Updated: 18 Nov, 2024 05:10 PM
1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान, 18 नवम्बर को लद्दाख की बर्फीली पहाड़ियों पर चार्ली कंपनी के 120 सैनिकों ने अपनी वीरता और बलिदान से इतिहास रचा।
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान, 18 नवम्बर को लद्दाख की बर्फीली पहाड़ियों पर चार्ली कंपनी के 120 सैनिकों ने अपनी वीरता और बलिदान से इतिहास रचा। वे 3,000 से ज्यादा चीनी सैनिकों के सामने डटे रहे, संख्या में कम होने और बर्फीली ठंड की परवाह किए बिना, अपने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए आखिरी दम तक लड़े। उनका अदम्य साहस रेजांग ला को भारतीय सैन्य इतिहास में वीरता और बलिदान का प्रतीक बना गया।
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इस वीरता की 62वीं वर्षगांठ पर, एक्सेल एंटरटेनमेंट और ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज उन 120 बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए तैयार हैं, जो मेजर शैतान सिंह पीवीसी के नेतृत्व में रेजांग ला पर लड़े। आगामी फिल्म 120 बहादुर गुमनाम नायकों की सच्ची कहानी को पर्दे पर लाती है, जो हमारे देश के साहस और बलिदान की गाथा को नई पीढ़ी तक पहुंचाती है।
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रजनीश "राज़ी" घई द्वारा निर्देशित, 120 बहादुर मेजर शैतान सिंह और उनके सैनिकों के असाधारण साहस को उजागर करती है। यह फिल्म उन वीर नायकों को सम्मानित करने का एक प्रयास है, जिनकी बहादुरी आज भी पूरे देश को प्रेरित करती है।