Edited By Tanuja,Updated: 04 Feb, 2025 07:08 PM
हज और उमराह के नाम पर सऊदी अरब जाने के बाद वहां भीख मांगने की घटनाओं पर सऊदी प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। ऐसे कई पाकिस्तानियों को पकड़ा गया...
Riyadh: हज और उमराह के नाम पर सऊदी अरब जाने के बाद वहां भीख मांगने की घटनाओं पर सऊदी प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। ऐसे कई पाकिस्तानियों को पकड़ा गया और उन्हें वापस उनके देश भेज दिया गया, जिससे इस्लामाबाद की छवि को नुकसान पहुंचा है। सऊदी अधिकारियों ने पाकिस्तान सरकार से इस मामले पर पहले भी चिंता जताई थी, जिसके बाद अब निर्वासन की कार्रवाई तेज हो गई है। पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने पुष्टि की है कि हाल ही में 10 पाकिस्तानी नागरिकों को सऊदी अरब से निर्वासित किया गया , जो उमराह वीजा पर वहां पहुंचे थे लेकिन उन्हें भीख मांगते हुए पकड़ा गया।
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पाकिस्तानी मीडिया 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब ने कई बार इस मुद्दे को इस्लामाबाद के सामने उठाया था और पाकिस्तान से ठोस कार्रवाई की मांग की थी। नवंबर 2023 में, पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने सऊदी अधिकारियों को आश्वासन दिया था कि हज या उमराह वीजा का दुरुपयोग कर भीख मांगने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी । हालांकि, इस आश्वासन के बावजूद बड़ी संख्या में पाकिस्तानी अब भी इस तरह की गतिविधियों में लिप्त पाए जा रहे हैं। रविवार, 2 फरवरी को एफआईए ने कराची एयरपोर्ट पर एक बड़े अभियान के तहत कई संदिग्धों को हिरासत में लिया ।
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प्रारंभिक जांच में सामने आया कि ये लोग महीनों से सऊदी अरब में भीख मांगने में लिप्त थे और उमराह वीजा की आड़ में वहां पहुंचे थे। FIA ने कहा कि विदेश यात्रा करने वाले यात्रियों की कड़ी जांच की जा रही है , विशेष रूप से उन लोगों पर नजर रखी जा रही है जो उमराह या हज वीजा पर जाते हैं। ऐसे मामलों को रोकने के लिए हवाई अड्डों पर इमिग्रेशन प्रक्रिया को सख्त किया जा रहा है और पकड़े गए भिखारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस मामले ने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को झटका दिया है और सरकार पर सऊदी अरब के साथ संबंधों को लेकर दबाव बढ़ रहा है।
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