Updated: 27 Dec, 2024 03:17 PM
मेरलिन हेल्थ, जो व्यक्तिगत देखभाल और उन्नत चिकित्सा सेवाओं का दावा करता है, अब अपनी विश्वसनीयता और संचालन के तरीके को लेकर गंभीर चिंताओं का सामना कर रहा है।
नई दिल्ली। हाल ही में, एफबीआई और राज्य एजेंटों ने दक्षिणी कैलिफोर्निया में सोवरेन हेल्थ के कई केंद्रों पर छापे मारे। यह छापे वित्तीय और अन्य अनियमितताओं की जांच के तहत किए गए थे। इस छापेमारी के बाद, गुरुग्राम स्थित मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं और पुनर्वास केंद्र, मेरलिन हेल्थ पर भी सवाल उठने लगे हैं, जो सोवरेन हेल्थ से सीधे जुड़ा हुआ है।
मेरलिन हेल्थ पर उभरी चिंताएं
मेरलिन हेल्थ, जो व्यक्तिगत देखभाल और उन्नत चिकित्सा सेवाओं का दावा करता है, अब अपनी विश्वसनीयता और संचालन के तरीके को लेकर गंभीर चिंताओं का सामना कर रहा है। सोवरेन हेल्थ के सीईओ, तन्मय शर्मा, जिनका मेरलिन हेल्थ से भी संबंध है, का मेडिकल लाइसेंस 2008 में ब्रिटेन में पेशेवर कदाचार के कारण रद्द कर दिया गया था। इस घटनाक्रम ने मेरलिन हेल्थ की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
साझा स्वामित्व के कारण बढ़ी निगरानी की आवश्यकता
चूंकि दोनों संस्थान एक साझा स्वामित्व के तहत काम कर रहे हैं, ऐसे में यह संभावना है कि सोवरेन हेल्थ में हो रही अनियमितताएं मेरलिन हेल्थ तक भी फैल सकती हैं। सोवरेन हेल्थ पर छापेमारी और कानूनी विवादों के बाद, सभी पुनर्वास केंद्रों की सख्त निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। विशेषकर, मरीजो की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर मुनाफे को प्राथमिकता देने के आरोप गंभीर चिंता का विषय बने हुए हैं।
कार्रवाई की आवश्यकता
यह स्थिति मरीजों के हितों की रक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था में विश्वास बनाए रखने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग करती है। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पुनर्वास केंद्र उच्चतम मानकों का पालन करें और पूरी तरह से पारदर्शिता बनाए रखें।