Edited By Diksha Raghuwanshi,Updated: 09 Mar, 2025 10:29 AM
आरोपों में दस्तावेजों में जालसाजी, वीजा आवेदन में हेराफेरी और धन का दुरुपयोग शामिल है। कई संदिग्ध लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
जालंधर। पंजाब में इमीग्रेशन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग पर शिकंजा कसते हुए कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कई वीज़ा कंसल्टेंसी फर्मों पर कार्रवाई की है। जालंधर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है, जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित अवैध वीज़ा प्रोसेसिंग और वित्तीय अपराधों के सिलसिले में कई कार्यालयों पर छापेमारी की है।
जालंधर में एफआईआर दर्ज
पीटीआई और न्यूज़ 24 की रिपोर्ट के अनुसार, जालंधर पुलिस कमिश्नरेट ने लुधियाना निवासी हरविंदर सिंह की शिकायत के बाद जांच शुरू की। उन्होंने आरोप लगाया कि ईज़ी वीज़ा एजुकेशन, जिसे कक्कड़ परिवार संचालित करता है, ने वीज़ा प्रोसेसिंग के लिए भारी रकम ली लेकिन सेवाएं प्रदान नहीं कीं।
यह कथित धोखाधड़ी 15 दिसंबर 2023 से 30 जून 2024 के बीच ईज़ी वीज़ा एजुकेशन के जालंधर स्थित वसल टावर कार्यालय में हुई। इस मामले में पुलिस ने पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल्स (रेगुलेशन) एक्ट, 2014 की धारा 13 के तहत मामला दर्ज किया है।
जांच अधिकारी:
आईपीएस सिरीवेंनेला, सहायक पुलिस आयुक्त (ACP), इस जांच का नेतृत्व कर रही हैं। संभावित कानूनी कार्रवाई में गिरफ्तारी, संपत्ति जब्ती और पीड़ितों के लिए वित्तीय पुनर्प्राप्ति शामिल है।
इमीग्रेशन धोखाधड़ी को लेकर ईडी की छापेमारी
इसके समानांतर, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को लुधियाना और चंडीगढ़ में कई वीज़ा कंसल्टेंसी फर्मों पर छापेमारी की। इन कंपनियों पर इमीग्रेशन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। जांच के दायरे में आने वाली प्रमुख फर्में हैं:
रेड लीफ इमीग्रेशन प्राइवेट लिमिटेड
ओवरसीज पार्टनर एजुकेशन कंसल्टेंट्स
इन्फोविज़ सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन
छापेमारी के दौरान ईडी ने 19 लाख रुपये नकद, आपत्तिजनक दस्तावेज़ और डिजिटल उपकरण जब्त किए। यह कार्रवाई अमेरिकी दूतावास के ओवरसीज क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन ऑफिस द्वारा दर्ज शिकायतों और पंजाब तथा दिल्ली पुलिस की एफआईआर के आधार पर की गई।
ईडी की रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ?
ईडी के अनुसार, ये फर्में निम्नलिखित अवैध गतिविधियों में शामिल थीं:
फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र और अनुभव पत्र तैयार करना ताकि वीज़ा आवेदकों को अमेरिकी इमीग्रेशन आवश्यकताओं को पार करने में मदद मिल सके।
आवेदकों के बैंक खातों में धनराशि स्थानांतरित करना ताकि उनकी वित्तीय स्थिरता का झूठा रिकॉर्ड बनाया जा सके।
वीज़ा आवेदन में हेरफेर के लिए भारी कमीशन लेना।
धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि का अचल संपत्तियों में निवेश और कई बैंक खातों में स्थानांतरण।
ईडी ने अपनी जांच तेज कर दी है, और जल्द ही और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
इलीगल इमीग्रेशन पर बढ़ती कार्रवाई और व्यापक प्रभाव
यह जांच पंजाब में बढ़ते इमीग्रेशन फ्रॉड की गंभीरता को दर्शाती है। हाल ही में कई भारतीय नागरिकों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है, जिससे इमीग्रेशन नियमों के उल्लंघन पर बढ़ती सख्ती का संकेत मिलता है।
वीज़ा धोखाधड़ी से बचने के उपाय
हालिया घटनाओं के मद्देनजर, छात्रों और वीज़ा आवेदकों को सतर्क रहने और निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है:
✅ कंसल्टेंट की जांच करें: वीज़ा कंसल्टेंसी फर्मों की पंजीकरण स्थिति और प्रमाणपत्रों को सरकारी एजेंसियों से सत्यापित करें।
✅ अग्रिम भुगतान से बचें: बड़ी रकम अग्रिम रूप से देने से बचें, खासकर जब तक लिखित अनुबंध न मिले।
✅ ठीक से रिसर्च करें: ऑनलाइन रिव्यू, टेस्टिमोनियल्स और शिकायतें जांचें।
✅ कानूनी दस्तावेज़ बनाएं: सभी समझौतों को लिखित और कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाएं।
✅ संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें: किसी भी धोखाधड़ी की तुरंत स्थानीय पुलिस या इमीग्रेशन विभाग को सूचना दें।
मुख्य निष्कर्ष
🔹 भरोसा करें लेकिन जांच करें: किसी भी वीज़ा कंसल्टेंट की सेवाएं लेने से पहले उनकी विश्वसनीयता की पुष्टि करें।
🔹 अपडेट रहें: इमीग्रेशन नीतियों और धोखाधड़ी से बचाव के तरीकों की जानकारी रखें।
🔹 कानूनी मदद लें: यदि धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं, तो अपनी धनराशि की वसूली और दोषियों को सजा दिलाने के लिए कानूनी सहायता लें।
यह कार्रवाई एक सख्त चेतावनी है कि वीज़ा प्रक्रियाओं से जुड़े धोखाधड़ी से बचने के लिए पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए।