Updated: 15 Nov, 2024 12:48 PM
यहां पढ़ें कैसी है फिल्म मटका
फिल्म : मटका
कलाकार : वरुण तेज, मीनाक्षी चौधरी, नोरा फतेही
निर्देशक : करुणा कुमार
निर्माता : डॉ. विजेंद्र रेड्डी तीगाला और रजनी तल्लूरी
रेटिंग: 3.5 स्टार्स
मटका: बहुप्रतीक्षित फ़िल्म मटका आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गई है। फ़िल्म देखकर वास्तव में साउथ सिनेमा की भव्य मेकिंग की बात शतप्रतिशत सच सिद्ध होती है। वरुण तेज की स्क्रीन पर उपस्थिति जादुई प्रतीत होती है। हर फ्रेम में उन्होंने बस कमाल किया है। फ़िल्म आपको 70 के दशक में ले जाती है क्योंकि इसकी कहानी उसी दौर की है। प्रोडक्शन डिज़ाइन बेहतरीन है, फ़िल्म को वास्तविकता के निकट रखने के लिए काफी खर्च किया गया है और वो बड़े पर्दे पर दिखता है। मेकर्स ने उस समय के क्लब, डिस्को, कपड़े, रेस्टोरेंट, फैशन, स्टाइल को जीवंत कर दिया है। दक्षिण भारत की फिल्मो में छोटे किरदारों पर भी बहुत काम किया जाता है इसलिए अगर आपको कोई चरित्र कुछ मिनट के लिए भी नज़र आता है तो उसकी महत्ता झलकती है। नोरा फतेही हिंदी के साथ साउथ की फिल्मो में भी केवल आइटम डांस करने के लिए आती थीं मगर मटका में उनका किरदार प्रभावी है और अभिनय में संभावनाएं नजर आती हैं। हो सकता है भविष्य में उन्हें अच्छे कैरेक्टर्स भी मिलने लगें।
कहानी
फिल्म मटका की कहानी 1958-1982 के बीच विशाखापट्टनम में घटी घटनाओं पर आधारित है। मटका एक ऐसी मनोरंजक कहानी पेश करती है जो कल्पना और वास्तविकता के बीच के फर्क को मिटा देती है जिसमें ऐसी घटनाएँ शामिल हैं जिन्होंने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। कहानी नायक वासु (वरुण तेज) की उल्लेखनीय यात्रा को दर्शाती है, जो गरीबी से अमीरी की ओर प्रगति करता है और अपना खुद का साम्राज्य बनाता है। फिर वह अपने तेज दिमाग से मटका नामक जुए का कारोबार पूरे देश में फैलाता है और राज करता है। वह अपने कारनामों से देश को इतनी खतरनाक स्थिति में ले जाता है कि भारत सरकार उसके खिलाफ एक्शन लेने पर मजबूर हो जाती है। और वासु के मटका साम्राज्य और प्रशासन के बीच शुरू होती है लड़ाई। यह कहानी सच्ची घटनाओं और वास्तविक जीवन पर आधारित पात्रों से प्रेरणा लेती है, जो ड्रामा, एहसास और एक्शन से सजी एक थ्रिलर फिल्म के रूप में पेश करती है।
अभिनय
अदाकारी के मामले में मटका वरुण तेज की फ़िल्म है। उन्होंने जिस शिद्दत से, मेहनत से इस भूमिका को जिया है वह काबिल ए तारीफ है। मीनाक्षी चौधरी ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है। नोरा फतेही इस फ़िल्म में आइटम डांसर से ऊपर का मार्क्स लाने में सफल रही हैं।
निर्देशन
करुणा कुमार का निर्देशन विषय और स्टोरी को बखूबी प्रस्तुत करने में कामयाब रहा है। उन्होंने 70 के दशक में बेस्ड स्टोरी, किरदारो को गढ़ने में अपना जी जान लगा दिया है। वरुण तेज सहित सभी अदाकारों से अच्छा अभिनय करवा लिया है।
म्युजिक
फ़िल्म का म्युज़िक इसका प्लस पॉइंट है। नोरा फतेही का डांस नम्बर आजा तालियां बजाने पर मजबूर करता है वहीं इसका बैकग्राउंड म्युज़िक फ़िल्म की गति को बरकरार रखता है।