त है, और एक गंभीर सन्देश देती है। फिल्म की एडिटिंग काबिले तारीफ़ है कोई भी सीन बेवजह प्रतीत नहीं होता । फिल्म की रफ़्तार शानदार है , दर्शक स्टोरी और डायलाग और किरदारों को पूरी तरह समझ पाते हैं । गिरीश कोहली का निर्देशन लाजवाब है।
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म्यूजिक
फिल्म के कुल मिलकर सात गाने हैं जिन्हें लिखा है गुलजार, मनन भरद्वाज और ओशो जैन ने। फिल्म में संगीत विशाल भरद्वाज, विशाल मिश्र और मनन भरद्वाज का है। बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म की कहानी के साथ पूरी तरह लय स्थापित करता है। फिल्म में बब्बू मान का गाया गीत 'मित्रो मैदान ' , विशाल भरद्वाज द्वारा गया गीत 'पुल', देवकी शर्मा द्वारा गया गीत 'ओ पापा' सुखविंदर सिंह द्वारा गया गीत ' चन वे ' काफी मधु और अच्छे बन पड़े हैं । फिल्म में मुख्य किरदार अभिनयु सूद की परस्थिति पर 'इन्किलाब ' मूवी का गीत अभिनयु चक्रव्यूह में फंस गया है तू, और 'सत्या ' फिल्म का गाना कल्लू मामा -भेजे की सुनेगा तो मरेगा कल्लु- बैकग्राउंड में चलते हैं , जो काफी अच्छे लगते हैं । काफी अंतराल के बाद रोमांच के धागों से बुनी नई और ओरिजिनल कहानी पर बनी फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। ऐसी फिल्मों का दर्शक बेसब्री से इन्तजार करते हैं और यह दर्शकों के लिए किसी शानदार ट्रीट से कम नहीं होगी । संक्षेप में कह सकते हैं कि यह फिल्म हर आयु वर्ग के दर्शकों को काफी पसंद आएगी ।