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बड़ा ट्रेन हादसा ट्रेन पटरी से उतरकर जा भिड़ी, गई इतने हाथियों की जान

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 21 Feb, 2025 12:36 PM

big train accident train collided so many elephants lost their lives

श्रीलंका के हबराना इलाके में 20 फरवरी की रात को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब एक पैसेंजर ट्रेन हाथियों के एक झुंड से टकरा गई। इस हादसे में छह हाथियों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य हाथी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह घटना देश के लिए एक बड़ा संकट बन...

इंटरनेशनल डेस्क: श्रीलंका के हबराना इलाके में 20 फरवरी की रात को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब एक पैसेंजर ट्रेन हाथियों के एक झुंड से टकरा गई। इस हादसे में छह हाथियों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य हाथी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह घटना देश के लिए एक बड़ा संकट बन गई है क्योंकि हाथियों के झुंड से टकराने वाली यह ट्रेन दुर्घटना अब तक की सबसे भीषण घटनाओं में से एक मानी जा रही है। हबराना इलाके में ट्रेन की टक्कर से छह हाथियों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए, जिनका इलाज जारी है। यह घटना इतनी भीषण थी कि ट्रेन पटरी से उतर गई। अधिकारियों के अनुसार, यह हादसा इस क्षेत्र में हाथियों के साथ हुई टक्कर के लगातार बढ़ते मामलों का हिस्सा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना श्रीलंका में ट्रेन और हाथियों के बीच हुई टक्करों का दुखद सिलसिला जारी रखने वाली है।

हाथियों और मनुष्यों के बीच बढ़ता संघर्ष

श्रीलंका में हर साल कई हाथी ट्रेन हादसों का शिकार हो जाते हैं, और यह आंकड़ा निरंतर बढ़ रहा है। वन्यजीवों के संरक्षण से जुड़े संगठनों का कहना है कि हर साल लगभग 20 हाथी ट्रेनों के नीचे आकर मर जाते हैं। इस ट्रैजिक घटना के अलावा, पिछले साल 170 से अधिक लोग और 500 से अधिक हाथी इंसान और हाथियों के बीच संघर्ष में अपनी जान गंवा चुके हैं।
 


हाथियों का इंसानी इलाकों में आना, एक बड़ा कारण

विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों की निरंतर कटाई और प्राकृतिक संसाधनों की कमी के कारण हाथी अब इंसानी इलाकों में घुसने के लिए मजबूर हो गए हैं। इन हाथियों के कारण ट्रेनों की चपेट में आने की घटनाएं बढ़ गई हैं। इसके अलावा, करंट लगने, अवैध शिकार और जहरीले पदार्थों के कारण भी कई हाथी हर साल मारे जाते हैं।

वन्यजीव विशेषज्ञों की ट्रेन चालकों को सलाह

वन्यजीव विशेषज्ञों और प्रशासन की ओर से लगातार ट्रेन चालकों को यह सलाह दी जा रही है कि वे जंगलों और हाथियों के गलियारों से गुजरते समय अपनी ट्रेन की गति धीमी कर दें। इसके अलावा, हाथियों को चेतावनी देने के लिए ट्रेन के हॉर्न का इस्तेमाल करने की भी अपील की जा रही है। हालांकि, इस उपाय का प्रभावी परिणाम अब तक देखने को नहीं मिला है और लगातार इस तरह की दुर्घटनाएं हो रही हैं।

हाथियों की कानूनी सुरक्षा एक और चुनौती

श्रीलंका में हाथियों को कानूनी सुरक्षा प्राप्त है। यहां के बौद्ध समुदाय द्वारा इन्हें पूजनीय माना जाता है। हाथी की हत्या को अपराध माना जाता है और इसके लिए सख्त सजा का प्रावधान है, जिसमें जेल और जुर्माना शामिल हैं। इसके बावजूद, लगातार हो रही हाथियों की मौत और मानव-हाथी संघर्ष सरकार और वन्यजीव विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।

हबराना इलाके में यह पहली बार नहीं हुआ जब ट्रेन ने हाथियों के झुंड को टक्कर मारी हो। 2018 में भी इस इलाके में एक गर्भवती हथिनी और उसके दो बच्चों की ट्रेन से टक्कर में मौत हो गई थी। इसी तरह पिछले साल अक्टूबर में मिन्नेरिया इलाके में एक ट्रेन ने हाथियों के झुंड को टक्कर मारी थी, जिसमें दो हाथी मारे गए और एक घायल हो गया।



 

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