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Interview: रोमांटिक कॉमेडी का पैटर्न बदल गया है, हमारी फिल्म की कहानी भी कुछ ऐसी ही

Updated: 13 Mar, 2025 02:46 PM

pintu ki pappi starcast interview with punjab kesari

पिंटू की पप्पी की कास्ट ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी, और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:

नई दिल्ली। फैमिली एंटरटेनर फिल्म 'पिंटू की पप्पी' 21 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। इसमें शुशांत थमके, जान्या जोशी और विधि यादव मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे। फिल्म का निर्देशन शिव हरे ने किया है, जो अपने अनोखे निर्देशन स्टाइल के लिए प्रसिद्ध हैं। फिल्म को V2S प्रोडक्शन और विधि आचार्य द्वारा प्रोड्यूस किया गया है। फिल्म में कॉमेडी, ड्रामा और मस्ती का एक बेहतरीन संगम देखने को मिलेगा। फिल्म के बारे में कास्ट ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी, और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:

गणेश आचार्य
सवाल: अब वो रोमांटिक कॉमेडी फिल्में नहीं बनतीं, और अगर बनती भी हैं तो उस पैकेजिंग के साथ नहीं? क्या वजह है? 
आप बिल्कुल सही कह रहे हैं। पहले की रोमांटिक कॉमेडी फिल्मों का अपना जादू था, और वो बहुत दिलचस्प होते थे। आजकल, जब OTT प्लेटफॉर्म्स और साउथ इंडियन सिनेमा की बहुत ज्यादा इन्फ्लुएंस हो गई है, तो रोमांटिक कॉमेडी का पैटर्न बदल गया है। हमारी फिल्म की कहानी भी कुछ ऐसी है, जैसे हम पुराने समय की फिल्मों की याद दिलाने वाली हैं, लेकिन इसके साथ-साथ नई पीढ़ी के टैलेंट को भी दिखाने की कोशिश की है। इस फिल्म की कहानी ने हमें बहुत आकर्षित किया और मुझे लगा कि यह एक नई कोशिश हो सकती है, खासकर नए लोगों के साथ। पुराने समय में शाहरुख़, सलमान और आमिर खान जैसे सितारे भी नए थे, तो हमें नई प्रतिभाओं को मौका देना चाहिए। हमारी फिल्म में कॉमेडी, रोमांस, फैमिली ड्रामा और इमोशन, जो आपको एक पूरी फिल्म का अनुभव देंगे। और मुझे लगता है कि यह फिल्म दर्शकों को पसंद आएगी, क्योंकि यह एक बहुत अच्छी और सशक्त कहानी पर आधारित है।

सवाल:  बॉलीवुड में अब बाहरी लोगों के लिए डेब्यू करना मुश्किल हो गया है। क्या आप इस पर सहमत हैं?  
मैं पूरी तरह से सहमत हूं। पहले नए कलाकारों को फिल्मों में मौका मिलता था, लेकिन आजकल बड़े बैनर और कंपनियों के साथ काम करना और उनके साथ फिल्मों की स्टोरीज पर काम करना काफी कठिन हो गया है। नए कलाकारों के लिए बॉलीवुड में जगह बनाने का रास्ता कठिन हो गया है। लेकिन अब लगता है कि फिल्म इंडस्ट्री में एक नया दौर आ रहा है, जहां नए चेहरों को प्यार मिल रहा है और उनकी फिल्में अब अच्छा रिस्पॉन्स पा रही हैं। मुझे लगता है कि बॉलीवुड को इस दिशा में और अधिक काम करना चाहिए और नए चेहरों के साथ फिल्में बनानी चाहिए।

सवाल: क्या आप हमें इस फिल्म की कास्टिंग प्रक्रिया के बारे में बता सकते हैं? कितने दिनों में कास्ट फाइनल हुई थी?  
कास्टिंग के बारे में बात करें तो मैंने शुशांत थमके को पहले ही अपनी फिल्म के लिए कास्ट कर लिया था। मैंने शुशांत को इस फिल्म में कास्ट करने का कारण यह था कि मुझे महाराष्ट्र से एक बॉलीवुड कलाकार चाहिए था, जो बड़ा नाम बने। मैं चाहता था कि सुशांत बॉलीवुड में बड़ा स्टार बने। इसी तरह, जानेया को भी हमने कास्ट किया क्योंकि उनकी डांसिंग और एक्सप्रेशन बहुत अच्छे थे। इस फिल्म में कोई भी स्टार किड नहीं है, सभी कलाकार नए हैं, और मुझे खुशी है कि हमने नए चेहरों के साथ काम किया। इस फिल्म से हम चाहते थे कि दर्शकों की आंखें खुलें और नए टैलेंट को पहचान मिलें।

सवाल: फिल्म बनाने के दौरान आजकल क्या चुनौती होती है, खासकर जब बड़े कॉर्पोरेट्स के साथ काम करना होता है?
यह सच है कि आजकल फिल्म बनाना एक बड़ी चुनौती है। जब हम फिल्म बनाते हैं, तो प्रोडक्शन का बजट कभी-कभी बहुत बढ़ जाता है, और कई बार शूट के दौरान हमें बदलाव करने पड़ते हैं। पहले बड़े प्रोड्यूसर होते थे जो जोखिम लेते थे और नए चेहरों को फिल्म में मौका देते थे। लेकिन आजकल ज्यादातर फिल्में बड़े कॉर्पोरेट्स के साथ बनती हैं। फिल्म बनाने में ज्यादा फंडिंग और अच्छे प्रोजेक्ट की जरूरत होती है। फिर भी, हमारे लिए यह अवसर था कि हमने अपनी फिल्म को अपने बलबूते पर तैयार किया फिल्म देखने के बाद कई बड़े ब्रांड्स और पीवीआर आए लेकिन शुरु हमने अपने बलबूते पर किया था।


शिव हरे
सवाल: क्या इस फिल्म का कोई खास कॉन्फ्लिक्ट है, जो आपको लगता है कि यह दर्शकों को बहुत प्रभावित करेगा? 
जी हां, फिल्म का मुख्य कॉन्फ्लिक्ट यही है कि पिंटू, जो एक छोटे शहर का लड़का है और जो दिल से किसी से प्यार करता है, जब वह प्यार उसकी ज़िंदगी में आता है तो वह उसे गहरे तरीके से महसूस करता है। उसकी मां-बाप उसकी इस स्थिति को समझने की कोशिश करते हैं और उसे अपने मामा के पास भेजने का फैसला करते हैं। मामा और भांजे के रिश्ते में बहुत प्यार और गहराई है। और मामा उसकी परेशानी को समझता है और उसे एक नया रास्ता दिखाता है। कॉन्फ्लिक्ट के साथ-साथ, फिल्म में और भी छोटे-छोटे व्यक्तिगत कॉन्फ्लिक्ट्स हैं, जैसे पिंटू के दोस्त, परिवार वाले, और जो लोग पिंटू की जिंदगी में आते हैं। ये सभी छोटे-छोटे कॉन्फ्लिक्ट्स फिल्म को और भी दिलचस्प बनाते हैं और दर्शक इनसे जुड़ सकते हैं।  

सवाल: पिंटू की पप्पी फिल्म के बारे में क्या खास बात है, जो इसे आपके परिवार के लिए एक बेहतरीन फिल्म बनाती है?  
यह फिल्म एक पूरी परिवार के लिए है। इसमें एक सादा और प्यारा संदेश है कि हमें कभी भी किसी का दिल दुखाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। फिल्म में एक भक्ति और प्यार भरा माहौल है और यह एक ऐसी कहानी है जो हर उम्र के दर्शकों को पसंद आएगी। यह फिल्म एक सुंदर संदेश देती है और इसमें बहुत सारे इमोशंस हैं। अगर आपके परिवार के लोग इसे देखेंगे, तो उन्हें भी यह फिल्म बहुत पसंद आएगी।


शुशांत थमके
सवाल:  सेट पर माहौल कैसा था, खासकर फिल्म की शुरुआत से अंत तक?
मैं मानता हूं कि सेट पर माहौल हमेशा शानदार था। शुरूआत में, जैसे ही मैंने कहानी सुनी, मुझे लगा कि यह फिल्म रोमांटिक कॉमेडी के तौर पर कुछ नया करेगी। इसके किरदार, जैसे पिंटू, बहुत इंट्रेस्टिंग थे। मैं पूरी तरह से फिल्म के इमोशन्स में डूबा था। सब लोग अपने काम के प्रति समर्पित होते थे और एक-दूसरे के साथ बहुत अच्छे से इंटरैक्ट करते थे। इस तरह से सेट पर एक फैमिली जैसा माहौल बन गया था। फिल्म की शूटिंग शुरू से लेकर आखिर तक बहुत अच्छे रिश्ते बने थे। सेट पर वाइब बहुत पॉजिटिव और एनर्जेटिक , और हर किसी को अपना बेस्ट देने का मौका मिला। 


सवाल: फिल्म को लेकर दर्शकों को क्या संदेश देना चाहेंगे आप?
मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि यह फिल्म पूरी तरह से परिवारिक फिल्म है। इसमें सभी के लिए कुछ न कुछ है। किसी के लिए कॉमेडी, किसी के लिए रोमांस, और किसी के लिए एक अच्छा संदेश। हम तीनों ने इस फिल्म में बहुत मेहनत की है और हम उम्मीद करते हैं कि दर्शक हमें अपना प्यार देंगे और हमें निराश नहीं करेंगे।

जान्या जोशी
सवाल:  शूटिंग की लोकेशन और सेट की वाइब का आप पर क्या प्रभाव पड़ा?
फिल्म की शूटिंग ओमकारेश्वर और उज्जैन में हुई थी, जो शिव जी की नगरी है। वहां का वातावरण बहुत सकारात्मक था, जिससे काम करने का उत्साह और बढ़ जाता था। हम हर दिन की शुरुआत भगवान की प्रार्थना से करते थे, और मुझे लगता है कि भगवान का आशीर्वाद हमारी यात्रा में हमेशा हमारे साथ था। आखिर तक सब एक दूसरे से काफी फैमिलियर हो गए थे।

विधि यादव

सवाल: आप ने इस फिल्म से क्या कुछ नया सीखा?
जब मैंने "ताका ताकी" गाने की शूटिंग की थी, तो मुझे बहुत नर्वसनेस महसूस हो रही थी। लेकिन मास्टर जी ने मुझसे कहा कि मैं इसे कर सकती हूं। उन्होंने मुझे दिखाया, और फिर मैंने इसे कुछ ही टेक्स में कर लिया। यह मेरे लिए बहुत बड़ी सीख थी कि विश्वास और मेहनत से कोई भी चुनौती आसान हो सकती है। जान्या के लिए भी यही अनुभव था। उन्होंने पहले कभी हिप-हॉप नहीं किया था, लेकिन मास्टर जी के मार्गदर्शन में उन्होंने इसे भी बेहतरीन तरीके से किया। इस फिल्म से हमें यह सीखा कि अगर आप मेहनत करते हैं और किसी में विश्वास रखते हैं, तो आप किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।


सवाल: इस फिल्म के प्रमोशन में आपने क्या तरीका अपनाया?  जिससे यह हर किसी तक पहुंचे?

शुशांत थमके

मैंने पहले अपनी स्कूल, कॉलेज और आसपास के सभी लोगों से इस फिल्म को प्रमोट किया। मैंने अपने इंस्टाग्राम पर भी फिल्म के छोटे-छोटे वीडियो क्लिप्स और ट्रेलर पोस्ट किए। 

विधि
जब मैं रिक्शा में था तो मैंने रिक्शा वाले से भी फिल्म के बारे में बात की और उन्हें ट्रेलर दिखाया। इस तरह से हमने फिल्म के प्रमोशन को आम लोगों तक पहुंचाया। अब सोशल मीडिया पर भी फिल्म को प्रमोट किया जा रहा है और लोग इसे देख रहे हैं।

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