Review:'पुष्पा 2: द रूल' अल्लू अर्जुन की धमाकेदार वापसी, एक्शन और ड्रामा का दमदार संगम

Updated: 05 Dec, 2024 10:24 AM

pushpa 2 the rule review in hindi

यहां पढ़ें कैसी है अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा 2 द रूल

फिल्म- पुष्पा 2 द रूल (Pushpa 2: The Rule)
कलाकार - अल्लू अर्जुन (Allu Arjun), रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna), फहाद फासिल (Fahadh Faasil)
निर्देशक : सुकुमार (Sukumar)
रेटिंग-4*

Pushpa 2: The Rule: अल्लू अर्जुन की फिल्म 'पुष्पा' ने एक नया ट्रेंड सेट किया था, जिसमें एक्शन, स्टाइल और संवादों का जादू था। अब, ‘पुष्पा 2: द रूल’ के साथ इस फ्रेंचाइज़ी की कहानी और भी ज्यादा दमदार बनकर सामने आई है। बड़े पर्दे पर पुष्पाराज का लुक और अंदाज पहले से कहीं ज्यादा क्रेजी है। फिल्म का हर फ्रेम दर्शकों को अपनी ओर खींचता है। 'पुष्पा' के बाद से ही दर्शकों को फिल्म का बेसब्री से इंतजार था वहीं अब फिल्म सिनेमाघरों  में रिलीज हो चुकी है। आइए जानते हैं कैसी है फिल्म पुष्पा 2: द रूल।

कहानी
कहानी की बात करें तो‘पुष्पा 2’ में कहानी आगे बढ़ती है जहां पुष्पाराज (अल्लू अर्जुन) ने लाल चंदन की तस्करी से अपनी पहचान बना ली है और एक मजबूत स्थान पर पहुंच चुका है। उसके साथ श्रीवल्ली (रश्मिका मंदाना) का रिश्ता और भी मजबूत हो गया है। लेकिन अब उसे नए दुश्मन मिलते हैं  इंस्पेक्टर भवंर सिंह शेखावत (फहाद फासिल) और जॉली रेड्डी (धनंजय)। कहानी की मुख्य धारा बदले की भावना और पुष्पाराज के संघर्ष को लेकर आगे बढ़ती है, जहां लाल चंदन की तस्करी अब सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल गई है। तो अब इन सब में पुष्पा क्या क्या नए धमाके करता है यह देखने के लिए आपको पूरी फिल्म देखनी होगी।

निर्देशन 
सुकुमार ने फिल्म की दिशा को बेहतरीन तरीके से संभाला है। उन्होंने पुष्पा 2 में वो मसाला और ड्रामा रखा है, जो दर्शकों को लंबे वक्त तक बांधे रखे। फिल्म की लंबाई 3 घंटे से अधिक होने के बावजूद यह बोरिंग नहीं लगती, क्योंकि सुकुमार ने हर पल को दिलचस्प बनाए रखा है। फिल्म में एक्शन, इमोशन, और मसालेदार डायलॉग्स का बेहतरीन मिश्रण है। सिनेमैटोग्राफी और वीएफएक्स भी बेहद शानदार हैं, जो इस फिल्म को और भी आकर्षक बनाते हैं। 

अभिनय 
अल्लू अर्जुन ने फिर से अपनी अभिनय क्षमता को साबित किया है। उनका पुष्पाराज वाला अंदाज दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। खासकर, उनका साहसी और जिद्दी लुक, जिसमें वह अपने कंधे को झुका कर चलते हैं, लोगों को पंसद आ रहा है। उनका संवाद “फ्लावर समझे क्या? फायर है मैं” का अंदाज अब एक नया ट्रेंड बन चुका है। रश्मिका मंदाना ने श्रीवल्ली के किरदार में बेहतरीन अभिनय किया है। वहीं, फहाद फासिल ने खलनायक के रूप में एक बार फिर से अपना जलवा दिखाया है। धनंजय और जगपति बापू भी अपनी भूमिकाओं में प्रभावी रहे हैं। 

संगीत
डीएसपी का संगीत फिल्म के हर मोमेंट को और भी ताकतवर बना देता है। गीतों और बैकग्राउंड म्यूजिक ने फिल्म की ऊर्जा को बढ़ा दिया है। जुम्मा और सामी-समि जैसे गीतों का प्रभाव जबरदस्त है, जो दर्शकों को थियेटर में झूमने पर मजबूर कर देंगे।


कुल मिलाकर कहें तो 'पुष्पा 2: द रूल' एक पूरी तरह से एंटरटेनिंग फिल्म है, जो दर्शकों को अपनी सीट से उठने का मौका नहीं देती। फिल्म की एक्शन, कहानी, अभिनय, और संगीत सब कुछ शानदार है। अगर आप बड़े पर्दे पर एक्शन और ड्रामा का पूरा मसाला देखना चाहते हैं, तो 'पुष्पा 2: द रूल' आपका समय बिल्कुल वर्थ करेगी।

source: navodayatimesnews

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