Updated: 16 Sep, 2024 05:42 PM
फिल्म 'अर्दास सरबत दे भले दी' के इमोशनल क्लाइमेक्स ने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी। आखिरी सीन में थिएटर में ऐसा माहौल बन गया कि हर कोई खामोश हो गया था, जैसे सीन ने सबको भावुक कर दिया हो।
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। फिल्म 'अर्दास सरबत दे भले दी' के इमोशनल क्लाइमेक्स ने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी। आखिरी सीन में थिएटर में ऐसा माहौल बन गया कि हर कोई खामोश हो गया था, जैसे सीन ने सबको भावुक कर दिया हो। जैस्मिन भसीन की परफॉर्मेंस इस सीन की खासियत रही। उन्होंने अपने किरदार के ज़रिए भावनाओं को बहुत ही सजीव तरीके से पर्दे पर उतारा उनके छोटे-छोटे एक्सप्रेशन और गहरी भावनात्मकता ने दर्शकों को छू लिया।
फिल्म के इस हिस्से को देखने के बाद, कई लोगों ने उनकी अदाकारी की तारीफ की और उनके किरदार की सच्चाई को महसूस किया। ये सीन न सिर्फ फिल्म की कहानी के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि दर्शकों के दिलों को भी गहराई से छू गया। जैस्मिन का अभिनय लोगों के लिए यादगार बन गया और उनकी इस परफॉर्मेंस ने फिल्म के इमोशनल पहलुओं को और भी मजबूती दी।
इस इमोशनल सीन के कारण फिल्म का अंत दर्शकों के मन में लंबे समय तक बना रहेगा, और यह जैस्मिन की अभिनय क्षमता को और अधिक पहचान दिलाएगा।