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सिद्धांत कपूर और हॉलीवुड संगीतकार जॉन एश्टन थॉमस की प्रस्तुति  'गेटवे टू इंडिया’

Edited By Varsha Yadav,Updated: 03 Jun, 2024 05:43 PM

gateway to india presented by siddhant kapoor and john ashton thomas

इस अंतर्राष्ट्रीय एल्बम का नाम 'गेटवे टू इंडिया' है, जो भव्य पैमाने पर भारतीय संगीत के फ्यूजन का एक सबूत है, जो पारंपरिक भारतीय वाद्य यंत्रों की खूबियों को पश्चिमी आर्केस्ट्रा के साथ मिश्रित करता है।

नई दिल्ली। बॉलीवुड के महान गायक महेंद्र कपूर के पोते सिद्धांत कपूर के डीएनए में ही संगीत है। शुरू से ही वह कुछ अलग करने में विश्वास करते आए हैं। यही कारण है कि महामारी के दौरान, संगीतकार सिद्धांत कपूर ने एक अंतरराष्ट्रीय एल्बम के लिए सभी भौगोलिक सीमाओं को पार किया है और एक अभूतपूर्व संगीत रचना की है। 160 से अधिक बड़ी हॉलीवुड फीचर फिल्मों के विख्यात संगीतकार जॉन एश्टन थॉमस के साथ मिलकर सिद्धांत ने एक मिसाल स्थापित कर दी है। इस हॉलीवुड संगीतकार ने ब्लैक पैंथर और कैप्टन मार्वल के लिए ऑस्कर विजेता स्कोर दिए हैं। 

 

4,400 मील की दूरी और कोविड-19 की तमाम मुश्किलों के बावजूद, सिद्धांत और जॉन ने इस दूरी को पाटने के लिए तकनीक की शक्ति का इस्तेमाल किया। अनगिनत वीडियो कॉल और जुनून के द्वारा उन्होंने 6 अद्वितीय ट्रैक तैयार किए जो पूरे विश्व में गूंजने के लिए तैयार हैं। गेटवे टू इंडिया’ एल्बम में कुछ छ म्यूज़िकल ट्रैक हैं। टाइटल ट्रैक गेटवे टू इंडिया के साथ ओपनिंग सेरेमनी, जयपुर पैलेस , हिमालयन जर्नी , फ़्लाइंग ओवर ताज और डेजर्ट क्वेस्ट ट्रैक के संगीत के साथ श्रोता भारत के विभिन्न रूप को संगीत से महसूस कर सकते हैं। 

 

दुख की बात है कि जॉन एश्टन थॉमस ने इस प्रोजेक्ट के बीच में दुनिया को अलविदा कह दिया। सिद्धांत ने थॉमस की रचनाओं को जीवंत बनाकर उनकी यादों का सम्मान किया। लंदन के प्रतिष्ठित एबे रोड स्टूडियो और मुंबई के यशराज स्टूडियो में पूरे ऑर्केस्ट्रा के साथ रिकॉर्डिंग करते हुए, सिद्धांत ने यह सुनिश्चित किया कि जॉन का आखिरी काम यादगार रहे।

 

इस अंतर्राष्ट्रीय एल्बम का नाम 'गेटवे टू इंडिया' है, जो भव्य पैमाने पर भारतीय संगीत के फ्यूजन का एक सबूत है, जो पारंपरिक भारतीय वाद्य यंत्रों की खूबियों को पश्चिमी आर्केस्ट्रा के साथ मिश्रित करता है। सिद्धांत का नजरिया न केवल भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर ले जाता है, बल्कि एक हॉलीवुड आइकन की आखिरी रचनाओं को भी अमर बना देता है।

 

सिद्धांत ने पारंपरिक भारतीय ढंग से जॉन एश्टन थॉमस को मार्मिक श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें सम्मानित किया। हर रिकॉर्डिंग से पहले उनके चित्र के सामने जलती हुई अगरबत्ती अर्पित की, जो उनके संगीत सहयोग के लिए श्रद्धा का संकेत था।

 

म्युज़िक कंपनी ऑडियोनेटवर्क के संस्थापक एंड्रयू सनक्स ने इस प्रोजेक्ट में अपना अटूट जुनून डाला, और यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है कि एल्बम अद्वितीय ऊंचाइयों तक पहुंचे। उन्होंने प्रोजेक्ट को सटीकता से अंजाम तक पहुँचाने के लिए कुछ बेहतरीन म्यूजिशियन और एक मजबूत टीम को एक साथ लाया। ब्रिटिश एमी पुरस्कार विजेता गेविन ग्रीनवे ने ऑर्केस्ट्रा को कुशलता से संचालित किया। ग्रैमी विजेता साउंड इंजीनियर रेन स्वान ने इस एल्बम को अंतिम रूप दिया।

 

गेटवे टू इंडिया’ के बारे में बताते हुए सिद्धांत कपूर ने बताया “मेरे लिये यह प्रोजेक्ट एक सपने से कम नहीं था। मैंने ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ़ म्यूज़िक  में अपने गुरु जॉन एश्टन थॉमस के साथ एक लंबे समय तक संगीत सीखा था। कुछ साल पहले जब म्युज़िक कंपनी ऑडियोनेटवर्क की तरफ़ से मुझे  'गेटवे टू इंडिया’ पर जॉन एश्टन थॉमस  के साथ प्रोजेक्ट करने का प्रपोजल मिला तो यह मेरे लिये चुनौतीपूर्ण और ज़िम्मेदारी से भरा था हमने पूरे कोविड काल में वीडियो कॉल के ज़रिए छ ऑडियो ट्रैक पर कार्य किया जिसमें भारत की यात्रा  आप संगीत के द्वारा कर सकते हैं। यह एक जादुई संगीत है जिसे मैं अपने गुरु जॉन एश्टन थॉमस को समर्पित करता हूँ 

 

इस रचनात्मक कृति के माध्यम से, सिद्धांत कपूर भारतीय संगीत के एक युवा एंबेसडर के रूप में उभरे हैं, जो सीमाओं को पार कर संगीत की वैश्विक भाषा के माध्यम से संस्कृतियों को एकजुट कर रहे हैं। हर ट्रैक में, सिद्धांत और जॉन की विरासत गूंजती है, जो हमें समय और जगह से परे क्रिएटिविटी की ताकत की याद दिलाती है।

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