Updated: 29 Aug, 2024 11:37 AM
यहां पढ़ें कैसी है फिल्म पड़ गए पंगे
फिल्म समीक्षा: पड़ गए पंगे (Pad Gaye Pange)
कलाकार: समर्पण सिंह (Samarpan Singh), राजेश शर्मा (Rajesh Sharma), राजपाल यादव (Rajpal Yadav), फैसल मलिक (Faisal Malik), वर्षा रेखाटे (Varsha Rekhate)
निर्देशक: संतोष कुमार (Santosh Kumar)
निर्माता: गौतम शर्मा (Gautam Sharma), योगेश लखानी (Yogesh Lakhani)
रेटिंग: 3 स्टार्स
Pad Gaye Pange: सिनेमाघरों में रिलीज हुई सिचुएशनल कॉमेडी फिल्म 'पड़ गए पंगे' भी बेहद रोचक और मनोरंजक है। समर्पण सिंह, राजेश शर्मा, राजपाल यादव और फैसल मलिक जैसे कलाकारों से सजी यह फिल्म ड्रामा, कॉमेडी और कुछ अच्छी परफॉर्मेंस की वजह से देखने लायक बन गई है।इस फ़िल्म से समर्पण सिंह ने बॉलीवुड में जबरदस्त डेब्यू किया है जो मुख्य किरदार आयुष को निभा रहे हैं जिसके इर्दगिर्द यह पूरी फिल्म घूमती है।
कहानी
फिल्म की कहानी कुछ इस तरह है कि 60 साल के रिटायर्ड और खुशमिजाज गणित शिक्षक शास्त्री जी (राजेश शर्मा) अपने 30 साल पुराने घर में रहते हैं, जो उनकी दिवंगत पत्नी सुधा की यादों से भरा हुआ है। वह अपने बेटे नीलेश और बहू मधु के साथ घर में रहते हैं। उनकी बहू मधु शास्त्री जी की अजीबोगरीब हरकतों से परेशान है और अपने पति के साथ एक नए घर में जाना चाहती है। दूसरी ओर आयुष (समर्पण सिंह) अपनी प्रेमिका पारुल से जल्द शादी करने को लेकर उत्साहित है। कहानी में मोड़ तब आता है जब शास्त्री जी और आयुष एक लोकल हेल्थ चेकअप कैम्प में अपनी जांच करवाने जाते हैं और दोनों को कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने का पता चलता है। इसके बाद जो कन्फ्यूजन, ड्रामा और कॉमेडी क्रिएट होती है, वह दर्शकों के लिए खूब हंसाने वाली सिचुएशन बन जाती है। फिल्म में मरने की हालत में जो हास्य पैदा किया गया है ऐसा पहली बार दर्शाया गया है।
अभिनय
फिल्म पड़ गए पंगे में राजपाल यादव कैप्टन जहाज सिंह के रोल में और राजेश यादव जग्गू के रूप में दिखाई देते हैं। राजेश शर्मा और राजपाल यादव जैसे बड़े ऐक्टर्स कॉमेडी को बढ़िया से स्थापित करने में सफल रहे हैं। फैसल मलिक ने भैया जी की भूमिका और वर्षा रेखाते ने चारू का किरदार निभाया है। समर्पण सिंह जैसे न्यू कमर ने उन दिग्गज कलाकारों का भरपुर साथ दिया है। कॉमेडी सीन से फ़िल्म काफी रिफ्रेश लगती है।
निर्देशन
फिल्म का निर्देशन संतोष कुमार ने किया है। कॉमेडी सीन से फ़िल्म काफी रिफ्रेश लगती है। फिल्म का पूरा मसाला ड्रामा, रोमांस, कॉमेडी और इमोशन भरा हुआ है। फ़िल्म का संगीत भी अच्छा है जो कहानी की रफ्तार को बनाए रखता है। संक्षेप में कहा जाए तो फिल्म का निर्देशन अच्छे ढंग से किया गया है।
source: Navodayatimes