Updated: 17 Nov, 2024 02:12 PM
ऑफिस में गुट्टबाज़ी, लम्बी कार्य अवधि, चापलूसी, क्रेडित की चोरी इत्यादि मुद्दों के कारण काम में असंतुष्टि एवं तनाव का स्तर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा हैं। कर्मचारियों की इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के पीस प्रोग्राम ने...
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। ऑफिस में गुट्टबाज़ी, लम्बी कार्य अवधि, चापलूसी, क्रेडित की चोरी इत्यादि मुद्दों के कारण काम में असंतुष्टि एवं तनाव का स्तर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा हैं। कर्मचारियों की इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के पीस प्रोग्राम ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में भगवद्गीता पर आधारित ‘गीता-लॉजी’ नामक कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें डालमिया ग्रुप, रेलटेल, इंडियन ऑयल, एक्सेंचर और जेनपैक्ट जैसी कंपनियों के लगभग 250 कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यशाला के सत्रों का नेतृत्व दिव्य गुरु आशुतोष महाराज की साध्वी शिष्याओं द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की सह-इंचार्ज साध्वी डॉ. निधि भारती ने वर्कशॉप की शुरुआत ऑफिस में फैलें टॉक्सिक वर्क-कल्चर पर आधारित सत्र से की। जिसमें अनेक एक्टिविटियों द्वारा कर्मचारियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ते इसके हानिकारक प्रभावों पर प्रकाश डाला गया।
आगे, कार्यक्रम की मुख्य इंचार्ज, साध्वी तपेश्वरी भारती ने कहा कि भगवद्गीता के अनुसार कोई भी आपकी मौलिक क्षमता, आपके कौशल को नहीं चुरा सकता है। यह स्वधर्म ही आपकी सबसे बड़ी विशिष्टता है और यदि कोई आपके विचारों की नकल करता है तो भी चिंता मत कीजिए। वह आपके श्रेय या अवसर को दो-तीन बार छीन भी लेगा तो भी आपके पास मौलिक प्रतिभा का स्वधर्म है, उसका उपयोग करें। प्रकृति आपको चमकने का एक और अवसर ज़रूर देगी। भगवद्गीता में भी लिखा है, ‘स्वे स्वे कर्मण्यभिरत:’- काम करते रहो, अपने स्वधर्म के अनुसार चलते रहो और ‘संसिद्धिं लभते’- आप एक दिन सफलता और पूर्णता को अवश्य प्राप्त करेंगे।
कार्यशाला का अंतिम सत्र भक्ति योग पर आधारित था। जिसमें साध्वी रुचिका भारती एवं संस्थान की डांस टीम द्वारा गीता में निहित श्लोकों को कीर्तन धुनों में पिरोकर प्रस्तुत किया गया। अपने अनुभव को सांझा करते हुए डालमिया ग्रुप से आए प्रतिभागी ने कहा कि यह कार्यशाला उनके कॉर्पोरेट जीवन की दैनिक ऊहापोह से जरूरी राहत थी। इंडियन ऑयल की सीनियर मैनेजर ने कहा कि उन्होनें स्ट्रेस मैनेजमेंट और ऑफिस में अच्छे संबंध बनाने के लिए यहाँ से बहुत कुछ सीखा हैं। इनके साथ ही रेलटेल से आए कर्मचारी ने बताया कि गीता-लॉजी ने उन्हें अपने भीतरी व्यक्तित्व से जुड़ने में मदद की और उन्हें उम्मीद है कि वह अब और अधिक फ़ोकस्ड और प्रोडक्टिव हो जाएगें। एक्सेंचर की मार्केटिंग टीम से आए प्रतिभागी ने कहा कि इस कार्यशाला ने उनको तनाव और चिंता से निपटने में अपना दृष्टिकोण बदलने में मदद की।