Updated: 05 Dec, 2024 05:21 PM
आयुर्वेद, भारत की और विश्व की पहली चिकित्सा पद्धति, अब विश्व पटल पर एक बेहतर पहचान बना रही है। इस परिवर्तन के केंद्र में आयुर्वेदाचार्य डॉ. अभिषेक ने अपने एक बेहद आकर्षक कॉर्पोरेट करियर और 1 करोड़ रुपये के वार्षिक पैकेज को छोड़कर देश के आयुर्वेद...
नई दिल्ली। आयुर्वेद, भारत की और विश्व की पहली चिकित्सा पद्धति, अब विश्व पटल पर एक बेहतर पहचान बना रही है। इस परिवर्तन के केंद्र में आयुर्वेदाचार्य डॉ. अभिषेक ने अपने एक बेहद आकर्षक कॉर्पोरेट करियर और 1 करोड़ रुपये के वार्षिक पैकेज को छोड़कर देश के आयुर्वेद डॉक्टर्स के साथ मिलकर एक ऐसा मार्ग चुना जिसे देश की आजादी के बाद से लेकर अभी तक ज्यादा लोगों ने नहीं चुना है। आयुर्वेदाचार्य डॉ. अभिषेक की यह यात्रा उनकी अकेले की नहीं है, यह देश के उन सभी आयुर्वेद से जुड़े लाखों आयुर्वेद के डॉक्टर्स और युवा स्नातकों के लिए एक ऐसा मंच निर्मित करने की विशिष्ट और पवित्र पहल है जिससे दुनियाभर में आयुर्वेद के डॉक्टर्स और चिकित्सा पद्धति को एक नई दिशा और ऊंचाइयां मिल सकें।
डॉ. अभिषेक ने आयुर्वेद के अपने लगभग 15 वर्षों के सफर में कई उतार-चढ़ाव और अनुभवों के साथ आयुर्वेद के कॉर्पोरेट सेक्टर में उल्लेखनीय सफलता हासिल की। अपनी आयुर्वेद से जुड़ी इस कॉर्पोरेट यात्रा में को-फाउंडर के रूप में एक ऐसी कंपनी को भी विश्वपटल पर ले जाने का अवसर मिला जो लगभग शून्य पर थी, इस कंपनी के माध्यम से आयुर्वेद के डॉक्टर्स को डिजिटल तकनीक से जोड़ने के साथ-साथ इस मंच की वैल्यूएशन 600 करोड़ रूपए तक पहुंचाने का कार्य किया। इस कार्य के प्रभाव का असर ऐसा रहा कि स्वयं भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपनी लोकप्रिय रेडियो श्रृंखला 'मन की बात' में सराहना की। साथ ही विगत लगभग 4 वर्षों से "आयुर्वेद फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (AFI)" के मंच के माध्यम से देश के आयुर्वेद सिस्टम से जुड़े लोगों के लिए विभिन्न क़ानूनी अधिकारों के लिए प्रयासरत हैं। इसके अतरिक्त भी देश की कई अन्य महत्त्वपूर्ण आयुर्वेद सेवा प्रदाता कंपनियों में भी अल्प काल के लिए सलाहकार के रूप में अपना योगदान दिया, इन सभी कार्यों में 2 बातें हमेशा अच्छी हुई हैं कि जिसके लिए भी कार्य किया है वो बड़ा हुआ है और जो कार्य किये हैं वो भी अपने लक्ष्यों तक काफी हद तक पहुंचने में कामयाब हुए हैं।
लेकिन डॉ. अभिषेक ने महसूस किया कि देश के आयुर्वेद डॉक्टर्स को वह सम्मान और अवसर नहीं मिल रहा है, जो उन्हें मिलना चाहिए। इसके साथ ही, आम लोगों को आयुर्वेद के सही लाभों का ज्ञान नहीं है, लोगों या सरकारी महकमों की नज़रों में आयुर्वेद को वैज्ञानिक और साक्ष्य आधारित चिकित्सा पद्धति के रूप में पहचान नहीं मिलती है। अपने करियर में विभिन्न रास्तों पर चलकर डॉ. अभिषेक को एक बात समझ में आई है कि "सिर्फ किसी बात को सोच लेने मात्र से कार्य नहीं होता है, उसे धरातल पर सिद्ध भी करना होता है।" अन्यथा ज्यादातर लोग उस कार्य या विचार को न तो गंभीरता से लेते हैं और न ही उसके साथ जुड़ते हैं, इसलिए आयुर्वेद के वैद्यों और सामान्य जनमानस से जुड़े अपने संकल्पों को आगे बढ़ाने के लिए स्वयं के मंच के माध्यम से ही आगे आकर के कार्यों को आरम्भ कर दिया है। इन्हीं विचारों ने डॉ. अभिषेक को आयुर्वेद के क्षेत्र में एक ऐसे स्टार्टअप की नींव रखने के लिए प्रेरित किया जो आयुर्वेद के डॉक्टर्स और सामान्य जनमानस को एक दूसरे के साथ जोड़ने का कार्य पूर्ण ईमानदारी और गुणवत्ता के साथ करे!
इसके लिए स्थापना की है "वैद्य तत्त्व ग्रुप" की जो एक स्टार्टअप के रूप में भारत सरकार के साथ रजिस्टर्ड है, वर्तमान में "वैद्य तत्त्व ग्रुप" के अंतर्गत कुछ ब्रांड्स कार्यरत हैं: Veda24x7 यूट्यूब चैनल, सात्विक वैद्य व सबका वैद्य।
सभी ब्रांड्स अपने एक तय लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं, 50 लाख रूपए के निजी फंड से डॉ अभिषेक ने कार्यों को आरम्भ किया है। जिसमें सात्विक वैद्य डॉक्टर्स के लिए, सबका वैद्य सामान्य जनमानस के लिए व Veda 24X7 स्वास्थ्य क्षेत्र के मिडिया मंच के रूप में कार्यरत है। वर्तमान में भारत के चार राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, और छत्तीसगढ़ के सात केंद्रों से संचालन आरम्भ हुआ है, जिसमें देश के आयुर्वेद डॉक्टर्स के साथ मिलकर सामान्य जनमानस को आयुर्वेदिक उपचार को वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुरूप एडवांस प्रोटोकॉल्स के माध्यम से रोगियों को प्रभावी और उन्नत समाधान प्रदान किया जा रहा है।
आयुर्वेद के डॉक्टर्स को सशक्त करना: एक मिशन
डॉ. अभिषेक का मानना है कि आयुर्वेद तभी सफल हो सकता है जब इसके डॉक्टर्स सशक्त हों। वो कहते हैं कि "नाम और दौलत तो बहुत अर्जित कर लेंगे लेकिन इंसान कैसे बनेंगे!
देश के आयुर्वेद के डॉक्टर्स सशक्त होने चाहिए, तभी आयुर्वेद को विश्व पटल पर मुख्यधारा की चिकित्सा प्रणाली के रूप में स्थापित किया जा सकता है।"
सभी आकर के सिर्फ अपने नाम और काम को ही बड़ा करने में लगे हैं, कोई तो आएगा जो भारत के आयुर्वेद वैद्यों के लिए गंभीरता से कुछ ठोस कार्य करेगा जिससे वे मजबूत हों और एकजुट होकर देश व दुनिया के लोगों को सही स्वास्थ्य सहायता किफायती दरों में प्रदान कर सकें, इसके लिए ही हमने "वैद्य तत्त्व ग्रुप" की स्थापना की है! डॉ. अभिषेक का उद्देश्य है कि आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को वह आर्थिक और सामाजिक उन्नति मिले, जिसके वे हकदार हैं। इसके लिए वे भारत के प्रत्येक कोने में अपने अभियान को पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आयुर्वेद में विभिन्न गंभीर बीमारियों से लेकर सामान्य रोगों, जैसे कि बुखार, लाइफस्टाइल रोग, त्वचा विकार, किडनी रोग, कैंसर, हृदय रोग, लिवर आदि से जुड़ी विभिन्न समस्याओं का इलाज करने की अद्वितीय क्षमता है। कोरोना महामारी के दौरान भी आयुर्वेद के योगदान ने दुनिया को इसकी शक्ति का अहसास कराया। डॉ. अभिषेक का मानना है कि आयुर्वेदिक उपचार न केवल प्रभावी और सस्ता है, बल्कि इसके शोध और प्रोटोकॉल्स किसी भी स्तर और किसी भी दौर की चिकित्सा पद्धतियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं। बस आवश्यकता सिर्फ सही रूप में कार्य करके सामान्य जनमानस के बीच में सही जागरूकता प्रसारित करने की है।
वैद्य तत्त्व ग्रुप के आगामी समय के कुछ प्रमुख लक्ष्य है:
आयुर्वेद को ग्लोबल ब्रांड के रूप में स्थापित करना।
आयुर्वेद क्लीनिक्स को अस्पतालों में परिवर्तित करना।
आयुर्वेदिक डॉक्टर्स के लिए रोजगार और आर्थिक अवसर पैदा करना।
आम जनता को आयुर्वेद की गुणवत्ता युक्त व कम लागत में लाभ प्रदान करना एवं आयुर्वेद की सटीक जानकारी पहुँचाना।
आयुर्वेद में रिसर्च को बढ़ावा देकर के उन्नत प्रोटोकॉल्स विकसित करना व इनके माध्यम से लोगों को गंभीर रोगों का इलाज उपलब्ध कराना।
अंत में आयुर्वेदाचार्य डॉ अभिषेक बताते हैं कि वैद्य तत्व के मंच के माध्यम से आयुर्वेद की शक्ति को जन-जन तक पहुंचाना ही हमारा मुख्य लक्ष्य है, देश के हज़ारों आयुर्वेद डॉक्टर्स को अगले कुछ वर्षों में इस मुहीम जोड़कर हम देश और दुनिया को एक बेहतर स्वास्थ्य आधार प्रदान करेंगे !