पारस मणि सिंह उर्फ ​​‘केबीसी बाबू’ ने कौन बनेगा करोड़पति 16 में ‘इंडिया चैलेंजर वीक’ की शुरुआत की

Updated: 26 Aug, 2024 05:14 PM

kbc babu starts india challenger week in kaun banega crorepati 16

कौन बनेगा करोड़पति’ सीज़न 16 ‘इंडिया चैलेंजर वीक’ के साथ नए सीज़न में रोमांचक मोड़ लेकर आया है।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। ‘कौन बनेगा करोड़पति’ सीज़न 16 ‘इंडिया चैलेंजर वीक’ के साथ नए सीज़न में रोमांचक मोड़ लेकर आया है। जो बात इस सप्ताह को और दिलचस्प बनाती है, वह है एक अनोखी चुनौती: ‘जल्दी 5 बज़र राउंड’। पहली बार, प्ले-अलॉन्ग के 10 प्रतियोगियों में से, फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट (FFF) राउंड के शीर्ष दो प्रतियोगी हॉटसीट तक पहुंचने के लिए ‘जल्दी 5 बज़र राउंड’ में प्रतिस्पर्धा करेंगे। इस बज़र चैलेंज का विजेता गेम में आगे बढ़ेगा, जिसकी शुरुआत मनी ट्री में 6वें सवाल से होगी। यह बदलाव उत्साह और समावेश को दोगुना करने का वादा करता है, जिससे दर्शकों को अधिक इंटरैक्टिव और प्रतिस्पर्धी अनुभव मिलेगा।


 
26 अगस्त को रात 9 बजे, पारस मणि सिंह इंडिया चैलेंजर वीक की शुरुआत करेंगे, और इतना तो तय है कि वह अपने ज्ञान और रफ्तार से आपका दिल जीत लेंगे। मुज़फ्फरपुर के टोटो ड्राइवर, पारस को उनके समुदाय में प्यार से ‘केबीसी बाबू’ कहा जाता है। शो में उनका आना न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि अपनी तीन बेटियों को शिक्षित करके उन्हें उज्जवल भविष्य देने का दिल छूने वाला मिशन भी है।


 
बेहतर अवसरों की तलाश में मुंबई आने के बाद, पारस को शुरुआत में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, उन्होंने जुहू में एक सुरक्षा गार्ड की नौकरी की। शैक्षणिक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, वह अपने भाइयों के प्रोत्साहन पर घर लौट आएं और लाइट बल्ब जैसी इलेक्ट्रॉनिक चीजों से संबंधित व्यवसाय को शुरू किया। भले ही यह उद्यम सफल नहीं हुआ, लेकिन पारस ने हार नहीं मानी। उन्होंने मोबाइल रिपेयर करना सीखा, जो जल्द ही संपन्न व्यवसाय में बदल गया। हालांकि, ज़िंदगी ने फिर से उनकी परीक्षा ली जब उन्हें ब्रेन ट्यूमर का पता चला। सर्जरी के बाद, वह हतोत्साहित महसूस करने लगे और कोविड-19 महामारी ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दीं। उनकी बचत खर्चों में तब्दील हो गई और बचत खत्म होने के बाद उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। उनकी बहन ने अपने गहने बेचकर उनके लिए टोटो खरीदने में उनकी मदद की, जिससे उन्होंने नए सिरे से शुरुआत की। पारस मणि सिंह को उचित शिक्षा नहीं मिल सकी, इसलिए आज, उनका मुख्य लक्ष्य अपनी तीन बेटियों को शिक्षित करके, उन्हें बेहतर भविष्य देना है। उनकी कहानी विपरीत हालातों का सामना करने में दृढ़ता दिखाने का दमदार उदाहरण है, और कौन बनेगा करोड़पति में उनकी मौजूदगी उनके सपनों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


 
कौन बनेगा करोड़पति 16 में एक दिल छूने वाले पल में, पारस मणि सिंह कविता के प्रति अपने प्रेम का खुलासा करेंगे, जिसकी प्रेरणा उन्हें हरिवंश राय बच्चन से मिलती है। जब वे अस्पताल में भर्ती थे, तो कलम और कागज़ उनके साथी बन गए, जिससे उन्हें आराम और रचनात्मक शांति मिलती थी। पारस श्री बच्चन के लिए लिखी गई अपनी एक कविता भी सुनाएंगे, जिसका शीर्षक ‘अद्भुत तमतम’ है।


 
अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए, पारस मणि सिंह ने कहा, “मैंने पूरी ज़िंदगी केबीसी में आने का सपना देखा है, और यह एक यादगार अनुभव रहा है। शो के प्रति मेरे समर्पण के कारण, मुझे अपने समुदाय में ‘केबीसी बाबू’ के नाम से जाना जाता है; मेरा लक्ष्य अपनी पत्नी, अपनी तीन बेटियों और खुद के लिए बेहतर भविष्य पाने हेतु पर्याप्त धनराशि जीतना है। लेकिन इससे भी बढ़कर, मैं अपने ‘केबीसी बाबू’ के खिताब को सत्यापित करना चाहता हूं और सभी को दिखाना चाहता हूं कि मैंने सबसे कठिन चुनौतियों को पार किया है। कठिनाइयों के बावजूद, मैंने हार नहीं मानी। मेरा दृढ़ संकल्प और उम्मीद मुझे केबीसी तक ले आई है, और मैं हर दिन अपने जीवन से लड़ने और उसे बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”

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