लीगेसी नहीं, बस मेहनत का सिलसिला है जो पापा से शुरू हुआ: सनी देओल

Updated: 11 Apr, 2025 11:21 AM

exclusive interview with jaat starcast with punjab kesari

फिल्म के बारे में फिल्म की कास्ट ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी, और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सुपरस्टार सनी देओल गदर 2 की जबरदस्त सफलता के बाद लगभग दो साल के बाद फिल्मी पर्दे पर लौटे हैं, एक्टर अपनी नई फिल्म जाट के साथ सिनेमाघरों में वापस आ चुके हैं। इस फिल्म में सनी देओल ने अपने ढाई किलो के हाथ की ताकत को न केवल नॉर्थ, बल्कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री के दर्शकों के सामने भी प्रस्तुत किया है। फिल्म  का निर्देशक गोपीचंद मलिनेनी ने किया है। फिल्म में सनी देओल के अलावा रणदीप हुड्डा और विनीत कुमार मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म के बारे में फिल्म की कास्ट ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी, और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:

सनी देओल

फिटनेस के लिए मेहनत करनी पड़ती है

सवाल: आपको देखते ही देओल्स की लेगेसी नजर आती है, फिर चाहे वो एक्टिंग हो या लुक्स क्या कहेंगे इसपर?

आप लोगों ने यह कहकर एक लेगेसी का इसको नाम दे दिया है। अब तो बस वही है जो जैसे पापा से शुरू हुआ है और आगे हम बस चलते जा रहे हैं। मैं हूं, मेरा भाई है। इसके आगे जाकर मेरे बच्चे भी आऐंगे, बॉबी के भी आऐंगे। यह मैंने कर लिया बॉबी ने कर लिया। हमने अपनी अपनी जगह बना ली है और यह कैसे बनी? क्यों बनी? बस यह मेहनत से ही होती है और कुछ अच्छे काम किए हैं। बस यही कहूंगा कि मेहनत करो और आगे बढ़ो और शरमाओ मत कोई भी चीज करते हुए और चलते जाओ। पापा से शुरुआत चलता जा रहा है यह सिलसिला और बस ऐसे ही चलता रहे, बाकी हम तो पूरी कोशिश करेंगे कि जो हमने करना है उसे अच्छी तरह से निभाएं, अच्छा अच्छा सिनेमा दें और लोगों का मनोरंजन करते रहें। 


सवाल: आपने अपने किरदारों को हमेशा रियल और प्रभावशाली निभाया है। क्या आपकी तैयारी की खास प्रक्रिया है?

नहीं, मैं स्क्रिप्ट भी पूरी नहीं पढ़ता। बस कहानी सुनता हूं और उसे महसूस करता हूं। किरदार को मैं अपने अंदर से निकालता हूं। मेरे पास कोई तय प्रक्रिया नहीं, बस अपने अंदर के इमोशन्स को सीन के हिसाब से बाहर निकालता हूं। मेरा दिमाग चलना शुरू हो जाता है और फिर उसके बाद मैं हमेशा अपने आप कोशिश करता हूं कि यह किरदार ऐसा ही होगा, यह होगा, वह होगा। अपनी खुद की अपने आप ही तैयारी चलती है। उसके बारे में कुछ इतना ज़्यादा गहराई में नहीं जाता।

सवाल: 42 साल इंडस्ट्री में और आज भी आप इतने फिट और फ्रेश लगते हैं। इसका राज क्या है?

हम पंजाबी हैं खाना भी खाते हैं, वर्कआउट भी करते हैं। मैं परांठे भी खाता हूं और जिम भी करता हूं। यह सब शायद हमारे जीन्स में है, लेकिन फिटनेस के लिए मेहनत करनी ही पड़ती है और शरीर को चुस्त और हेल्दी रखने के लिए मेहनत करनी भी चाहिए।

रणदीप हुड्डा

सनी पाजी के सामने नर्वस था तो उन्होंने कहा मुझे भूल जाओ
 

सवाल: राणातुंगा के किरदार के लिए कितनी मेहनत की और इसके लिए कैसे तैयारी की?

इस रोल के लिए मैंने कमर कसी क्योंकी सामने सन्नी पाजी थे। ये एक डिजाइन्ड कैरेक्टर था जिसमें एटीट्यूड ज़्यादा था। तो इसमें ऐसा नहीं था कि मैं जाके उसमें अपना कुछ भर दूं। मेकअप, विग, थोड़ा जिम और एक माइंडसेट बस। बहुत जयादा तैयारी नहीं करनी पड़ी, लेकिन इम्पैक्ट बहुत जरूरी था। हां, नर्वस जरूर था क्योंकि एक्टिंग से थोड़ा ब्रेक लिया हुआ था। क्योंकि मैं निर्देशन के अंदर काफी घुस चुका था तो इसमें काफी समय से मैंने काम नहीं किया था तो वो मुझे थोड़ा सा  डर था लेकिन मैंने फिर फिल्म के निर्देशक से बात की।

सवाल: सनी देओल के डायलॉग हमेशा से बहुत फेमस हैं तो क्या आपने सेट पर डायलॉग्स पर चर्चा की?

हमने सनी सर के डायलॉग्स पर कुछ चर्चा की थी। बहुत प्यार है उनकी पूरी फैमिली से, हमारे यहां भी ऐसा ही है। खासकर नॉर्थ इंडिया में जाटों में अपने लोग होते हैं, तो बचपन से जब हम धरम जी की फिल्में देखते थे, तो एक अपनापन सा महसूस होता था, जो दूसरे एक्टर्स के साथ नहीं होता था। ऐसा लगता था कि जैसे हमारे अपने गांव के लोग हैं। वहीं सनी पाजी के बारे में, उनके शरीर की ताकत, जोश, वह हमारे लिए एक मैच्योर हीरो थे। उनके आइकोनिक डायलॉग्स और एक्शन बहुत फेमस थे। जब हम बड़े हो रहे थे, तो उन फिल्म्स ने बहुत प्रभाव डाला।

सवाल: सनी पाजी के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?

जब मुझे सनी पाजी के साथ फिल्म में काम करने का मौका मिला, तो शुरुआत में मैं थोड़ा नर्वस था। मैंने पाजी से कहा भी कि मुझे अजीब सा लग रहा है कि आपके सामने ऐसे काम करना है। तो उन्होंने मुझे कहा, तुम अपना रोल करो, तुम एक्टर हो, मुझे भूल जाओ, मैं सनी देओल नहीं, मैं इस फिल्म का किरदार हूं। यह सुनकर मुझे बहुत राहत मिली और मैंने आराम से काम किया।


विनीत कुमार

जो कर रहा था वही कर रहा हूं, आवाज महापंडित तक पहुंच गई

सवाल: आपकी मेहनत का फल अब मिल रहा है। 2025 में लगातर आपकी फिल्में रिलीज हो रही हैं। कोई राज़?

महा पंडित तक आवाज पहुंच गई है मेरी। बस वही हुआ है, बाकी तो ऐसे ही पहले भी करता था। काम पहले भी करता था। काम अभी भी कर रहा हूं। सच कहूं तो कोई राज नहीं, बस कर्म करते रहे और फल अब मिल रहा है। शायद ऊपरवाले ने इस साल तय किया था कि अब फल देना है। शायद इसलिए कहा जाता है कर्म कर, फल की इच्छा मत कर। तो पच्चीस में उन्होंने तय कर रखा था शायद। अंगूठी और नाम में I भी इसी यात्रा का हिस्सा हैं। मेहनत पहले भी करता था, अब भी कर रहा हूं।

सवाल: इस फिल्म से क्या सीख ली जब आपने पहली बार साउथ के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के साथ काम किया।

सनी सर के साथ ये मेरा पहला अनुभव है। इस पूरे अनुभव से मेरा takeaway ये रहेगा कि मेरे लिए एक नया दरवाजा खुला है एक एक्टर के तौर पर। क्योंकि मैंने कभी इस तरह के स्पेस में काम नहीं किया था। यह एक बहुत अलग और रंग-बिरा किरदार था जो मैंने पहले कभी नहीं किया। लेकिन जब ये किया, तो बहुत मजा आया। सनी सर के साथ काम करना एक यादगार अनुभव था।

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