Edited By Tanuja,Updated: 02 Jun, 2024 12:58 PM
![afgm draw attention to china s expanding influence on minorities](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_12_37_441822811 afgm-ll.jpg)
अमेरिकी के वॉशंगटन डीसी प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से पैदा हुई विभिन्न प्रकार की चुनौतियों, खासकर पाकिस्तान
वॉशिंगटनः अमेरिकी के वॉशंगटन डीसी प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से पैदा हुई विभिन्न प्रकार की चुनौतियों, खासकर पाकिस्तान और पड़ोसी देशों में जातीय और धार्मिक अल्पसंखय्कों पर इसके प्रभाव पर फोकस किया गया। लेखकों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने वॉशिंगटन डीसी प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में पड़ोसियों के साथ पाकिस्तान के बिगड़े संबंधों पर चर्चा की।
यह कार्यक्रम 'अमेरिकन फ्रेंड्स ऑफ गिलगित एंड मुजफ्फराबाद' (AFGM) की ओर से आयोजित किया गया । कार्यक्रम में पश्तून तहाफ्पुज मूवमेंट (यूएस) के प्रमुख हिजबुल्लाह काकर ने प्राकृति संसाधनों के दोहन में पाकिस्तानी सेना और चीन के बीच सहयोग पर प्रकाश डाला। प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के कारण पश्तून समुदाय के लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ा और वह हाशिए पर चला गया। AFGM ने कहा कि कार्यक्रम में क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से पैदा हुई विभिन्न प्रकार की चुनौतियों, खासकर पाकिस्तान और पड़ोसी देशों में जातीय और धार्मिक अल्पसंखय्कों पर इसके प्रभाव पर फोकस किया गया।
कार्यक्रम में पूर्वी तुर्किस्तान के नेता सालह हुदयार ने शिनजियांग में चीन की आक्रामक नीतियों और उइगर समुदाय पर इसके असर के साथ-साथ इसमें पाकिस्तान की मिलीभगत पर प्रकाश डाला। वहीं, नगवांग ताशी ने तिब्बत पर चीन के कब्जे के लद्दाख जैसे पड़ोसी क्षेत्रों पर पड़ रहे प्रभावों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के प्रमुख वक्ताओं में ब्रैडली थायर भी शामिल थे। जिन्होंने चीन में साम्यवाद के उभार और देश के भीतर जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यको पर इसके प्रभावों के बारे में बात की।