Edited By Pardeep,Updated: 21 Nov, 2024 05:53 AM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के बीच बुधवार को वार्ता के बाद भारत और गुयाना ने हाइड्रोकार्बन, डिजिटल भुगतान व्यवस्था, फार्मास्यूटिकल और रक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए 10 समझौते पर हस्ताक्षर...
इंटरनेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के बीच बुधवार को वार्ता के बाद भारत और गुयाना ने हाइड्रोकार्बन, डिजिटल भुगतान व्यवस्था, फार्मास्यूटिकल और रक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए 10 समझौते पर हस्ताक्षर किये।
मोदी ने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा कि गुयाना, भारत की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी के लिए एक रूपरेखा तैयार की जाएगी। उन्होंने लगभग 24 वर्ष पहले एक आम व्यक्ति के रूप में इस दक्षिण अमेरिकी देश की अपनी यात्रा को याद करते हुए कहा, ‘‘56 वर्षों के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की गुयाना यात्रा हमारे संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। गुयाना के साथ मेरा गहरा व्यक्तिगत संबंध रहा है।''
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार रात ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरियो से यहां पहुंचे। मोदी ने रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इनमें से एक समझौता ज्ञापन गुयाना में भारत की यूपीआई (एकीकृत भुगतान इंटरफेस) डिजिटल भुगतान प्रणाली लागू की संभावना प्रदान करेगा। मोदी ने कहा, ‘‘आज की बैठक में हमने अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए कई नई पहल की पहचान की। हम अपने आपसी व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रयास जारी रखेंगे।'' प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि दोनों पक्ष आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत, गुयाना के लिए दवा उत्पादों का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और हम गुयाना को दवा निर्यात बढ़ाने पर काम करेंगे।'' मोदी ने यह भी कहा कि रक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग ‘‘गहन आपसी विश्वास'' का प्रतीक है। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। मोदी ने कहा कि भारत और गुयाना इस बात पर सहमत हैं कि सभी समस्याओं का समाधान बातचीत और कूटनीति के जरिए किया जाना चाहिए। राष्ट्रपति अली ने कहा कि मोदी की गुयाना यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने में एक मील का पत्थर है।