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नए किरदार करने की भूख मेरे अंदर हमेशा बरकरार रहेगी: जयदीप अहलावत

Updated: 29 Jan, 2025 11:18 AM

paatal lok starcast interview

पाताल लोक के बारे में स्टारकास्ट और टीम ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। अमेजन प्राइम वीडियो की हिट वेब सीरीज 'पाताल लोक' के पहले सीजन को दर्शकों ने खूब पसंद किया था और इस सफलता के बाद से दर्शक इसके दूसरे सीजन का बेसब्री से इंतजार था। अब, फाइनली फैंस का इंतजार खत्म हो चुका है। सीरीज 17 जनवरी को रिलीज हो चुकी है। सीरीज के दूसरे सीजन में जयदीप अहलावत, जो कि 'हाथीराम' का किरदार निभा रहे हैं, इस बार नागालैंड में एक मिशन पर निकलते हैं। इस मिशन में उनके साथ तिलोत्तमा शोम और गुल पनाग भी नजर आ रहे हैं। सीरीज के बारे में स्टारकास्ट और टीम ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:

जयदीप अहलावत

सवाल- करियर की शुरुआत से लेकर अब तक ऐसा क्या है जो आप में अभी भी बरकरार है।
नए किरदार करने की भूख मेरे अंदर हमेशा बरकरार रहेगी। कि कुछ अलग मिल जाए या कुछ ऐसा जो मैंने कभी किया न हो। कुछ ऐसा हो जो कंफर्ट जोन से बाहर हो। इसमें थोड़ी परेशानियां होती हैं पर मजा बहुत आता है। इसलिए कुछ भी नया मिलता है तो मैं जंप कर जाता हूं बिना सोचे समझे गलत है या सही, उस समय मैं सोचता हूं देखा जाएगा जो होगा। इससे पहले की कोई और हथिया ले इसे मैं कर लूं।

सवाल- जब आपने करियर की शुरुआत की तो ऐसी कौन-सी परेशानियां थी जिसका आपने सामना किया? 
मुझे लगता है कि सबसे बेसिक जो संघर्ष था वो यही रहा कि जैसे-जैसे रोल मिलते रहे उन्हें और बेहतर करने का था। जैसे आक्रोश, खट्टा-मीठा, रॉकस्टार, कमांडो, राजी। लेकिन इस काम से भी काम ठहरा नहीं ऐसा लगता था कि इसके बाद मुझे एक्सेप्ट कर लिया जाएगा लेकिन वो हुआ नहीं। थोड़ा बहुत हुआ पर वो आपको करना नहीं है क्योंकी आप वैसा कुछ कर चुके हैं। मेरे पास राजी के बाद बहुत से सेम रोल आए लेकिन वो मुझे बार-बार दोहराना नहीं था वो करने का मन नहीं था और बाकी कुछ अच्छा दिख नहीं रहा है। तो जो ये उम्मीद थी कि उससे और कुछ अच्छा और बड़ा खुलेगा वो कभी नहीं हुआ। वो संघर्ष बना रहा। काम मिलता रहा और वो सराहा भी गया। इसे पाताल लोक ने बदला। इसके बाद आप पूरी तरह से अपनाए गए।


तिलोत्तमा शोम

सवाल- जब आपने करियर की शुरुआत की तो ऐसी कौन-सी परेशानियां थी जिसका आपने सामना किया? 
एक साल तक तो मुझे यह लगा कि मैं ऐसे प्रोफेशन में ही हूं जो मेरी पर्सनालिटी को सूट करे। मैं बहुत खुशनुमा माहौल में बड़ी हुई हूं, मैं बहुत इंट्रोवर्ट रही तो मेरे परिवार ने मुझे वैसे ही अपनाया जैसी मैं हूं। बल्कि जब मैंने पहली फिल्म की तो मैं अपने डायरेक्टर और को-एक्टर के अंडर काफी प्रोटेक्टेड थी। सभी ने मेरी बहुत मदद की और वह लोग बहुत जेंटल रहे। मुझे बिल्कुल नहीं लगा कि मैं इसका हिस्सा नहीं हूं क्योंकि मेरी फैमिली में कभी किसी ने एक्टिंग नहीं की। मेरी फिल्म के साथ तो मैं प्यार में पड़ गई मैं बहुत उत्साहित रहती थी कि कब सेट पर जाना है। मेरी फिल्म में मेरा मेड का रोल था जिसके बारे में मुझे कुछ पता नहीं था तो मैं गई मैंने चीजे सीखीं। इसलिए अगर आपको काम करना है तो काम के प्यार में पड़ना होगा। मेरा प्राइमरी इशू यही था कि मैं इस इंडस्ट्री की नहीं थी। जयदीप सर ने भी बहुत मदद की। मैं अपने काम के लिए क्या महसूस करती हूं क्योंकि आपको नहीं पता कि कब आपका प्यार नफरत में बदल जाएगा। तो अब मैं इस सब से आगे बढ़ चुकी हूं।

सवाल: पाताल लोक का हिस्सा बनना आपके लिए कैसा अनुभव रहा?
मैं पाताल लोक सीजन 1 की बहुत बड़ी फैन हूं और एक फैन होने के नाते सीजन 2 का हिस्सा होना बहुत उत्सुक्ता भरा रहा। बस जो चीज मैं एक फैन के नाते नहीं जानती थी वह थी सुदीप सर की राइटिंग जो सिर्फ एक एक्टर ही समझ सकता है। जब मैंने एपिसोड्स पढ़ें तो पता लगा कि उसमे सबकुछ था और एक्टर के लिए उससे उपर कुछ नहीं हो सकता है। सुदीप लिखते बहुत अच्छा और उसको बताते भी काफी बेहतर तरीके से हैं। 

गुल पनाग 
सवाल- पाताल लोक में आपके किरदार के बारे में क्या कहना चाहेंगी।
मैं इस तरह का किरदार अब से 10-15 साल पहले आई फिल्म मनोरमा सिक्स फीट अंडर में निभा चुकी हूं और ये मेरे लिए एक तरह का रिफ्रेसिंग रोल है जिसने मुझे रिफ्रेस किया। लेकिन जो दर्शकों की यादश्त होती है वह बहुत कम होती है। तो मुझे अच्छा लगता है कि मुझे ऐसे मौके मिले जब मैं अपनी पूरी रेंज एक्सप्लोर कर सकूं। मैं बहुत खुश हूं कि मैं पाताल लोक का हिस्सा हूं। खासकर मेरे किरदार की वजह से क्योंकी मेरी जो छवि है मेरी जो राय है वह उससे बहुत अलग है और यही मुझे आकर्षित करता है।

सवाल- आपको पाताल लोक से अपने क्राफ्ट को लेकर क्या नया सीखने को मिला?
मुझे लगता है कि किसी पल में खुद को पूरी तरह सरेंडर करना और उस प्रक्रिया पर भरोसा करना कुछ नया सीखने जैसा नहीं है मेरे लिए, लेकिन यह एक री-लर्निंग है और ऐसा होता कि आप ये नहीं कर सकते आपको पूरी तहर उस चीज को लेकर जागरुक होना पड़ता है जो आप कर रहे हैं। क्योंकी कई बार ऐसा हो सकता है कि आपके पास वो कंफर्ट न हो। लेकिन पाताल लोक में ऐसा है कि आप पहले सोचते हो कैसे होगा, क्या होगा। लेकिन जब आप करने लगते हो तो आप फ्री हो। पेपर पर पढ़ने के बाद जब आप करते हो तो वो नेचुरल होता है। इसके अलावा जो आपको टीम की तरफ से सहायता मिलती है वो ये है कि वो आपको बुला कर पूछते हैं कि आप इसे कैसे करना चाहोगे।

इश्वाक सिंह
सवाल- पाताल लोक की सफलता के बाद क्या आपको आप एक ही तरह के रोल आए जिन्हें आपको रिजेक्ट करना पड़ा?
मेरे पास कॉप्स के रोल्स ऑफर हो रहे थे। हां जो quality अंसारी में जैसे इमानदारी। अंसारी की खूबसूरती यह है कि उसका स्वभाव काफी अच्छा लेकिन इन सबके के अलावा उसके दिमाग में काफी कुछ चल रहा होता है। जिस तरह से राइटर ने कहानी को लिखा है जो अविनाश उसे समझ पाए। मुझे जटिल भूमिकाएं ज्यादा अच्छी लगती है और वह एक्टिंग में दिखता है कि भूमिका जटिल है। अंसारी का रोल भी काफी जटिल है। मुझे इसके बाद से जटिल रोल मिल रहे हैं। इसके साथ ही कई जोनर में रोल ऑफर हो रहे हैं।

सवाल- हर प्रोजेक्ट आपको कुछ सिखाता है ऐसे में पाताल लोक से आपने अपने क्राफ्ट के बारे में क्या सीखा?
इस शो में कई ऐसे सीन और पल हैं जिसमें मैंने कई बार अलग अलग तरीकों से किया। नई नई जगहों पर उस किरदार को निभाने में सभी फोरमेट किए। अपनी रियल पर्सानालिटी से काफी दूर एक किरदार करना जो आपसे बेहद अलग है ये आपको सिखाता है कि आप क्या-क्या कर सकते हैं। जब हम इसे करते हैं तो सबकुछ अपने आप होता चला जाता है। इसके साथ ही मुझे उस समय पता नहीं चलता कि मैंने क्या मोटिवेशन इस्तेमाल किया। 

अविनाश
सवाल- जब आप पाताल लोक के सीजन 2 को लिख रहे थे तो इसे लेकर सबसे पहला विचार क्या था? 
ये मैंने नहीं लिखा है जो हमारे राइटर हैं सुदीप शर्मा इसके अलावा अभिषेक बैनर्जी, राहुल कन्नौजिया और तमाल सेन इन लोगों ने मिलकर सीजन 2 लिखा है। मुझे आज भी याद है कि जब सुदीप सर ने सीजन 1 के रिलीज होने के तुंरत बाद बताया था कि उन्होंने सीजन 2 का स्क्रिप्टिंग शुरु कर दिया है। उन्होंने काफी सारी एक्साइटिंग चीजें बताई थीं। उस समय ये नहीं पता था कि इस पूरे प्रोसेस में इतना समय लग जाएगा। अब जब 4 साल बाद दूसरा सीजन आ रहा है तो हम यह भी कह सकते हैं कि एक अच्छी चीज बनने में समय तो लगता है।

सवाल- पताल लोक की सफलता के बाद सीजन 2 दर्शकों के लिए कितना खास होने वाला है?
इस शो में वास्तविकता को बहुत बहुत अच्छे से दिखाया गया है। दर्शकों के साथ शो का जुड़ाव बहुत गहरा है। हर कोई और कोई भी शो से जुड़ सकता है क्योंकि वे इसे अपने आस-पास घटित होते हुए देखते हैं। यह जटिल होते हुए भी सरल है। इस सीजन में भी दर्शकों के लिए बहुत खास होने वाला है। नए रोमांचक ट्विस्ट भी भी देखने को मिलेंगे।

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