Edited By Rahul Singh,Updated: 13 Mar, 2025 01:31 PM

चश्मदीद ने जो जानकारी दी, वह पाकिस्तानी सेना के दावों को और कमजोर कर देती है। एक पंजाबी फौजी ने बताया कि उसने अपनी आँखों से देखा कि बीएलए के लड़ाकों ने पाकिस्तानी सैनिकों का कत्लेआम किया। उसने बताया कि 50 से 60 पाकिस्तानी सैनिकों को बीएलए के...
कराची : पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान में हाईजैक की गई जाफर एक्सप्रेस ट्रेन से सभी बंधकों को सुरक्षित छुड़ा लिया है। पाकिस्तान की सेना का कहना है कि उनका रेस्क्यू ऑपरेशन सफलतापूर्वक खत्म हो गया है और सभी बंधकों को रिहा कर लिया गया है। हालांकि, बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का दावा है कि सेना का यह दावा पूरी तरह से गलत है और अभी भी उनके कब्जे में 150 से ज्यादा लोग हैं।
पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता, अहमद शरीफ चौधरी, ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान बलूच विद्रोहियों को हराया गया और 212 बंधकों को मुक्त किया गया। सेना के मुताबिक, इस ऑपरेशन में 33 विद्रोहियों को मार गिराया गया और 21 बंधकों की मौत हो गई। हालांकि, BLA ने अपनी बात में विरोध करते हुए कहा कि सेना का दावा पूरी तरह से झूठा है। BLA के अनुसार, अभी भी उनके पास 150 से ज्यादा बंधक हैं।
इस मामले में एक चश्मदीद ने जो जानकारी दी, वह पाकिस्तानी सेना के दावों को और कमजोर कर देती है। एक पंजाबी फौजी ने बताया कि उसने अपनी आँखों से देखा कि बीएलए के लड़ाकों ने पाकिस्तानी सैनिकों का कत्लेआम किया। उसने बताया कि 50 से 60 पाकिस्तानी सैनिकों को बीएलए के विद्रोहियों ने मार गिराया। इस बयान ने पाकिस्तान की ओर से किए गए दावों की सच्चाई पर सवाल उठा दिया है। लान न्यूज ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया है, जिसमें पीड़ित चश्मदीद यह बताता है कि बीएलए के लड़ाकों ने 50 से 60 लोगों को मार डाला।
440 यात्री थे सवार
जाफर एक्सप्रेस ट्रेन में कुल 440 यात्री सवार थे, जिनमें से 21 को बीएलए के लड़ाकों ने ट्रेन पर कब्जा करते समय ही मार डाला था। इन 21 में चार पाकिस्तानी सैनिक भी शामिल थे। इसके बाद, पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन में बाकी 200 से ज्यादा बंधकों को रिहा किया गया। इससे पहले बुधवार को बीएलए ने 150 से ज्यादा बंधकों को रिहा कर दिया था।
बीएलए ने जिस तरीके से हमले को अंजाम दिया, वह पूरी तरह से योजनाबद्ध था। जाफर एक्सप्रेस ट्रेन मंगलवार सुबह करीब 9 बजे क्वेटा से पेशावर के लिए रवाना हुई थी। इसे सिब्बी में दोपहर 1.30 बजे पहुंचना था, लेकिन बोलान के माशफाक टनल में हमले के दौरान ट्रेन पटरी से उतर गई और बीएलए ने उसे हाईजैक कर लिया।
बीएलए के लड़ाके पहले से ही इस हमले के लिए तैयार थे। उनके सबसे खतरनाक समूह, मजीद ब्रिगेड और फतेह, इस ऑपरेशन में शामिल थे। यह हमला बोलान दर्रे में स्थित माशफाक टनल के पास हुआ, जो एक दुर्गम पहाड़ी इलाका है और वहां से ट्रेन की गति भी धीमी हो गई थी, जिसका फायदा बीएलए ने उठाया। लूचिस्तान, जो पाकिस्तान का सबसे अशांत प्रांत है, में 1948 से पाकिस्तानी सेना और बलूचों के बीच संघर्ष चल रहा है। बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से अलग होने की मांग करते रहे हैं और हाल के कुछ वर्षों में चीन का इस क्षेत्र में प्रभाव बढ़ा है। चीन यहां कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिससे इस क्षेत्र में हमले भी बढ़े हैं।