Edited By Tanuja,Updated: 17 Mar, 2025 02:17 PM

चीन की 103 वर्षीय डू हुझैन की भावुक करने वाली कहानी ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। उन्होंने आठ दशकों से अधिक समय तक अपने बिछड़े पति का इंतजार किया, लेकिन अंत तक ...
Bejing: चीन की 103 वर्षीय डू हुझैन की भावुक करने वाली कहानी ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। उन्होंने आठ दशकों से अधिक समय तक अपने बिछड़े पति का इंतजार किया, लेकिन अंत तक उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। आखिरी सांस लेते वक्त भी उन्होंने अपने शादी के दिनों की याद को संजोए रखा और तकिए के उसी कवर को थामे रखा, जिसे उन्होंने विवाह के समय इस्तेमाल किया था।
डू हुझैन की शादी 1940 में हुआंग जुन्फू से हुई थी, लेकिन विवाह के तुरंत बाद उनके पति सेना में भर्ती होकर युद्ध के लिए चले गए। 1943 में हुझैन ने जुन्फू को खोज निकाला और कुछ समय उनके साथ बिताया, लेकिन गर्भवती होने के कारण उन्हें वापस घर लौटना पड़ा। 1944 में उनके बेटे हुआंग फचांग का जन्म हुआ। जुन्फू कुछ समय के लिए घर लौटे, लेकिन जल्द ही सेना के काम के लिए फिर चले गए और फिर कभी वापस नहीं आए। शुरुआत में वह खत भेजते रहे, लेकिन 15 जनवरी 1952 के बाद उनका कोई पत्र नहीं आया।

रिपोर्ट्स के अनुसार, जुन्फू ने आखिरी बार मलेशिया में एक चीनी निर्माण कंपनी में काम किया था। बाद में वह सिंगापुर चले गए, लेकिन इसके बाद उनका कोई पता नहीं चला। हुझैन ने अपना पूरा जीवन पति के लौटने की उम्मीद में गुजार दिया। दिन में वह खेतों में काम करतीं और रात में सैंडल और कपड़े बुनकर घर चलातीं। उनके परिवार ने जुन्फू को खोजने की कई कोशिशें कीं, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अपने पति के बिना पूरी जिंदगी बिता देने वाली डू हुझैन ने दोबारा शादी करने से इनकार कर दिया। वह हमेशा कहतीं, 'अगर वह एक दिन लौट आए तो?'
उनके बेटे हुआंग फचांग ने भी शिक्षक के रूप में जीवन बिताया, लेकिन 2022 में उनका निधन हो गया। सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, हुआंग जुन्फू 1950 में मलेशिया में रह रहे थे और बाद में सिंगापुर चले गए, लेकिन उसके बाद उनका कोई अता-पता नहीं चला। 8 मार्च 2025 को डू हुझैन ने अपनी अंतिम सांस ली। उनकी मौत के समय उनके हाथ में वही तकिए का कवर था, जिसे उन्होंने शादी के समय संभालकर रखा था। उनकी यह अधूरी प्रेम कहानी आने वाली पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी।