Updated: 14 Dec, 2024 03:34 PM
डिसपैच की स्टारकास्ट मनोज बाजपेयीय, अर्चिता अग्रवाल और डायरेक्टर कनु बहल ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की।
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। डिसपैच, एक एक्शन थ्रिलर फिल्म, 13 दिसंबर को जी5 पर रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म में मनोज बाजपेयी ने अपनी अद्भुत एक्टिंग से एक बार फिर दर्शकों का दिल जीत लिया है। फिल्म में वह एक क्राइम रिपोर्टर जॉन का किरदार निभा रहे हैं, जो कई जीवन के पहलुओं को उजागर करता है। इसमें अर्चिता अग्रवाल भी अहम भूमिका निभा रही हैं। फिल्म के बारे में डिसपैच की स्टारकास्ट मनोज बाजपेयीय, अर्चिता अग्रवाल और डायरेक्टर कनु बहल ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
डायरेक्टर- कनु बहल
प्रश्न: आपकी सभी फिल्में डार्क और इंटेंस होती हैं। डिसपैच के लिए आपने किस कोर इमोशन को ध्यान में रखकर कहानी बनाई?
उत्तर: फिल्म का कोर इमोशन एक तरह का डर है, जो हर व्यक्ति में कहीं न कहीं किसी न किसी चीज को लेकर होता है। यह डर किसी के लालच से, किसी की परेशानी से या फिर किसी और मानसिक स्थिति से जुड़ा हो सकता है। यही वह इमोशन है जो फिल्म में सबसे प्रमुख है, और इस डर के भीतर हमारे सारे अन्य इमोशन समाहित होते हैं। लोग जब इस फिल्म को देखते हैं तो उन्हें एक प्रकार की चिंता महसूस होती है, जो दर्शकों को पूरी फिल्म के दौरान घेरे रखती है।
प्रश्न: आपके एक्टर्स ने आपके बारे में काफी तारीफ की है क्या कहेंगे इस पर?
उत्तर: मेरा काम एक्टर को किरदार में ढालने में मदद करना है। हमारी 2 महीने की वर्कशॉप में एक्टर्स को किरदार की जिंदगी जीने का अभ्यास कराया जाता है। इससे वे किरदार को गहराई से समझ पाते हैं। मेरा मानना है कि एक एक्टर तभी अपनी भूमिका को सच्चाई के साथ निभा सकता है, जब वह उस किरदार को पूरी तरह से जीता है।
मनोज बाजपेयी
प्रश्न: जॉन बनने की प्रक्रिया कैसी रही?
उत्तर: कनु का अपना प्रोसेस है, जो बहुत प्रभावी है। उन्होंने सभी एक्टर्स को वर्कशॉप में शामिल किया, चाहे उनका रोल छोटा ही क्यों न हो। उनकी डिमांड रहती है कि सभी वर्कशॉप में आकर अपने किरदार को समझें। मुझे वर्कशॉप अटेंड करना बेहद पसंद है, क्योंकि इससे न केवल किरदार समझने में मदद मिलती है, बल्कि जीवन की दिशा भी मिलती है।
प्रश्न: फिल्म में एक इंटीमेट सीन है। इसे करने में आपको कोई असहजता हुई?
उत्तर: मैं स्वभाव से शर्मिला हूं और इस तरह के इंटीमेट सीन करने में मुझे पहले झिझक होती है। लेकिन बाद में मुझे यह समझ में आता है कि यह सिर्फ एक किरदार को निभाने का हिस्सा है। मेरी पत्नी ने मुझे एक सलाह दी थी कि किसी भी सीन को सही तरीके से निभाना चाहिए, ताकि वह सीन फिल्म का हिस्सा लगे, न कि किसी बाहरी फिल्म का। यही वजह है कि मैं उन सीन को लेकर सहज महसूस करने में सफल हुआ।
अर्चिता अग्रवाल
प्रश्न: दिग्गज कलाकारों के साथ काम करने के बाद आपने क्या सीखा?
उत्तर: मनोज सर जैसे सीनियर एक्टर के साथ काम करना एक बड़ा अनुभव है। वह हमेशा अपने सह-कलाकारों और डायरेक्टर को पूरा स्पेस देते हैं। एक बार ऐसा हुआ कि मैं एक सीन कर रही थी और कनु सर को मेरी पिच तेज चाहिए थी, लेकिन वह हो नहीं रहा था। उस समय मनोज सर ने मेरी मदद की और मुझे सही दिशा में गाइड किया। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी। कनु सर हमेशा अपने काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहते हैं, और मुझे लगता है कि यह उनका सबसे बड़ा गुण है।
प्रश्न: मनोज सर ने कनु सर को हार्ड टास्क मास्टर कहा। आप क्या कहना चाहेंगी?
उत्तर: यह सही है। कनु सर अपने काम को लेकर बेहद समर्पित हैं। वे अपने एक्टर्स को सहज महसूस कराते हैं और किरदार को समझने में मदद करते हैं। यह उनकी सबसे बड़ी खासियत है।