Edited By Pardeep,Updated: 26 Dec, 2024 06:15 AM
बांग्लादेश के बंदरबन जिले के लामा क्षेत्र में ईसाई समुदाय पर अब तक का सबसे बड़ा हमला हुआ। उपद्रवियों ने त्रिपुरा समुदाय के 17 घरों को आग के हवाले कर दिया। यह घटना 25 दिसंबर की सुबह हुई, जब गांव के लोग क्रिसमस मनाने के लिए पड़ोसी गांव में प्रार्थना...
इंटरनेशनल डेस्कः बांग्लादेश के बंदरबन जिले के लामा क्षेत्र में ईसाई समुदाय पर अब तक का सबसे बड़ा हमला हुआ। उपद्रवियों ने त्रिपुरा समुदाय के 17 घरों को आग के हवाले कर दिया। यह घटना 25 दिसंबर की सुबह हुई, जब गांव के लोग क्रिसमस मनाने के लिए पड़ोसी गांव में प्रार्थना करने गए हुए थे। टोंगजिरी क्षेत्र के न्यू बेटाचरा पारा गांव में ईसाई समुदाय के लोग रहते हैं। गांव में चर्च न होने की वजह से सभी लोग क्रिसमस की प्रार्थना के लिए दूसरे गांव गए हुए थे। इसी दौरान उपद्रवियों ने मौके का फायदा उठाते हुए सुबह-सुबह गांव में आकर घरों में आग लगा दी।
इस हमले में 19 में से 17 घर पूरी तरह से जलकर खाक हो गए। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में गांव के लोगों का 15 लाख टका से अधिक का नुकसान हुआ है।
पहले भी मिली थी धमकी
गांव के लोगों ने बताया कि यह हमला अचानक नहीं हुआ। 17 नवंबर को उपद्रवियों ने इन्हें गांव खाली करने की धमकी दी थी। गंगा मणि त्रिपुरा नाम के व्यक्ति ने इस धमकी के खिलाफ लामा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में 15 लोगों का नाम शामिल था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
पीड़ितों की हालत
हमले के बाद अब गांव के सभी परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। पीड़ित गुंगामणि त्रिपुरा ने कहा, "हमारे घर पूरी तरह जलकर राख हो गए हैं। हमने कुछ भी नहीं बचा पाया। अब हमारे पास सिर छिपाने के लिए भी जगह नहीं है।"
प्रशासन की चुप्पी
पीड़ितों के अनुसार, इस घटना के बावजूद प्रशासन और पुलिस ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। पहले से धमकी मिलने और एफआईआर दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जिससे लोगों में गुस्सा और डर दोनों बढ़ गए हैं।
धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले
यह घटना बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते अत्याचार का हिस्सा है। पहले जहां हिंदू समुदाय पर हमले हो रहे थे, अब ईसाई समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।