Edited By shukdev,Updated: 05 Oct, 2018 05:40 PM
दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी एप्पल ,एमेजॉन समेत दुनिया की करीब 30 प्रतिष्ठित कंपनियां चीन की जासूसी का शिकार हुई हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा अमरीका की ब्लूमबर्ग बिजनेस वीक की एक रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन न केवल ऐप्पल और...
नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी एप्पल ,एमेजॉन समेत दुनिया की करीब 30 प्रतिष्ठित कंपनियां चीन की जासूसी का शिकार हुई हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा अमरीका की ब्लूमबर्ग बिजनेस वीक की एक रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन न केवल ऐप्पल और एमेजॉन की बल्कि FBI की भी जासूसी मेड इन चाइना कंप्यूटर और सर्वर से कर रहा है।
मदरबोर्ड में लगाई चावल के दाने जैसी छोटी माइक्रोचिप
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी जासूसों ने सुपर माइक्रो कंपनी के लिए चीनी फैक्ट्री में बने मदरबोर्ड में चावल के दाने जैसी छोटी माइक्रोचिप लगाई है। यही मदरबोर्ड ऐमेजॉन और एप्पल सहित लगभग 28 अमरीकी कंपनियां अपने सर्वर में यूज कर रही थीं।
सुपर माइक्रो मदरबोर्ड में लगाया गया इस छोटे चिप ने चीनी जासूस और हैकर्स को कंपनियों को डेटा सेंटर्स और उन कंप्यूटर्स में ऐक्सेस दिया होगा जहां सुपर माइक्रो मदरबोर्ड इस्तेमाल किए गए हैं।
चीन के पास पहुंचा अमरीकी सुरक्षा एजेंसियों का डाटा?
इसका मतलब ये हुआ कि एमेजॉन, एप्पल और तमाम अमरीकी सुरक्षा एजेंसियों का डाटा चीन के पास पहुंच गया। इस डाटा में कई सारी सीक्रेट जानकारियां थीं। जो अमरीकी के डिफेंस सिस्टम से जुड़ी हुई थीं। ये सब जानकारियां चीन के पास पहुंच चुकी हैं।
ऐप्पल और एमेजॉन ने आरोपों से किया इनकार
हालांकि ऐप्पल और एमेजॉन दोनों ने इन आरोपों से इनकार किया है। ऐपल ने कहा कि 2016 में सर्वर सॉफ्टवेयर में एक गड़बड़ी की घटना हुई थी। लेकिन हार्डवेयर संबंधी गड़बड़ी की बातें गलत हैं। दूसरी और ब्लूमबर्ग का कहना है कि एप्पल और ऐमेजॉन ने 205 में ही सर्वर्स में ऐसे चिप्स ढूंढे थे। ऐप्पल ने सुपर माइक्रो सर्वर से 2015 में ही अपनी पार्टनरशिप खत्म कर ली थी। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने 30 कंपनियों को टार्गेट किया था। यह अमरीकी कंपनियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा सप्लाई चेन अटैक है।