Updated: 01 Dec, 2023 09:55 AM
यहां पढ़ें कैसी है विक्की कौशल की फिल्म 'सैम बहादुर'...
फिल्म: सैम बहादुर (Sam Bahadur)
निर्माता : रोनी स्क्रूवाला (Ronnie Screwvala)
निर्देशक : मेघना गुलजार (Meghna Gulzar)
कास्ट : विक्की कौशल (Vicky Kaushal), सान्या मल्होत्रा (Sanya Malhotra), फातिमा सना शेख (Fatima Sana Shaikh), नीरज काबी (Neeraj Kabi), मोहम्मद जीशान अयूब (Mohammed Zeeshan Ayyub)
रेटिंग : 4*
Sam Bahadur: भारत का इतिहास वीर और साहसी सैनिकों की कहानियों से भरा हुआ है और फिल्म बनाने वाले इन वीरों से प्रेरित होकर इनकी कहानियों को सिनेमा के जरिए दर्शकों के सामने ला रहे हैं। ऐसे ही एक वीर बहादुर और साहसी आर्मी जनरल ऑफिसर सैम मानेकशॉ थे जिन्होंने बांग्लादेश की आजादी के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 1971 के युद्ध में अदम्य साहस और बहादुरी का परिचय देते हुए भारत की ओर से जंग लड़ी। इन्हीं के जीवन पर आधारित फिल्म 'सैम बहादुर' 1 दिसंबर को रिलीज हो रही है। मेघना गुलजार द्वारा निर्देशित बायोपिक 'सैम बहादुर' विक्की कौशल सैम मानेकशॉ की भूमिका में है, जिन्हें सैम होर्मूसजी फ्रामजी जमशेदजी मानेकशॉ के नाम से भी जाना जाता है।
कहानी
सैम मानेकशॉ का जन्म अमृतसर में एक पारसी परिवार में हुआ था। फिल्म में सैम बहादुर द्वारा लड़ा गया बर्मा की पृष्ठभूमि पर द्वितीय विश्व युद्ध, विभाजन के दौरान कश्मीर की लड़ाई, नॉर्थइस्ट में विद्रोह और बांग्लादेश में वॉर के साथ पूरे भारत में हुए वॉर को सीक्वल दिखाया गया है। सैम मानेकशॉ भारत के पहले फील्ड मार्शल थे और 1971 वे इंडियन आर्मी के चीफ थे। 1971 में ही बांग्लादेश की आजादी के लिए भारत का पाकिस्तान से युद्ध हुआ था जिसमें सैम मानेकशॉ ने युद्ध रणनीतियों का नेतृत्व कर बांग्लादेश को पाकिस्तान से मुक्त करवाया और पाकिस्तान ने हिंदुस्तानी सेना के आगे समर्पण कर दिया। यह युद्ध 3 दिसंबर 1971 को शुरू हुआ था और 16 दिसंबर को भारत की जीत के साथ समाप्त हुआ।फिल्म में सैम मानेकशॉ का जंग में जीत के लिए जुनून दिखाया गया है। भारत के वीर सपूतों के सम्मान में इस दिन को विजय दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। फिल्म में सैम मानेकशॉ के व्यक्तिगत जीवन के साथ यह भी दिखाया गया है कि एक सैनिक किस तरह राजनीति से ऊपर उठकर सोचता है।
एक्टिंग
फिल्म में कलाकारों की एक्टिंग की बात करें तो सभी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया हैं। विक्की कौशल ने सैम मानेकशॉ का रोल निभाया है और उन्होंने किरदार में पूरी तरह डूबकर अभिनय किया है। विक्की कौशल इससे पहले भी कई फिल्मों में आर्मी जवान की भूमिका निभा चुके हैं इसलिए उन्हें इन किरदारों की अच्छी परख है। ये कहना गलत नहीं होगा की फिल्म के कप्तान वही हैं। उनकी कमाल की एक्टिंग ने सैम मानेकशॉ के किरदार को जीवंत कर दिया।
वहीं सान्या मल्होत्रा ने मानेकशॉ की पत्नी की भूमिका निभाई है। जिसमें वे काफी अच्छी लगी हैं और उन्होंने बेहतरीन काम किया है। फातिमा सना शेख ने इंदिरा गांधी की भूमिका बखूबी निभाई है। वहीं नीरज काबी जवाहर लाल नेहरू के रूप में और जीशान अयूब पाकिस्तानी आर्मी के कमांडर इन चीफ याहया खान के किरदार में काफी अच्छे लगते हैं। फिल्म की सबसे खास बात यह है कि इस फिल्म में जूनियर एक्टर्स की जगह असली सैनिकों ने काम किया है, जो इसे और भी जीवंत बनाने का काम करते हैं।
म्यूजिक
फिल्म के गीत गुलजार साहब ने लिखे हैं और संगीत शंकर एहसान लॉय का है। फिल्म के गीतों को सोनू निगम, शंकर महादेवन, दिव्या कुमार, श्रेया घोषाल और सुनीधि चौहान ने अपनी आवाज दी है। फिल्म के गाने बहादुरी और देशभक्ति के जुनून से भरे हुए हैं और चार्टबस्टर पर लगातार ट्रेंड हो रहे हैं।
निर्देशन
फिल्म का निर्देशन मेघना गुलजार ने किया है, इससे पहले वह कई शानदार फिल्मों को डायरेक्ट कर चुकी हैं। फिल्म को वास्तविकता से जोड़ने का उन्होंने अच्छा प्रयास किया गया है। हर वॉर सीक्वेंस को मेघना ने उस समय के अनुसार अलग और सटीक रूप से दिखाने के लिए बहुत मेहनत की है, जो पर्दे पर बखूबी नजर भी आती है। वहीं निर्देशन में अगर कमी की बात करें तो फिल्म में कई भागों को जल्दी-जल्दी कवर करने की कोशिश की गई है। जिनमे कई चीज़े क्लियर नहीं हो पाती हैं।
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