Updated: 11 Oct, 2024 02:42 PM
यहां पढ़ें कैसी है आलिया भट्ट की फिल्म जिगरा
फिल्म: जिगरा (Jigra)
स्टारकास्ट : आलिया भट्ट (Alia Bhatt), वेदांग रैना (Vedang Raina), शोभिता धूलिपाला (sobhita dhulipala) और मनोज पाहवा (Manoj Pahwa)
निर्देशक : वासन बाला (Vasan Bala)
रेटिंग : 4*
Jigra: गंगूबाई, राजी, हाईवे और उड़ता पंजाब जैसी फिल्मों से अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुकी मशहूर अभिनेत्री आलिया भट्ट की इमोशन और एक्शन से भरी फिल्म 'जिगरा ' 11 अक्टूबर यानी आज सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। नायिका प्रधान इस फिल्म की कथा और पटकथा वासन बाला ने तैयार की है। धर्मा प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी 'जिगरा ' का निर्माण करण जौहर, अपूर्व मेहता और आलिया भट्ट ने मिलकर किया है।
कहानी
फिल्म की कहानी सत्या आनंद (आलिया भट्ट) की है जिसने अपने बचपन में कठिन मुसीबतों का सामना किया है, उसकी लाइफ उसका छोटा भाई अंकुर आनंद (वेदांग रैना) ही है जिसके लिए वह कुछ भी कर सकती है। पैसों की प्रोब्लम को दूर करने के लिए अंकुर जापान चला जाता है और वहां एक ड्रग स्कैंडल में फंस जाता है। उसे वहां की पुलिस जेल में डाल देती है। इधर जब सत्या को इस पूरी कहानी का पता चलता है तो वह उसे बचाकर वापस घर लाने के लिए कमर कस लेती है। लेकिन क्या यह वास्तव में इतना आसान है जितना लगता है। क्या सत्या अपने छोटे भाई को सही सलामत वापस लाने में कामयाब होती है। सत्या के रास्ते में कौन कौन सी बाधाएं खड़ी होने वाली हैं। इन सब सवालों के जवाब आपको एक्शन थ्रिलर 'जिगरा ' देखने पर मालूम होंगे।
एक्टिंग
जिगरा फिल्म में सत्या का लीड रोल आलिया भट्ट ने निभाया है, टफ सिचुएशन्स से सामना करने वाली सत्या के रफ एंड टफ लुक में आलिया भट्ट बखूबी जचीं हैं। शानदार एक्टिंग के साथ साथ उन्होंने एक्शन सीन्स में भी कमाल करके दिखाया है। बात चाहे चेहरे पर हाव भाव लाने की हो या डायलॉग डिलीवरी की, जिगरा फिल्म के जरिये उन्होंने स्वयं को उच्च श्रेणी की अभिनेत्री साबित किया है। द आर्चीस से लाइमलाइट में आए वेदांग रैना ने आलिया भट्ट के छोटे भाई की भूमिका निभाई है। वे फ्रेश फेस हैं और फिल्म में भी ताजगी का एहसास देते हैं। उन्होंने भी अपने किरदार के साथ पूरा-पूरा न्याय किया है। फिल्म में शोभिता धूलिपाला ने भी शानदार एक्टिंग की है और मनोज पाहवा ने भी अपने किरदार को पूरी शिद्दत से निभाया है।
डायरेक्शन
फिल्म का निर्देशन वासन बाला ने किया है। मर्द को दर्द नहीं होता और मोनिका, ओ माई डार्लिंग जैसी शानदार फिल्मों का निर्देशन करने वाले वासन बाला अपनी फील्ड में माहिर हैं। कहानी को पूरी तरह स्क्रीन पर सजीव करने के लिए, जो जो भी प्रयास उन्होंने किये वो कबीले तारीफ है। कलाकारों के चयन से लेकर उनसे बेहतरीन काम लेने, एडिटिंग, स्क्रीनप्ले, जबरदस्त एक्शन और जापान के मनमोहक दृश्य तक, सब शानदार ढंग से प्रस्तुत किया गया है। साधारण कहानी को इस तरह असाधारण ढंग से परदे पर पेश किया गया है कि दर्शक पूरे रोमांच के साथ सीट पर बंधा रह जाता है, यही एक प्रतिभाशाली निर्देशक की पहचान है।
म्यूजिक
गीत संगीत भी फिल्म का एक महत्वपूर्ण तत्व है। फिल्म का संगीत अचिंत ठक्कर और मनप्रीत सिंह का है। बैकग्राउंड म्यूजिक शानदार है और फिल्म के स्क्रीनप्ले को पूरी तरह सपोर्ट करता है। फिल्म में कुल मिलकर तीन गाने हैं जिनमें एक टाइटल ट्रैक है और दो गीत -'चल कुड़िये' और 'तैनू संग रखणा 'में पंजाबी संगीत का पुट है जो सुनने में मधुर लगते हैं। फिल्म के गाने पहले से ही चार्टबस्टर पर लोकप्रिय हो रहे हैं और लोगों को खूब भा रहे हैं। दिलजीत दोसांझ और आलिया भट्ट द्वारा गया गीत चल कुड़िये को हरमनजीत सिंह ने लिखा है जबकि अर्जित सिंह और अचिंत ठक्कर द्वारा गाये गए गीत 'तैनू संग रखणा ' के बोल वरुण ग्रोवर के हैं।