Edited By Tanuja,Updated: 30 Oct, 2024 06:02 PM
पिछले साल मई में, मंगल ग्रह की कक्षा में orbit कर रहे यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर (TGO) ने एक रहस्यमयी सिग्नल का पता लगाया ...
International Desk:पिछले साल मई में, मंगल ग्रह की कक्षा में orbit कर रहे यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर (TGO) ने एक रहस्यमयी सिग्नल का पता लगाया और उसे धरती पर भेजा। अब, इस सिग्नल को एक साल की मेहनत के बाद अमेरिकी पिता-बेटी की टीम, केन और केली शैफिन ने सफलतापूर्वक डिकोड कर लिया है। इस सिग्नल को डिकोड करने के लिए SETI Institute, Green Bank Observatory, ESA, और INAF ने मिलकर एक सिटिजन साइंटिस्ट कॉम्पीटिशन का आयोजन किया। इस प्रतियोगिता में दुनिया भर से हजारों लोगों ने भाग लिया।
धरती पर मौजूद तीन प्रमुख रेडियो एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेटरी ने इन संकेतों को कैप्चर किया, और फिर दस दिन बाद, 5,000 से अधिक सिटिजन साइंटिस्ट्स ऑनलाइन इस सिग्नल का विश्लेषण करने के लिए जुट गए। कैन और केली शैफिन ने जो सिग्नल डिकोड किया, उसमें सफेद डॉट्स और लाइन्स के पांच झुंड थे, जिनका बैकग्राउंड काला था। यह संकेत जीवन के निर्माण की दिशा में इशारा कर रहा था। विशेष रूप से, उनका कहना है कि डिकोडेड मैसेज में ऐसे पांच अमीनो एसिड शामिल हैं जो जीव विज्ञान में महत्वपूर्ण हैं और ब्रह्मांड में जीवन निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हालांकि, शैफिन परिवार ने सिग्नल को सफलतापूर्वक डिकोड कर लिया है, सिटिजन साइंटिस्ट अभी भी इस संदेश का गहन अध्ययन कर रहे हैं। उनका अगला लक्ष्य है इस डिकोडेड संदेश के अर्थ को सही तरीके से समझना। इसके लिए, शैफिन परिवार ने अतिरिक्त परीक्षण करने की योजना बनाई है। इस अनुसंधान के माध्यम से वे यह जानने की कोशिश करेंगे कि क्या इस सिग्नल का कोई गहरा अर्थ है, और क्या यह वास्तव में किसी अन्य जीवन रूप की संकेत का प्रमाण है।
सुरूआत में, जब सिग्नल धरती पर भेजा गया था, तो यह वैज्ञानिकों के लिए बड़ी उत्सुकता का विषय बन गया था, क्योंकि यह अंतरिक्ष से आए जीवन के प्रमाण का हिस्सा हो सकता था। इस डेटा का विश्लेषण करने वाले वैज्ञानिक और सिटिजन वैज्ञानिक अब भी उस रहस्य को सुलझाने में जुटे हैं, जो हमें यह समझाने में मदद कर सकता है कि क्या वास्तव में क्षेत्र में कोई अन्य जीवन है। इसे लेकर दुनिया भर के शोधकर्ताओं और जिज्ञासुओं में बहस और चर्चा का दौर जारी है।