Updated: 13 Dec, 2024 11:46 AM
यहां पढ़ें कैसी है मनोज बाजपेयी की फिल्म डिस्पैच
फिल्म- डिस्पैच (Despatch)
स्टारकास्ट- Manoj Bajpayee (मनोज बाजपेयी), Archita Aggarwal(अर्चिता अग्रवाल) ,Shahana Goswami (शहाना गोस्वामी)
निर्देशक- कनु बहल (Kanu Behl)
ओटीटी प्लेटफार्म- ZEE5
रेटिंग- 3.5*
Despatch: पत्रकारिता एक ऐसा पेशा है जिसमें हमेशा सच्चाई के लिए संघर्ष करना पड़ता है। कभी-कभी, यह पेशा आपको अपने जीवन को भी खतरे में डालने के लिए मजबूर कर देता है। मनोज बाजपेयी की फिल्म ‘डिस्पैच’ में एक खोजी पत्रकार की कहानी दिखाई गई है, जो 8000 करोड़ रुपये के एक घोटाले का खुलासा करने की कोशिश में अपनी जान जोखिम में डालता है। यह फिल्म न केवल पत्रकारिता के कठिन और खतरनाक पहलुओं को दर्शाती है, बल्कि इसमें पत्रकारों के साहस और संघर्ष को भी बखूबी प्रदर्शित किया गया है। फिल्म जी 5 पर रिलीज हो चुकी है। आइए जानते हैं कैसी है कनु बहल के निर्देशन में बनी ये सीरीज।
कहानी
डिस्पैच एक इन्वेस्टिगेटिव थ्रिलर है, जो जॉय बैग (मनोज बाजपेयी) नामक एक क्राइम जर्नलिस्ट के इर्द-गिर्द घूमती है। जॉय, जो एक अखबार के लिए काम करता है, 8000 करोड़ रुपये के जीडीआर 2जी घोटाले के राज को उजागर करने के लिए अपनी जान को खतरे में डालता है। जैसे-जैसे वह इस घोटाले की सच्चाई के करीब पहुंचता है, उसे जान से मारने की धमकियाँ मिलने लगती हैं। वह अपने मिशन से पीछे नहीं हटता, लेकिन हर कदम पर उसे दुश्मनों से खतरनाक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस संघर्षपूर्ण यात्रा में वह न केवल अपनी जान को जोखिम में डालता है, बल्कि अपने परिवार और पेशेवर जीवन को भी दांव पर लगाता है। अब इस बीच उसे कामयाबी मिलती है कि नहीं ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
एक्टिंग
मनोज बाजपेयी ने जॉय बैग के किरदार का प्रदर्शन अविस्मरणीय है, जो दर्शकों को उनके संघर्ष से जोड़ता है। पत्रकार के किरदार में एक्टर खूब जंच रहे हैं।शहाना गोस्वामी ने जॉय की सहयोगी की भूमिका में दमदार काम किया है। उनकी सटीक और सजीव एक्टिंग ने फिल्म को और भी रियल बना दिया है। अर्चिता अग्रवाल की एक्टिंग भी सराहनीय है।रितुपर्णा सेन, दिलीप शंकर, और रिजु बजाज ने सहायक भूमिकाओं में अपने अभिनय से कहानी में और भी गहराई डाली।
डायरेक्शन
कनु बहल का निर्देशन फिल्म को शानदार तरीके से प्रस्तुत करता है। उन्होंने न केवल पत्रकारिता की दुनिया की जटिलताओं को उजागर किया है, बल्कि एक सशक्त और सशक्त नायक की छवि भी गढ़ी है। उनका निर्देशन फिल्म को वास्तविकता से जोड़ता है, जिससे दर्शक किरदारों और कहानी में डूब जाते हैं। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी भी शानदार है, जो न केवल माहौल को उकेरती है बल्कि दर्शकों को फिल्म की सच्चाई से जुड़े रहने के लिए प्रेरित करती है।