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Let's Meet Review: सोशल मीडिया के दौर में एक नई प्रेम कहानी की सच्चाई दर्शाती है फिल्म लेट्स मीट, पढ़ें रिव्यू

Updated: 03 Feb, 2025 02:47 PM

let s meet review in hindi

यहां पढ़ें लेट्स मीट का रिव्यू।

फ़िल्म रिव्यू : लेट्स मीट (Let's Meet)
कलाकार :  तनुज विरवानी (Tanuj Virwani), सुमन राणा (Suman Rana), सृष्टि माहेश्वरी (Shrashti Maheshwari), अनिला खरबंदा (Anila Kharbanda), सुप्रिया शैलजा (Supriya Shailja)
निर्माता: प्रदीप रंगवानी (pradeep rangwani)
क्रिएटिव प्रोड्यूसर : अनिल अक्की (Anil Akki)
स्टोरी एंड क्रिएटिव प्रोड्यूसर: रविंदर (रिकी) संधू (Ravinder (Ricky) Sandhu)
रेटिंग : 3*

लेट्स मीट : सोशल मीडिया लव स्टोरी पर आधारित फ़िल्म लेट्स मीट इस सप्ताह सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। ऑनलाइन और सोशल मीडिया के इस दौर में रिश्ते भी ऑनलाइन होते हैं। इसी सोशल मीडिया के ज़रिए शुरू हुए प्यार की एक खूबसूरत कहानी कहती है फिल्म 'लेट्स मीट'। लिजेंड्री ऎक्ट्रेस रति अग्निहोत्री के बेटे तनुज विरवानी, सुमन राणा, सृष्टि महेश्वरी, अनिला खरबंदा और सुप्रिया शैलजा अभिनीत पिक्चर का फिल्मांकन बिल्कुल नए स्टाइल में किया गया है। फ़िल्म के इंट्रो सीन से ही अंदाजा हो जाता है कि हम सोशल मीडिया के ज़माने वाली फिल्म देख रहे हैं जिसमे सबकुछ फ़ास्ट हो रहा है। फ़िल्म के डायलॉग भी वैसे ही रखे गए हैं जैसे आजकल के युवा ऑनलाइन दौर में बोलते हैं और यह कनेक्ट करता है।

कहानी
फ़िल्म लेट्स मीट की कहानी एक टीवी अभिनेता निखिल (तनुज विरवानी) और एक फाइनांस प्रोफेशनल प्रिया (सुमन राणा) की कहानी बयां करती है। एक सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर अचानक चैटिंग से उनकी स्टोरी शुरू होती है, जो धीरे-धीरे कई चौंकाने वाले और भावनात्मक मोड़ लाती है। यह प्रेम कहानी इंटरनेट द्वारा आकार दिए गए आधुनिक रिश्तों की संजीदगी की खोज करती है। इसका क्लाइमेक्स दर्शकों को हैरत में डालता है।

एक्टिंग
फ़िल्म में जहां तक अभिनय का सवाल है। निखिल के रूप में तनुज विरवानी ने लाजवाब अदाकारी की है। प्रिया के रूप में सुमन राणा भी ठीक लगी हैं। सृष्टि माहेश्वरी, अनिला खरबंदा, सुप्रिया शैलजा ने भी अपनी अपनी भूमिका के साथ इंसाफ किया है।

डायरेक्शन
जहां तक निर्देशन की बात है। रविंदर (रिकी) संधू ने अच्छा डायरेक्शन किया है। उन्होंने फिल्म में सभी किरदारों को स्पेस दिया है। सोशल मीडिया की दुनिया और रोजमर्रा के जीवन मे इसके बढ़ते वर्चस्व को रिलेटेबल ढंग से बढ़िया तरीके से दर्शाया है। तमाम अदाकारों से उम्दा काम करवा लिया है। फ़िल्म की कसी हुई पटकथा दर्शकों को इंगेज रखने में सफल है। 

फ़िल्म के संवाद रोचक और कहानी के अनुसार लिखे गए हैं। एक पुरुष किरदार जब यह डायलॉग बोलता है कि "यही तो प्रॉब्लम है ऑनलाइन शॉपिंग की, कभी कभी आइटम रिटर्न करने के लायक भी नहीं होते।" तो जैसे फ़िल्म की थीम सामने आ जाती है। एक सीन में एक महिला चरित्र के मुंह से यह संवाद भी आज के युग की सच्चाई पेश करता है "डेटिंग ऐप से तुझे क्यों इतनी प्रॉब्लम है, यह नया नार्मल है।"

म्यूजिक
फ़िल्म का म्युज़िक काफी मधुर है। सिचुएशनल सॉन्ग हैं जो अपना असर छोड़ जाते हैं। फिल्म का गीत "चौवीह घंटे.. तेरा खयाल" एक मेलोडियस सॉन्ग है जो बहुत रोमांटिक है। जावेद आली ने इसमें और मिठास भर दी है। फ़िल्म का बैकग्राउंड म्युज़िक भी कहानी की मांग के मुताबिक दिया गया है। फ़िल्म की मूल कांसेप्ट और फोटोग्राफी अनिल अक्की ने किया हैं । फ़िल्म के कई दृश्य बहुत खूबसूरत फ़िल्माए गए हैं ।  

यह रोमांटिक ड्रामा एक दिल को छू लेने वाली कहानी पेश करता है जो आज के डिजिटल युग के रोमांस को रोचक तरीके से दर्शाता है। लेट्स मीट दरअसल लोगो से मिलने के विषय पर बात करती है। यह प्यार के बारे में फ्रेश कहानी है। प्यार को एक नए तरीके से दर्शाया गया है। फ़िल्म का निर्माण युवी फ़िल्म के प्रदीप रंगवानी के किया हैं। इसके पहले उन्होंने गुठली लड्डू फ़िल्म के ज़रिए शिक्षा और जातिवाद जैसे विषय पर बात किया था तो लेट्स मीट के साथ युवा के बीच सोशल मीडिया की दखल जैसे नए सब्जेक्ट पर शानदार फ़िल्म बनाई हैं  । यह आज के दौर की एक नई प्रेम कहानी हैं जिसे युवा पसंद करेंगे

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