Edited By ,Updated: 09 Mar, 2015 12:06 AM
नंदपुर भटोली निवासी पुनीत धीमान (30) की शनिवार रात को मामूली बुखार से मौत हो गई। इस मौत का कारण क्या है, क्या यह मौत स्वाइन फ्लू की बीमारी से हुई है इस बात पर अस्पताल के डाक्टर मौन हैं।
नगरोटा सूरियां: नंदपुर भटोली निवासी पुनीत धीमान (30) की शनिवार रात को मामूली बुखार से मौत हो गई। इस मौत का कारण क्या है, क्या यह मौत स्वाइन फ्लू की बीमारी से हुई है इस बात पर अस्पताल के डाक्टर मौन हैं।
मृतक पुनीत धीमान के पिता सुरजीत धीमान ने इसे डाक्टरों की लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उनके बेटे को शुक्रवार को सर्दी के साथ बुखार हुआ। अस्पाताल के डाक्टर ने दवाई देकर घर भेज दिया। शनिवार शाम करीब 9 बजे पुनीत की तबीयत अचानक खराब हो गई। उसे नगरोटा सूरियां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया। अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डाक्टर अपने किराए के मकान में आराम कर रहा था। जब ड्यूटी पर तैनात नर्स ने फोन पर संपर्क करना चाहा तो डाक्टर ने फोन नहीं उठाया।
करीब एक घंटा बीत जाने के बाद डाक्टर के मकान मालिक ने जहां वह किराए पर रहता है फोन उठाया और नर्स की बात करवाई तो डाक्टर ने अस्पताल में आने की बजाय घर से ही फोन पर डायग्नोज करना शुरू कर दिया। सुरजीत धीमान के मुताबिक जब खंड चिकित्सा अधिकारी डा. मोहन चौधरी को फोन किया तो उन्होंने डाक्टर को मरीज एटैंड करने के आदेश दिए। डाक्टर ने करीब डेढ़ घंटे के बाद आकर पुनीत को जांचे बगैर ही टांडा रैफर कर दिया।
गंभीर हालत में पुनीत को टांडा ले जाने के लिए जिस एम्बुलैंस में भेजा गया उसे भी लंज के पास जाकर बदल दिया और दूसरी एम्बुलैंस में जब पुनीत को डाला गया तो उसमें रखे गए आक्सीजन सिलैंडर में आक्सीजन नहीं होने के कारण उसने करीब 5 किलोमीटर के बाद ही गाहलियां के पास दम तोड़ दिया।
अब चर्चा यह है कि 3 दिन से जब मरीज सर्दी, जुकाम व बुखार से पीडि़त है तो उसे जांच के लिए समय पर ही टांडा मैडीकल कालेज में रैफर कर देना चाहिए था। इस बारे खंड चिकित्सा अधिकारी डा. मोहन चौधरी का कहना है कि वह 15 मार्च तक छुट्टी पर है और डाक्टर की लापरवाही की जांच की जाएगी। उन्होंने माना कि मरीज के पिता सुरजीत धीमान का फोन आया था। उन्होंने कहा कि डाक्टर अस्पताल में ड्यूटी पर गैर हाजिर क्यों था इसकी जांच की जाएगी।