Movie review: जनसंख्या नियंत्रण का प्रखर सन्देश देती है फिल्म 'हमारे बारह', अन्नू कपूर लगे शानदार

Updated: 23 Jun, 2024 02:17 PM

hamare baarah movie review in hindi

यहां पढ़ें कैसी है फिल्म हमारे बारह

हमारे बारह : Hamare Baarah
स्टारकास्ट : अन्नू कपूर (Annu Kapoor) , अश्विनी कलसेकर (Ashwini Kalsekar), पारितोष त्रिपाठी (Paritosh Tripathi) पार्थ समथान (Parth Samthaan) मनोज जोशी (Manoj Joshi) अदिति भातपेहरीAditi Bhatpehari, अंकिता द्विवेदी (Ankita Dwivedi), अदिति धीमान (Aditi Dhiman), शगुन  मिश्रा (Shagun Mishra)
निर्देशक : Kamal Chandra
रेटिंग : 4* 

 

Hamare Baarah- लगातार विवादों में बने रहने के बाद आख़िरकार 'हमारे बारह ' मूवी सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। समुदाय विशेष की कुरीतियों पर आधारित इस फिल्म को बैन करने की मांग लगातार की जा रही थी और इसके कलाकारों को भी जान से मारने की धमकियाँ मिल रहीं थी जिस वजह से यह फिल्म रिलीज से पहले ही  सुर्ख़ियों में बनी हुई थीं । पहले इस मूवी का नाम 'हम दो हमारे बारह' रखा गया था जिसे विरोध के बाद बदलकर  'हमारे बारह ' कर दिया गया। इस फिल्म में जहां एक ओर मुस्लिम समुदाय में महिलाओं के स्थिति के बारे में दिखाया गया है वहीं दूसरी ओर बढ़ती हुई जनसंख्या के मुद्दे को भी बड़ी गंभीरता से दिखाया गया है। 

 

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कहानी 
मुस्लिम समुदाय में महिलाओं को ज्यादा बोलने का हक नहीं दिया जाता , ऐसा इस फिल्म में दिखाया गया है। फिल्म के ट्रेलर में एक मौलाना को यह कहते हुए दिखाया गया है कि उनके समुदाय में महिलाएं केवल सलवार के नाड़े के बराबर हैं यानि उन्हें परदे में ही रहना चाहिए, तभी वे सुरक्षित हैं और वे मर्द के लिए सिर्फ खेती की भूमि की तरह हैं यानि मर्द उससे जितने चाहे बच्चे पैदा कर सकता है। फिल्म में अन्नू कपूर के 11 बच्चे होते हैं और उनकी पत्नी फिर से प्रेग्नेंट हो जाती है। अब अन्नू कपूर की बेटी अपनी माँ का एबॉर्शन करवाने के लिए अपने पिता और समुदाय के खिलाफ जाकर अदालत में पहुँच जाती है और एबॉर्शन के लिए न्याय की गुहार लगाती है। क्या वह अपने मंसूबों में कामयाब हो पाएगी, उसे अपने समुदाय और परिवार से किस तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है , यह आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा। 

 

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एक्टिंग 
फिल्म में अन्नू कपूर ने शानदार एक्टिंग की है।  वे अनुभवी कलकार हैं और फिल्म इंडस्ट्री के एन्साक्लोपीडिया हैं।  इस फिल्म में उनका किरदार हालाँकि नेगेटिव है  लेकिन उन्होंने इस नेगटिव किरदार को इतने बेहतरीन ढंग से अंजाम दिया है कि दर्शक उनसे वाकई नफरत करने लगेगा।  यही कलाकार कि सबसे बड़ी उपलब्धि होती है कि नेगटिव हो या पॉजिटिव जिस भी किरदार को निभाओ उसमें पूरी तरह से डूब जाओ। अन्नू कपूर फिल्म के मुख्य आधार स्तम्भ हैं। बाकी सपोर्टिंग एक्टर्स ने भी अपने अपने रोल बखूबी निभाएं हैं।  

 

 

डायरेक्शन
अभिनेता से निर्देशक बने कमल चंद्रा ने इस गंभीर, बोल्ड और संवेदनशील विषय को बड़ी ही खूबसूरती से परदे पर पेश किया है। उन्होंने साबित कर दिया है कि वे  एक बेहतरीन निर्देशक हैं। इस तरह की  फिल्मों के लिए किसी भी समुदाय विशेष के बारे में गहन  शोध करना पड़ता है, और कोई भी निर्देशक ऐसे पचड़ों में कम ही पड़ना चाहते हैं। लेकिन भारत में जनसंख्या वृद्धि की  समस्या के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए उन्होंने यह बीड़ा उठाया और फिल्म के जरिये जनसंख्या नियंत्रण का शानदार सन्देश देने में सफल रहे।  फिल्म की कहानी से लेकर  डायलाग, एडिटिंग और फोटोग्राफी तक सब कुछ शानदार है।

 

म्यूजिक
फिल्म में गीत और संगीत ज्यादा प्रमुख नहीं है  लेकिन इस क्षेत्र में भी अन्नू कपूर ने अपनी आवाज़ और संगीत का जादू चलाया है और कुछ गीत भी गए हैं। यह फिल्म उन परिपक्व दर्शकों के लिए है जो एक शानदार कहानी और बेहतरीन अभिनय की तलाश में रहते हैं। फिल्म प्रमुखता से जनसख्या नियंत्रण पर आवाज़ उठाती है इसलिए यह फिल्म हर एक ऐसे दर्शक के लिए है जो इस समस्या से कहीं न कहीं पीड़ित हैं और समाधान चाहते हैं।

 

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