Exclusive Interview: एकसाथ कई रहस्यों के राज खुलेंगे तमन्ना भाटिया की क्राइम थ्रिलर 'आखिरी सच' में

Edited By kahkasha,Updated: 29 Aug, 2023 02:38 PM

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क्राइम थ्रिलर सीरीज आखिरी सच में तमन्ना भाटिया एक कॉप का किरदार निभा रही हैं।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया एक के बाद एक वेब सीरीज लेकर आ रही हैं। अब तमन्ना डिज्नी+हॉटस्टार की वेब सीरीज 'आखिरी सच' में नजर आने वाली हैं। यह सीरीज सच्ची घटनाओं से प्रेरित है, जिसमें तमन्ना फीमेल कॉप का किरदार निभा रही हैं, जो एक रात में एक ही परिवार में कई मौतों का सच पता लगाएंगी। यह एक क्राइम थ्रिलर सीरीज है, जिसमें कई रहस्यों के राज खुलेंगे। तमन्ना के साथ अभिषेक बनर्जी, शिविन नारंग, दानिश इकबाल, निशु दीक्षित, कृति विज और  संजीव चोपड़ा भी मुख्य भूमिका में हैं। इस बीच स्टारकास्ट ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/ जगबानी/हिंद समाचार से खास बातचीत की।  

 

TAMNNA BHATIA

इस साल आपने कई वैब सीरीज की हैं। इस सीरीज से आपको क्या उम्मीद है? 

बतौर एक्टर यही चाहते हैं कि हर साल जो-जो लोग हमसे जुड़ सकें, हमें अलग-अलग किरदार में देखें। हमारा काम देखें और उसे पसंद करें। यही हमारी कोशिश रहती है और जब 'आखिरी सच' की कहानी मेरे पास आई तब मुझे लगा कि यह मेरे लिए अच्छा मौका रहेगा। हमेशा से मेरा एक चेतना पूर्ण निर्णय रहता है कि कुछ नया करूं। मैं अपने आपको रिपीट नहीं करना चाहती। इस सीरीज में मैं एक कॉप की भूमिका निभा रही हूं, जो अपने रिश्ते के ट्रॉमा में है लेकिन फिर भी अपने काम और इस केस को सुलझाने में पूरी मेहनत कर रही है। मेरे लिए ऐसा किरदार निभाना बहुत सौभाग्यपूर्ण लगा।     


आप जब अकेला महसूस करती हैं तो बातें किससे शेयर करती हैं? 

ऐसे तो बहुत से लोग हैं, लेकिन इस चीज में मैं बहुत किस्मत वाली हूं। मुझे बहुत प्यारा और चिंता करने वाला परिवार मिला है। मेरे जितने भी प्रिय लोग हैं, वह मुझे बहुत प्यार और सम्मान देते हैं। वह मेरी जिंदगी में भी काफी शामिल रहते हैं। जब मैं 'आखिरी सच' की शूटिंग कर रही थी, तब अंदाजा हुआ कि जो भी बुरी चीजें होती हैं, वह पहले दूसरों को होती हैं, वह हमारे साथ कभी नहीं हो सकती। मुझे ऐसा इसलिए भी महसूस नहीं हुआ, क्योंकि मैं हमेशा से एक पैंपर फैमिली में रही हूं। ऐसा होता कि आपके आसपास का वातावरण जैसा होगा, आपके दिमाग पर वैसा ही असर पड़ेगा, जो आपके ऊपर काफी असर करता है।     


क्या आपको कोई किरदार करने से पहले कुछ दबाव महसूस होता है? 

मजाकिया अंदाज में तमन्ना कहती हैं, पहले तो जब मैंने 'आखिरी सच' को साइन किया तो अपने आप से दो वादे किए थे। पहला यह कि मैं इसमें कॉप का किरदार नहीं निभाऊंगी। दूसरा यह एक फीमेल कॉप का किरदार नहीं निभाऊंगी, क्योंकि जब मैंने इस सीरीज की किरदार आन्या के बारे में पढ़ा कि वह एक ऐसी इंसान है, जो बहुत सी कॉम्पैक्सीटी से गुजरती है, जैसे आज के दौर की हर लड़की है। यह एक हाई प्रेशर जोन में काम कर रही है। पर यह अपने काम में बहुत अच्छी है और वह बहुत समझदार है। आन्या इसलिए बहुत पसंद आई, क्योंकि मुझे महसूस हुआ कि यह वैसी है जैसे हम सब हैं। कुल मिलाकर कहूं तो यह किरदार बहुत ही रिलेटेबल लगा। 

 

 

ABHISHEK BANERJEE

आप किरदार के लिए किस तरह से तैयारी करते हैं? 

थिएटर ने एक्टर के लिए तैयार किया और जब मैं एक किरदार कर लेता हूं, तो वो मुझे अगले किरदार के लिए तैयार करता है। मैं इस तरह से ही अपने किरदारों की तैयारी करता हूं। मैं अभी भी पूरी तरह से एक्टर बना भी नहीं हूं। मैं अभी भी अपनी जर्नी को एक्सप्लोर कर रहा हूं।    


कहते हैं कि किरदार एक्टर के ऊपर छाप छोड़ जाता है। क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ? 

नहीं, ऐसा नहीं होता, क्योंकि अगर ऐसा होता तो हम सारा मानसिक संतुलन ही खो बैठेंगे। हां, लेकिन बहुत साल पहले मैंने एक किरदार किया था अज्जी का। जिसमें एक लाइल्ड अब्यूजर का किरदार निभाया था। वह किरदार मुझ पर इंपैक्ट हुआ था। मैं उस फैक्ट के साथ जी नहीं पा रहा था। उस किरदार से बाहर आने में मुझे काफी वक्त लगा था। उसके बाद सीख गया कि जितना किरदार में घुसेंगे, उसके बारे में सोचेंगे, उतना ही वह आप पर हावी होगा। अब मैं अपने किरदार को सैट तक ही रखता हूं और वहीं तक जीता हूं।    


मर्डर मिस्ट्री में काम करते समय क्या पॉजीटिव और नैगेटिव प्वाइंट होते हैं? 

वैसे तो ऐसा कुछ नहीं पता, लेकिन हां मर्डर मिस्ट्री में पॉजीटिव होता कि इसे करने में बहुत मजा आता है, क्योंकि जब वह एक मिस्ट्री होती है तो जैसे-जैसे राज खुल रहे होते हैं, आपको भी उसे जानने में उत्सुकता होती है। मैं हमेशा से ही क्राइम और थ्रिलर का फैन रहा हूं।  

 

NIKHIL 

आजकल जिस तरह से लोग कई मानसिक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, उस पर आपका क्या मत है? 

आजकल कम्युनिकेट करने के लिए जितने सोर्स हैं, हम उतने ही अकेले हैं। ऐसा क्यों है यह नहीं पता। जब बच्चे थे तो हमारा बचपन बहुत अलग था, लेकिन अब बच्चे बहुत अकेला महसूस करते हैं। लोग बहुत अकेले हैं, जिस वजह से साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स भी आ रही हैं। यह सिर्फ हमारे आसपास ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया इससे जूझ रही है। हम इससे इग्नोर भी नहीं कर सकते, लेकिन हां, इस सीरीज 'आखिरी सच' में हम इसको बहुत हद तक उजागर कर पाएंगे। इस सीरीज से लोग इतने सैंसेटिव इश्यू के बारे में सीख पाएंगे।  

 

PREETI 

 'आखिरी सच' बनाने का ख्याल आपको कैसे आया? 

कॉमेडी हो गई थी। अब कुछ अलग एक्सप्लोर करने का समय था। आजकल जैसे न्यूज में कुछ भी आता है, तो मैं हमेशा यूट्यूब पर बहुत सारी वीडियोज देखती हूं। फिर उसके बारे में बहुत रिसर्च करती हूं। मुझे इसमें बहुत मजा आता है। तो मुझे इस कंटैंट का ख्याल आया और मैंने सोचा कि ये ओ.टी.टी. डैब्यू के लिए काफी अच्छी कहानी हो सकती है। कॉमेडी तो हम बहुत बना चुके हैं इसलिए अब इस तरह का कुछ दिखना हमारे लिए भी काफी उत्साहपूर्ण है।

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