Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 23 Feb, 2025 11:47 AM
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फ्रांस के मुलहाउस शहर में शनिवार (22 फरवरी) को एक भयानक चाकू हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन अन्य लोग घायल हो गए, जिनमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इस घटना को लेकर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे इस्लामी आतंकवादी कृत्य करार दिया और कहा कि...
इंटरनेशनल डेस्क: फ्रांस के मुलहाउस शहर में शनिवार (22 फरवरी) को एक भयानक चाकू हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन अन्य लोग घायल हो गए, जिनमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इस घटना को लेकर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे इस्लामी आतंकवादी कृत्य करार दिया और कहा कि फ्रांस को आतंकवाद के खिलाफ और भी कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। इस हमले ने एक बार फिर फ्रांस में आतंकवाद की बढ़ती चुनौती को उजागर किया है। मुलहाउस में उस दिन कांगो के समर्थन में एक प्रदर्शन हो रहा था। इसी दौरान एक संदिग्ध हमलावर ने 'अल्लाहु अकबर' का नारा लगाते हुए चाकू से हमला किया। हमलावर ने पहले एक व्यक्ति की हत्या की और फिर भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया। इस हमले में घायल होने वालों में दो पुलिसकर्मी भी शामिल थे, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने तुरंत घटना स्थल को घेर लिया और स्थिति को नियंत्रण में लिया।
संदिग्ध की पहचान
हमलावर की पहचान 37 वर्षीय अल्जीरियाई नागरिक के रूप में हुई है, जो पहले से ही फ्रांस की निगरानी सूची (FSPRT) में था। इस सूची में उन व्यक्तियों को रखा जाता है, जिनकी कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका होती है। इस सूची का गठन 2015 में चार्ली हेब्दो और यहूदी सुपरमार्केट पर हुए आतंकवादी हमलों के बाद किया गया था। अल्जीरिया में जन्मे इस संदिग्ध को न्यायिक निगरानी में रखा गया था और उसे फ्रांस से निष्कासन का आदेश दिया गया था। हालांकि, घटना के समय वह फ्रांस में मौजूद था।
फ्रांस की राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी इकाई ने की जांच
इस हमले के बाद फ्रांस की राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी अभियोजक इकाई (PNAT) ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मुलहाउस की मेयर मिशेल लुत्ज़ ने इसे एक भयावह घटना करार दिया और कहा कि अब जांच के बाद ही इसे आधिकारिक रूप से आतंकवादी कृत्य के रूप में पुष्टि की जाएगी।
आतंकवाद पर मैक्रों का बयान
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हमले के बाद कहा, "यह इस्लामी आतंकवाद का कृत्य है और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमें आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है।" उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादी हमले फ्रांस के लिए लगातार बढ़ती चुनौती बन गए हैं, और इस दिशा में सुरक्षा बलों को और अधिक सक्रिय रहने की आवश्यकता है।
फ्रांस में आतंकवादी हमलों का बढ़ता खतरा
फ्रांस में पिछले कुछ वर्षों में इस्लामी आतंकवादी हमलों में वृद्धि हुई है। 2015 के चार्ली हेब्दो हमले के बाद से देश में सुरक्षा कड़ी की गई है, लेकिन इस घटना ने फिर से यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद से लड़ने की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। हमलावर का कट्टरपंथी विचारधारा में विश्वास रखना और उसे फ्रांस से निष्कासन का आदेश मिलना, फिर भी इस हमले को अंजाम देना, यह दर्शाता है कि आतंकवाद से निपटने के लिए और कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।