TRIS का 'द वर्ल्ड्स ग्रेटेस्ट मेला' : सिनेमा को एक महत्वपूर्ण शैक्षिक संसाधन के रूप में किया प्रस्तुत

Updated: 16 Aug, 2024 04:40 PM

the world greatest fair importance of cinema exhibiton in delhi

टुली रिसर्च सेंटर फॉर इंडिया स्टडीज (T.R.I.S.) ने एक अनोखी प्रदर्शनी 'द वर्ल्ड्स ग्रेटेस्ट मेला – भारत की सिनेमा धरोहर का सम्मान' का आयोजन किया है।

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल।टुली रिसर्च सेंटर फॉर इंडिया स्टडीज (T.R.I.S.) ने एक अनोखी प्रदर्शनी 'द वर्ल्ड्स ग्रेटेस्ट मेला – भारत की सिनेमा धरोहर का सम्मान' का आयोजन किया है। इसे इस संस्थान के संस्थापक और अध्यक्ष नेविल टुली ने क्यूरेट किया है जो एक फेमस लेखक क्यूरेटर आर्काइविस्ट और सांस्कृतिक संस्थान निर्माता हैं।

यह प्रदर्शनी टुली के तीन दशकों की मेहनत को दर्शाती है, जिसमें उन्होंने भारतीय और एशियाई कला, शिल्प और विश्व सिनेमा से जुड़े चार लाख से ज्यादा अनोखे कपड़ो का संग्रह संरक्षण और उन्हें भारत अध्ययन के लिए एक अनोखे ज्ञान आधार में बदलने का काम किया है। यह आधार अगले महीने से दुनिया के लिए मुफ्त में उपलब्ध हो जाएगा।

इस प्रदर्शनी में नेविल टुली के अलावा प्रिंस मणवेंद्र सिंह गोहिल, रमोला बच्चन, विभोध पार्थसारथी, प्रोफेसर अमृत श्रीनिवासन, रघवेंद्र सिंह, एसएमएम औसजा, सुमित टंडन आदि कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। यह प्रदर्शनी 25 अगस्त 2024 तक दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर के विजुअल आर्ट्स गैलरी और ओपन पाम कोर्ट में जनता के लिए खुली है। टुली का विज़न सिनेमा और इससे जुड़े कला रूपों को एक महत्वपूर्ण ज्ञान और शैक्षिक संसाधन के रूप में स्थापित करने का है। वे भारत अध्ययन के लिए पहले तीन साल स्नातक पाठ्यक्रम की स्थापना के लिए काम कर रहे हैं।

सिनेमा को अक्सर सिर्फ फिल्म और सांस्कृतिक अध्ययन के लिए जाना जाता है, लेकिन इसके अंदर गहरी शैक्षिक संभावनाएं भी हैं जो पारंपरिक रूप से ध्यान में नहीं आतीं। आने वाले महीनों में, T.R.I.S. एक नई प्रणाली पेश करने जा रहा है जो सिनेमा को न सिर्फ कला बल्कि प्राथमिक और द्वितीयक ज्ञान के स्रोत के रूप में उपयोग करने पर केंद्रित होगी खासकर भारत के अध्ययन के लिए।

यह प्रदर्शनी भारत की सांस्कृतिक, बौद्धिक और भावनात्मक यात्रा को उजागर करती है जिसे सिनेमा के जरिए देखा जा सकता है। सिनेमा की अनोखी शक्ति है कि वह मनोरंजन, कला और शिक्षा को एक साथ जोड़कर मस्तिष्क को पकड़ने, ध्यान आकर्षित करने और संबंध बनाने में सक्षम है।

 प्रदर्शनी पर टिप्पणी करते हुए नेविल टुली ने कहा, 'चाहे प्रदर्शनी कितनी ही व्यापक क्यों न हो, यह अपने विषय का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही पकड़ सकती है। इसलिए मुख्य उद्देश्य है इस विषय का सार उसकी अनूठी सिनेमा ऊर्जा उसका ऐतिहासिक संदर्भ और सबसे महत्वपूर्ण यहां - वह उच्च सौंदर्य और बौद्धिक मानक जो एक फिल्म को बनाते हैं और उसके प्रभाव को प्रस्तुत करना।' 'प्रदर्शनी ने जनता और अकादमिक क्षेत्र को विषय वस्तु के शैक्षिक संभावनाओं पर फिर से विचार करने के लिए प्रेरित किया है, जबकि इसे देखने में अत्यधिक खुशी भी प्रदान की है।'

 प्रदर्शनी के साथ, नेविल टुली 16 अगस्त को शाम 7:30 बजे स्टीन ऑडिटोरियम में 'सिनेमा को एक महत्वपूर्ण शैक्षिक संसाधन के रूप में' विषय पर एक चित्रित व्याख्यान देंगे। इसके बाद रिंकी रॉय (बिमल रॉय की बेटी), ताजदार अमरोही (कमल अमरोही के बेटे) और टुली के बीच 'कमल अमरोही और मीना कुमारी की जिंदगी और सिनेमा' पर बातचीत होगी। T.R.I.S. के साथ इस प्रदर्शनी में भारत की जीवंत सिनेमा धरोहर की यात्रा को एक्सपीरिंय करें जो हमारी नजर का एक अहम हिस्सा है। जिसमें कला, सिनेमा और संस्कृति की भूमिका और उनके अध्ययन प्रक्रिया में बदलाव लाने की क्षमता है।

Source: Navodaya Times

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