बांग्लादेश में फिर बिगड़े हालात: प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास पर किया हमला, 30 घायल

Edited By Tanuja,Updated: 24 Oct, 2024 04:26 PM

30 injured in protests calling for bangladesh president s resignation

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में  22 अक्टूबर को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बंगभवन (राष्ट्रपति आवास) पर धावा बोलने का प्रयास किया। इस हिंसक घटना के दौरान प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के...

International Desk: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में  22 अक्टूबर को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बंगभवन (राष्ट्रपति आवास) पर धावा बोल दिया। इस हिंसक घटना के दौरान 30 लोग घायल हो गए। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ तथा 1972 के पुराने संविधान को खत्म करने की मांग कर रहे थे, जिससे देश में तनाव और बढ़ गया है। यह प्रदर्शन उस समय शुरू हुआ जब अगस्त में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को राजनीतिक संकट के चलते 16 साल के शासन को समाप्त कर भारत भागना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप, राष्ट्रपति शहाबुद्दीन को हटाने की मांगों के साथ व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि राष्ट्रपति ने हाल में कहा था कि उनके पास शेख हसीना के इस्तीफे का कोई प्रमाण नहीं है, जिससे आम लोगों में आक्रोश भर गया।

 

पिछले सप्ताह राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने मीडिया से बातचीत में दावा किया था कि 5 अगस्त को शेख हसीना के इस्तीफे का कोई सबूत उनके पास नहीं है। उन्होंने कहा, "मैंने कई बार राहत कोष के माध्यम से इस्तीफा हासिल करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा।" हालाँकि, 5 अगस्त को उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें हसीना का इस्तीफा प्राप्त हुआ है। इस विरोधाभास की वजह से विधि मामलों के सलाहकार आसिफ नज़रूल ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति ने झूठ बोला और यह उनके पद की शपथ का उल्लंघन है। मंगलवार शाम को, जैसे ही प्रदर्शनकारी बंगभवन के पास जुटने लगे, पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बल का प्रयोग किया। विरोध प्रदर्शनों के दौरान कम से कम पांच लोग घायल हुए, जिनमें दो पत्रकार भी शामिल हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठियों का प्रयोग किया, लेकिन भीड़ ने आगे बढ़ना जारी रखा, जिससे हालात और भी बिगड़ गए।

 

'डेली रिपोर्ट' के अनुसार, एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट के प्रमुख छात्र नेता हसनत अब्दुल्ला और सरजिस आलम मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांति से हटने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि विरोध शांतिपूर्ण ढंग से चलना चाहिए। छात्रों ने गुरुवार तक नए राष्ट्रपति का चुनाव कराने का राजनीतिक दलों से आग्रह किया, साथ ही यह चेतावनी दी कि अगर समय सीमा तक कोई समाधान नहीं निकला, तो वे सड़कों पर उतरेंगे। छात्र नेताओं ने अपनी पांच सूत्री मांगों में बांग्लादेश के 1972 के संविधान को हटाने, राष्ट्रपति शहाबुद्दीन को बर्खास्त करने, संविधान में चुनावी सुधार लाने, राष्ट्रीय चुनाव की प्रक्रिया को पुनः स्थापित करने और नागरिक अधिकारों की रक्षा को शामिल किया है। 

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