Edited By Diksha Raghuwanshi,Updated: 07 Mar, 2025 11:46 AM

'द वेकिंग ऑफ ए नेशन' में जलियावाला बाग हत्याकांड के कई अनकहे राज़ सामने आएंगे, जो अब तक फाइलों में बंद थे। सीरीज़ में तारुक रैना, निकिता दत्ता और साहिल मेहता लीड रोल निभाते नज़र आ रहे हैं।
वेब सिरीज : 'द वेकिंग ऑफ ए नेशन' (the waking of a nation)
स्टारकास्ट : तारुक रैना (Taaruk Raina) , निकिता दत्ता (Nikita Dutta), साहिल मेहता (Sahil Mehta)
निर्देशक : राम माधवानी (Ram Madhvani)
रेटिंग : 4 /5
डायरेक्टर राम माधवानी का नया शो 'द वेकिंग ऑफ ए नेशन' 7 मार्च को रिलीज़ हो चूका है । सोनी लिव के यूट्यूब चैनल पर पहले शो का टीजर रिलीज किया गया था जिसे दर्शकों से जबरदस्त रिस्पांस मिला। 'द वेकिंग ऑफ ए नेशन' में जलियावाला बाग हत्याकांड के कई अनकहे राज़ सामने आएंगे, जो अब तक फाइलों में बंद थे। सीरीज़ में तारुक रैना, निकिता दत्ता और साहिल मेहता लीड रोल निभाते नज़र आ रहे हैं।
कहानी –
The Waking of a Nation में कहानी दिखाई गई है जलियावाला बाग हत्याकांड और उसकी जाँच की। इस हत्याकांड के बाद क्या कुछ हुआ और उससे पहले कैसे माहौल था और कौन सी प्लानिंग हुई थी इस सबको इसमें बहुत ही बारीकी से दिखाया। वो कुछ चीज़ें जो जलियांवाला हत्याकांड से जुडी हुई हैं लेकिन बहुत से लोग इससे वाकिफ नहीं है , उन सब को इस सीरीज़ में बहुत ही अच्छे तरीके से पेश किया गया है।

एक्टिंग –
सीरीज़ की कास्टिंग बाकमाल है। हर किरदार अपनेआप में परफेक्ट है और सीरीज़ में जान डाल रहा है। तारुक रैना को वकील कांतिलाल साहनी के किरदार में देखकर ये कहना गलत नहीं होगा कि इनसे अच्छा ये किरदार शायद कोई कर ही ना पाता। वो हर एक सीन में एकदम जमे हुए हैं. वहीं ग्लैमरस इमेज वाली निकिता दत्ता यहां बिलकुल अलग अंदाज में दिखाई दे रही हैं इतना ही नहीं उन्होंने अपनी शानदार अदाकारी से भी ये साबित कर दिया है कि वो इस किरदार के लिए एकदम सही पसंद हैं। साहिल मेहता और भवशील सिंह साहनी का काम भी अच्छा है। वैसे इस सीरीज़ में हर छोटे से छोटे किरदार वाले कलाकार ने अपनी छाप छोड़ी है। सबकी मेहनत साफ़ दिखाई देती है।

रिव्यू –
6 एपिसोड की इस सीरीज़ को बहुत ही शानदार तरीके से पेश किया गया है। 1919 के उस टाइम को बिलकुल उसी तरह से दिखाया गया है मानो हम उसी टाइम में जी रहे हो। कांसेप्ट की ऑथेंटिसिटी को कायम इसमें रखा गया है। अंग्रेजों और हिन्दुस्तानियों के बीच जिस तरह का उस समय माहौल था उसे भी सही तरीके से पेश किया गया है। इन्ही सारे एपिसोड में सीरीज़ को भी एंड कर दिया गया है यानी कि दूसरे सीजन की कोई गुंजाईश नहीं छोड़ी गई। सिनेमेटोग्राफी हो डायरेक्शन , बैक ग्राउंड मुसिक हो या डायलॉग हों हर चीज़ एक दम परफेक्ट है। कुल मिलकर कहा जाए तो ये सीरीज़ जलियावाला बाघ हत्याकांड पर बनी एक शानदार कहानी है।