Updated: 17 Apr, 2025 07:45 PM
कोलकाता में हुए एक हालिया लाइव परफॉर्मेंस के दौरान संगीत के दीवानों को एक बेहद खास पल देखने को मिला।
नई दिल्ली,टीम डिजिटल। कोलकाता में हुए एक हालिया लाइव परफॉर्मेंस के दौरान संगीत के दीवानों को एक बेहद खास पल देखने को मिला। सुरों की मलिका श्रेया घोषाल ने जब भारत की अमर गायिका लता मंगेशकर को मंच से दिल से याद किया, तो माहौल पूरी तरह भावुक हो गया। लता दीदी की आवाज़ ने जहां पुराने दौर के बॉलीवुड को उसकी पहचान दी, वहीं श्रेया आज भी उसी सुरों की विरासत को बड़े प्यार और गरिमा से आगे बढ़ा रही हैं। दोनों की गायकी में एक बात कॉमन है, दिल को छू जाने वाली गहराई और भावनाओं की मिठास। लता जी ने जैसे हर जज्बात को सुरों में पिरोया, उसी अंदाज़ में श्रेया भी आज की पीढ़ी के दिलों तक वही एहसास पहुंचा रही हैं।
अपने परफॉर्मेंस के दौरान श्रेया घोषाल ने लता मंगेशकर का आइकॉनिक गाना "आ जाने जान" कुछ इस अंदाज़ में गाया कि जैसे पुराने ज़माने की जादूई फीलिंग एक बार फिर ज़िंदा हो गई हो। ये महज़ एक कवर नहीं था, ये एक नई सोच के साथ दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि थी, जिसे श्रेया ने अपने दिल की गहराइयों से पेश किया। हर सुर में उनकी आत्मा झलक रही थी। उन्होंने लता दीदी की उस मोहक अदायगी को अपनी खास सोज़भरी गायकी से कुछ इस तरह मिलाया कि गाना एकदम नया सा महसूस हुआ, लेकिन उसकी क्लासिक खुशबू बरकरार रही। श्रेया की सुरों पर पकड़, उनकी नर्म कंपन वाली आवाज़ और एक-एक नोट में जो इमोशन की गहराई थी, उसने जैसे वक्त को थाम लिया हो।
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श्रेया घोषाल की ये श्रद्धांजलि सिर्फ एक गाना नहीं थी, बल्कि दो दौरों के बीच एक खूबसूरत पुल थी, जहां बीते ज़माने की यादें और आज की खूबसूरती एक साथ गूंज उठीं। उनकी दिल छू लेने वाली आवाज़ में लता दीदी की वो अमर मोहकता तो थी ही, साथ ही ये भी एहसास हो रहा था कि सुरों की ये विरासत आज भी ज़िंदा है, और आगे भी यूं ही चलती रहेगी। उनका परफॉर्मेंस देखकर साफ था कि एक लीजेंड ने दूसरी लीजेंड को सम्मान दिया है। और इस भावपूर्ण पल ने साबित कर दिया कि संगीत की आत्मा कभी नहीं मरती, वो हर उस कलाकार में धड़कती है जो सुरों की इस मशाल को आगे बढ़ा रहा है।