Updated: 19 Mar, 2025 01:49 PM

'कंतारा' भारतीय सिनेमा की सबसे खास फिल्मों में से एक बनकर उभरी है। इस फिल्म ने न सिर्फ शानदार फिल्ममेकिंग, दमदार परफॉर्मेंस और बेहतरीन कहानी के मामले में भारतीय सिनेमा को एक नया आयाम दिया।
नई दिल्ली। होम्बले फिल्म्स की 'कंतारा' भारतीय सिनेमा की सबसे खास फिल्मों में से एक बनकर उभरी है। इस फिल्म ने न सिर्फ शानदार फिल्ममेकिंग, दमदार परफॉर्मेंस और बेहतरीन कहानी के मामले में भारतीय सिनेमा को एक नया आयाम दिया, बल्कि लोककथाओं (फोकलोर) को भी दर्शकों के बीच एक पसंदीदा जॉनर के रूप में सेट किया। इस फिल्म ने होम्बले फिल्म्स की केजीएफ: चैप्टर 1 और चैप्टर 2 के बाद एक और जबरदस्त धमाका किया है। ऋषभ शेट्टी ने बतौर लेखक, डायरेक्टर और एक्टर लोककथा की कहानी को ऐसे परदे पर उतारा है, जिसमें संस्कृति, परंपराएं और पौराणिक बातें बड़ी खूबसूरती से घुली-मिली नजर आती हैं।
ऋषभ शेट्टी की दमदार परफॉर्मेंस ने दर्शकों को रोंगटे खड़े कर देने वाला अनुभव दिया, जिसे लोग कभी नहीं भूल पाएंगे। होम्बले फिल्म्स ने हर एक सीन में दर्शकों को कहानी से बांधे रखा, लेकिन आखिरी का भूत कोला सीन तो सच में आइकॉनिक बन गया, जिसने सबको हैरान कर दिया। इस सीन ने फिल्ममेकिंग, स्क्रीनप्ले और एक्टिंग के नए पैमाने सेट कर दिए। होम्बले फिल्म्स ने भारतीय दिलों से निकली इस कहानी को दुनिया के सामने पेश करके सिनेमा की परिभाषा ही बदल दी। जिसकी वजह से भारतीय लोक संस्कृति को ग्लोबल पहचान दिलाना अब एक ट्रेंड बन चुका है।
अगर इस फिल्म ने आपको इंप्रेस किया है, तो जानिए इस आइकॉनिक सीन से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें।
इस जबरदस्त सीन के दौरान डिस्लोकेट हो गया था ऋषभ शेट्टी का कंधा
ऋषभ शेट्टी ने 'कंतारा' के जबरदस्त क्लाइमैक्स की शूटिंग के दौरान दोनों कंधे डिस्लोकेट कर लिए थे, लेकिन दर्द के बावजूद शूटिंग जारी रखी। ये वही सीन है जहां शिवा के किरदार पर पंजीरली का आशीर्वाद आता है और वो भूत कोला परफॉर्म करता है। ये सीन न सिर्फ फिल्म का बल्कि भारतीय सिनेमा के इतिहास का सबसे आइकॉनिक पल बन गया।
भूत कोला सीन के लिए ऋषभ शेट्टी ने रखा था उपवास
भूत कोला सीन की तैयारी के लिए ऋषभ शेट्टी ने अपनी खाने की आदतें बदली थीं। शूटिंग से 20-30 दिन पहले उन्होंने अपना डाइट पूरी तरह बदल लिया था और दैव कोला अलंकार धारण करने के बाद सिर्फ नारियल पानी का सेवन किया था। उनके इस अनुशासन और उपवास ने उनके प्रदर्शन को और भी प्रामाणिक बना दिया, जिससे फिल्म को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गहराई मिली।
ऋषभ शेट्टी ने भूत कोला सीन के लिए एक्सपर्ट्स से मार्गदर्शन लिया
कंतारा में भूत कोला अनुष्ठान को असली रूप देने के लिए ऋषभ शेट्टी ने असली भूत कोला परफॉर्मर्स से मार्गदर्शन लिया। इन विशेषज्ञों के अनुभव और सीख ने उन्हें इस परंपरा की आत्मा को समझने और पर्दे पर उसे सजीव रूप से पेश करने में मदद की। उनकी यह तैयारी और गहराई से समझ ने फिल्म की परफॉर्मेंस को और भी असरदार बना दिया।
ऋषभ शेट्टी ने भूत कोला सीन को परफेक्ट बनाने के ली कड़ी ट्रेनिंग
कंतारा के लिए पारंपरिक भूत कोला नृत्य को परफेक्ट बनाने के लिए ऋषभ शेट्टी ने महीनों तक कड़ी ट्रेनिंग ली। उन्होंने इसके मुश्किल हाव-भाव, भावनाओं और आध्यात्मिक महत्व को बारीकी से सीखा, जिससे उनका प्रदर्शन न केवल दर्शकों के दिलों तक पहुंचा बल्कि इस समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को भी सम्मान दिया।
कंतारा के क्लाइमैक्स सीन की नेचुरल लाइटिंग में हुई शूटिंग
ऋषभ शेट्टी ने कंतारा के भूत कोला सीन को असली फील देने के लिए इसे नैचुरल लाइट में शूट किया। उन्होंने तटीय कर्नाटक की परंपराओं से इंस्पिरेशन ली, जिससे इस रिचुअल की स्पिरिचुअल फीलिंग स्क्रीन पर पूरी तरह उभरकर आई और ये सीन फिल्म का सबसे पावरफुल मोमेंट बन गया।
भूत कोला के क्लाइमैक्स सीन को ऋषभ शेट्टी ने नहीं किया था डायरेक्ट
कंतारा के आइकॉनिक भूत कोला सीन को ऋषभ शेट्टी ने नहीं बल्कि राज शेट्टी ने डायरेक्ट किया था। इस सीन के दौरान रिषभ ने पूरी तरह से अपनी परफॉर्मेंस पर फोकस किया, खुद को किरदार की आध्यात्मिक स्थिति में डुबोकर उस ट्रांसफॉर्मेशन को असली एहसास दिया।