Edited By Tanuja,Updated: 24 Feb, 2024 06:48 PM
![10 year old child dies during circumcision in bangladesh](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_2image_18_48_008150743bangladesh-ll.jpg)
बांग्लादेश में खतना करते समय एक और बच्चे की मौत का समाचार है। देश में दशकों से नाई इस काम को बिना एनेस्थीसिया के अंजाम दे रहे थे लेकिन हाल...
ढाकाः बांग्लादेश में खतना करते समय एक और बच्चे की मौत का समाचार है। देश में दशकों से नाई इस काम को बिना एनेस्थीसिया के अंजाम दे रहे थे लेकिन हाल के दिनों में डॉक्टरों द्वारा सर्जिकल खतना का चलन बढ़ गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार रात राजधानी ढाका में अहनाफ तहमीन अयहम (10) नामक बच्चे को खतना के लिए अस्पताल लाया गया खतना से पहले उसे एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया जा रहा था कि इसी दौरान उसने दम तोड़ दिया। बच्चे का परिवार आरोप है कि उन्होंने एनेस्थीसिया की अनुमति नहीं दी थी। मृतक बच्चे अहनाफ के पिता फखरुल आलम ने बताया कि वे अहनाफ को खतना के लिए मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे ढाका के माली बाग चौधरी पारा स्थित जेएस डायग्नोस्टिक एंड मेडिकल चेक अप सेंटर में ले गए।
कुछ देर में ही उसका खतना पूरा हो गया, लेकिन एक घंटे बाद भी जब उसे होश नहीं आया तो चिंता बढ़नी शुरू हुई। आलम के मुताबिक बच्चे को होश नहीं आने पर कई बार अस्पताल स्टाफ से पूछा गया लेकिन वे यहीं कहते रहे कि जल्द ही होश आ जाएगा। मृतक बच्चे के पिता का आरोप है कि उनकी बिना अनुमति के एनेस्थीसिया लगाया गया है। पिता ने इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों के खिलाफ हातिरझील थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
बच्चे की मौत के बाद, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सामंत लाल सेन ने कहा कि भविष्य में चिकित्सा पेशेवरों में 'ऐसी लापरवाही' की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि "मैं इस घटना से बहुत दुखी हूं। हमने कुछ दिन पहले इसी तरह की एक घटना देखी थी। यह जानकर निराशा हुई कि हमारे प्रयासों के बावजूद, कुछ लोग उचित सावधानी बरतने में विफल रहे। ऐसी लापरवाही या जिम्मेदारी के प्रति उपेक्षा किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी ।इस मामले पर डॉ. शाह आलम का कहना है कि बिना उचित जांच के गलत तरह से एनेस्थीसिया देने पर बच्चों के जान जाने का खतरा बना रहता है।
उन्होंने बताया कि एक बच्चे के सुचारू और सुरक्षित खतना के लिए एनेस्थीसिया की आवश्यकता होती है, लेकिन इस दौरान ध्यान देने वाली बात यह है कि बच्चे की स्थिति के मुताबिक किस प्रकार की एनेस्थीसिया दी जाए। गौरतलब है कि बांग्लादेश में खतना दौरान बच्चों की मौत की यह पहली घटना नहीं है। करीब डेढ़ महीने पहले भी एक बच्चे की मौत हो गई थी । इस घटना में भी अयान अहमद नाम के बच्चे को खतना से पहले एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया गया था जिसके बाद परिवार वालों ने इसकी शिकायत भी दर्ज कराई थी। बांग्लादेश में इससे पहले नाई ही इस काम को बिना एनेस्थीसिया के अंजाम दे रहे थे और बच्चों के मौत की खबर बेहद कम आती थी । लेकिन डॉक्टरों द्वारा सर्जिकल खतना के चलन दौरान कई बच्चों की मौत के मामले समाने आ चुके हैं।