Updated: 29 Jan, 2025 11:03 AM
कंगना रनौत और अनुपम खेर ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'इमरजेंसी' एक लंबे इंतजार के बाद सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। 'इमरजेंसी' में कंगना को भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका में काफी पसंद किया जा रहा है। ‘इमरजेंसी’ को कंगना ने ही डायरेक्ट किया है और वह उनके प्रोडक्शन हाउस मणिकर्णिका फिल्म के बैनर तले बनी है। 'इमरजेंसी इस फिल्म में अनुपम खेर, सतीश कौशिक, महिमा चौधरी, श्रेयस तलपड़े, मिलिंद सोमन मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म के बारे में कंगना रनौत और अनुपम खेर ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
कंगना रनौत
सवाल- इस फिल्म की रिलीज के लिए आपको लंबा इंतजार करना पड़ा इस पर क्या कहना चाहेगी?
मैंने अपनी जिंदगी में बहुत संघर्ष देखे हैं और बहुत मुकाम भी देखे हैं। काफी बुरी चीजें भी अनुभव की हैं। जब में छोटी थी तो डीमोटीवेट हो जाती थी सोचती थी कि मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है और इन चीजों को हमेशा एक दुर्भाग्य की तरह देखा लेकिन अब मेरे साथ चीजें बदल चुकी हैं मुझे लगता है कि जो भी हो रहा है उसके पीछे कोई कारण हैं। अब में शांत हो चुकी हूं। थोड़ा झटका भी लगा था कि कुछ समय पहले फिल्म बैन हो गई थी देश में, उस समय लग रहा था कि इतना खर्चा भी हो गया है। मन में कुछ आशंकाएं थी लेकिन फिर मैंने सबको जाने दिया। मुझे लगता है कि सब्र का फल मीठा होता है और अब देखे फिल्म रिलाज होने जा रही है।
सवाल: आपको क्या लगता है कि पहले कि तुलना में अब सिनेमा में महिलाओं को लेकर कितना बदलाव आया है?
जी बिल्कुल बदलाव आया है। सिनेमा हमेशा दर्शकों पर निर्भर करता है तो फिल्में उसी के आधार पर बनती है। धीरे-धीरे फिल्मों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ तो रहा है। लेकिन उससे ज्यादा मुझे लगता है कि फिल्मों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व एक निर्देशक, राइटर ये जगहों पर ज्यादा चाहिए। मेरा मानना है कि महिलाए बहुत दिमागदार होती हैं और जब वो कई महत्वपूर्ण रोल करती हैं तो उससे अपने स्तर पर बहुत बेहतर कर सकती हैं।
सवाल: फिल्म में आप निर्देशक और एक्टर दोनों हैं तो एक साथ दोनों चीजें कैसे मैनेज की?
वो नैचुरली हो जाता है जब आप काम करते हो तो आपको हर रोल निभाना पड़ता है। जब आप दो जिम्मेदारी निभाते हैं तो उसके लिए आपको अपना होमवर्क परफेक्ट रखना पड़ता है। जिससे आपका काम भी आसान हो जाए। इसके साथ ही हमारी टीम में बहुत अच्छे टेक्निशियन थे जिनसे हमें काफी मदद मिली।
सवाल: इस फिल्म में सतीश कौशिक भी नजर आएं उनके बारे में कुछ बताइए?
इस फिल्म में उनका एक ग्रे शेड किरदार है पर वो एक किंग मेकर रहे हैं। जो जगजीवन राम थे वो आपातकाल के समय के एक बहुत बड़े राजनेता थे। सतीश जी अपने कोल को लेकर, अपने आप को लेकर एक कलाकार होने के नाते अपने किरदार को पूरे आनंद के साथ निभाते थे। जब वो अपना खुद का शॉट करते थे तो वो देखने लायक होता था। वह काम को बहुत इंजॉय करते थे। इस फिल्म में भी दर्शक उनका काम बहुत पसंद करेंगे।
सवाल: इमरजेंसी ने आपको आपके क्राफ्ट के बारें में क्या नया सिखाया?
इस फिल्म ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। एक एक्टर के तौर पर मुझे कई तरह की रुकावटों को तोड़ना सिखाया। एक ऐसी महिला का किरदार निभाया जो मुझसे उम्र में बहुत बड़ी थीं। इसके साथ एक मां का किरदार जिसके अपने बेटे का सात रिश्ते बहुत अच्छे नहीं थे। ये सब कुछ बहुत नया था मेरे लिए और ये सब मैं अपनी फिल्म के द्वारा ही समझ सकती थी।
अनुपम खेर
सवाल- फिल्म के रिलीज होने में कई परेशानियां आईं और समय लगा तो इन सब का अनुभव कैसा रहा?
हम उस बैकग्राउंड से आए हैं जिनमें परेशानियां या जो दिक्कते हैं उनका आलिंगन किया है। हमेशा सिखाया ही ये गया है कि परेशानी न हो तो फिर मजा नहीं आता। लेकिन जब आप एक एक्टर हों और आपने अच्छा काम किया हो तो उसको देखने की उत्सुकता होती है। क्योंकी आजकल जो फिल्में बन रही हैं उनमें उनमें सार्थकता कम ही फिल्मों में होती है। कई फिल्में बनती हैं हिट होती हैं लेकिन याद वही रहती हैं जो आपके दिल को छूती हैं या किसी न आपके दिमाग पर भी कुछ छाप छोड़ी हो। इमरजेंसी एक ऐसी ही फिल्म हैं और एक कलाकार होने के नाते मुझे इस फिल्म का बड़ी बेसब्री से इंतजार है।
सवाल: कंगना रनौत के साथ काम करने का आपका अनुभव कैसा रहा?
मैंने कंगना के निर्देशन में पहली बार काम किया है और मैं चाहूंगा कि अब ये मेरे बिना कभी कोई फिल्म न बनाए। ये एक निर्देशक और को-एक्टर के तौर पर कमाल हैं। इस तरह का साहसिक विषय चुनना हर कोई नहीं कर सकता। कंगना की च्वाइस ऑफ फिल्म भी काफी अलग और कमाल की है। किसी ने कहा भी है कि जब आप साहस दिखाते हैं तो बाकी लोगों की भी रीढ़ की हड्डी सीधी हो जाती है। इसके लिए मैं इनकी हमेशा प्रशंसा करता हूं।
सवाल- हर प्रोजेक्ट कुछ सिखाता है ऐसे में इमरजेंसी से आपने क्या सीखा?
जयप्रकाश नारायण का किरदार निभाकर उनके बारे में बहुत कुछ जानने को मिला। एक एक्टर होने के नाते मैंने सीखा हमेशा कोई होता है जो आपसे भी बेहतर जानता है। एक एक्टर बहुत स्मार्ट होता है जिसे पता होता है कि पहले दिन मुझे किससे कैसे इंस्ट्रक्शन लेने हैं। जब मैं सेट पर पहुंचा तो मुझे पता था कि इन्हें अपना काम पता है और उसे वह बेहतर करेंगी और मैंने फिल्म से कुछ नया सीखा।