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‘12th फेल’ और ‘लापता लेडीज’ पसंद करने वालों के लिए 'सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव' है बेहतरीन ऑप्शन!

Updated: 19 Feb, 2025 01:15 PM

superboys of malegaon  will give new enthusiasm to the audience

2023 में ‘12th फेल’ से लेकर 2024 में ‘लापता लेडीज़’ और अब 2025 में आने वाली ‘सुपरबॉयज़ ऑफ मालेगांव’ तक, ये फिल्में दिखाती हैं कि सच्ची जंग जज़्बे और हौसले से जीती जाती है।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। पिछले कुछ सालों में भारतीय सिनेमा में अंडरडॉग कहानियों की जबरदस्त वापसी हुई है, जिसने दर्शकों के दिलों को छू लिया है। ये फिल्में सिर्फ एंटरटेन नहीं करतीं, बल्कि इंस्पायर भी करती हैं, जहां किरदार तमाम मुश्किलों के बावजूद जीत हासिल करते हैं। 2023 में ‘12th फेल’ से लेकर 2024 में ‘लापता लेडीज़’ और अब 2025 में आने वाली ‘सुपरबॉयज़ ऑफ मालेगांव’ तक, ये फिल्में दिखाती हैं कि सच्ची जंग जज़्बे और हौसले से जीती जाती है। अंडरडॉग नैरेटिव की यही ताकत है, जो हर बार दर्शकों से सीधा कनेक्ट कर जाती है।

12th फेल (2023)
‘12th फेल’ की कहानी एक ऐसे लड़के की है, जो पढ़ाई में अच्छा करने का समाज और खुद का प्रेशर झेल रहा होता है। 12वीं की परीक्षा में फेल होने के बाद भी वो हार नहीं मानता और अपने दम पर बेहतर भविष्य बनाने के लिए जी-जान लगा देता है। ये फिल्म असफलता से सफलता तक के सफर को दिखाती है, जो खासकर स्टूडेंट्स के दिल को छू गई। कई लोगों ने इसमें खुद को देखा, क्योंकि ये सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि हकीकत से जुड़ी जद्दोजहद है।

लापता लेडीज़ (2024)
‘लापता लेडीज़’ गांव की दो औरतों की कहानी है, जो गलती से अपने पतियों के साथ बदल जाती हैं। लेकिन फिल्म की सबसे खास बात ये है कि ये औरतें पितृसत्ता की जंजीरों से लड़ती हैं, जो उनकी आज़ादी को सीमित करती हैं। भले ही समाज की नजर में ये औरतें मामूली लगें, लेकिन अपने सफर के दौरान वो खुद को मजबूत बनाती हैं। फिल्म उनके अंदर के हौसले और हिम्मत को दिखाती है, जो उन्हें अपनी लड़ाई खुद लड़ने का हौसला देता है। ‘लापता लेडीज़’ उन सभी को रिप्रेजेंट करती है, जो समाज के बनाए नियमों को तोड़कर अपनी पहचान बनाने की हिम्मत रखते हैं।

सुपरबॉयज़ ऑफ मालेगांव (2025)
‘सुपरबॉयज़ ऑफ मालेगांव’ एक छोटे से कस्बे के कुछ आम लड़कों की कहानी है, जो बड़े सपने देखने की हिम्मत रखते हैं। लेकिन फिर एक ऐसा वाकया होता है, जो उनकी ज़िंदगी को पूरी तरह बदल कर रख देता है।फिल्म उन अंडरडॉग्स की जर्नी दिखाती है, जो अपनी मेहनत और हौसले से खुद के हीरो बन जाते हैं। दोस्ती और इमेजिनेशन की थीम पर बनी ये कहानी बताती है कि जब लोग साथ आते हैं, तो नामुमकिन भी मुमकिन हो सकता है। ये फिल्म हर उस यंग ऑडियंस को इंस्पायर करती है, जो खुद में बदलाव लाकर दुनिया बदलने का सपना देखते हैं।

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