Updated: 22 May, 2023 04:43 PM
ये फिल्म सच्ची घटना से प्रेरित है, जिसमें मनोज वकील पी.के. सोलंकी का किरदार निभा रहे हैं। ये फिल्म एक कोर्ट रूम ड्रामा है, जो एक बहुत ही सेंसेटिव मुद्दे पर बनाई गई है।
फिल्म- सिर्फ एक बंदा काफी है (Sirf Ek Banda Kafi Hai)
निर्देशक- अपूर्व सिंह कार्की (Apoorva Singh Karki)
स्टारकास्ट- मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee), अदिति सिंह अंद्रिजा (Aditi Singh Andrija), सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ, (Surya Mohan Kulshrestha)
रेटिंग- 4/5
OTT- जी5 (zee5)
Sirf Ek Banda Kafi Hai Film Review। एक्टर मनोज बायपेयी इतने उम्दा कलाकार हैं कि जिस भी फिल्म या वेब सीरीज से जुड़ते हैं उसमें किसी भी तरह की कोई गुंजाइश नहीं रहती। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मनोज ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ लेकर आएं हैं। ये फिल्म सच्ची घटना से प्रेरित है, जिसमें मनोज वकील पी.के. सोलंकी का किरदार निभा रहे हैं। ये फिल्म एक कोर्ट रूम ड्रामा है, जो एक बहुत ही सेंसेटिव मुद्दे पर बनाई गई है। फिल्म एक 16 साल की बच्ची को इंसाफ दिलाने की कहानी है, जिसकी लड़ाई सिर्फ एक बंदे पीसी सोलंकी (मनोज बाजपेयी) ने लड़ी है। फिल्म 23 मई को ओटीटी प्लेटफार्म जी5 पर रिलीज की जाएगी।
दरअसल, ये एक ऐसे बाबा की है कहानी है जिसे लोग भगवान मानते हैं और उसने अपनी एक नाबालिग भक्त के साथ गलत काम किया है। यह कहानी नाबालिग लड़की को न्याय दिलाने वाले वकील पीसी सोलंकी की है। यह वहीं पीसी सोलंकी है जिन्होनें रेप केस के आरोप में आसाराम बापू को जेल भिजवाया था। वैसे फिल्म में कहीं सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया गया।
कहानी
फिल्म ‘बंदा’ की कहानी बाबा के भिंडवाडा स्कूल में पढ़ने वाली 16 साल की लड़की नूर (अद्रिजा सिन्हा) से शुरु होती है, जो अपने मां- बाप के साथ दिल्ली के कमला नगर पुलिस स्टेशन में बाबा (सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ) के खिलाफ शिकायत दर्ज करने पंहुंचती है।
इसके बाद पुलिस बाबा को उनके आश्रम से गिरफ्तार कर लेती है। बस फिर तो सिर्फ दिल्ली में ही नहीं पूरे भारत में हड़कंप मच जाता है। वो बाबा जिसे लोग भगवान मानते थे की गिरफ्तारी से भक्त पागल हो जाते हैं और विरोध करते हैं।
कोर्ट में जब जज बाबा से पूछते हैं कि क्या आप गिल्टी हो या नहीं तब बाबा पूरे आत्मविशास के साथ अदालत में कहता है कि “नॉट गिल्टी, मैं निर्दोष हूं।” अब किसी तरह यह केस लॉयर पीसी सोलंकी के पास चला जाता है। अब पीसी तो रिश्वत से लेकर जान से मरने की धमकी तक कई जोखिमों का सामना करना पड़ता है। यह जानने के लिए कि पीसी सोलंकी इस केस को कैसे लड़ता है और क्या वो नूर को इंसाफ दिला पाता है इसके लिए आपको ZEE5 पर रिलीज होने वाली फिल्म ‘बंदा’ देखनी होगी।
एक्टिंग
इस बेहतरीन कोर्टड्रामा में मनोज बाजपेयी की एक्टिंग की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। कोई और एक्टर उनकी जगह इस किरदार में कतई नहीं ले सकता था। उनका राजस्थानी लहजा, एक्स्प्रेशन, डॉयलॉग डिलीवर कमाल है। अदिति सिंह अंद्रिजा ने भी नाबालिग लड़की के किरदार को पर्दे पर जीवंत कर दिया। वहीं विपिन शर्मा ने भी बचाव पक्ष के वकील के किरदार में बहुत शानदार काम किया है।
डायरेक्शन
अपूर्व सिंह कार्की का निर्देशन शानदार हैं। अब तक वे टीवीएफ के साथ कई वेब सीरीज को निर्देशित कर चुके हैं। वहीं फिल्म के प्रोड्यूसर विनोद भानुशाली की भी तारीफ जितनी की जाए कम है। क्योंकी इस तरह की फिल्मों में पैसा लगाना हर किसी के बस का काम नहीं है। मनोज बाजपेयी की जबरदस्त एक्टिंग से सजी यह शानदार कोर्टरूम ड्रामा सभी को जरूर देखनी चाहिए।