Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 23 Jan, 2025 05:34 PM

क्या आप भी केक, कुकीज़ और टॉफी के शौकीन हैं? अगर हां, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अमेरिका की खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लेते हुए खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाले सिंथेटिक रंग रेड डाई नंबर 3 पर बैन लगा...
इंटरनेशनल डेस्क: क्या आप भी केक, कुकीज़ और टॉफी के शौकीन हैं? अगर हां, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अमेरिका की खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लेते हुए खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाले सिंथेटिक रंग रेड डाई नंबर 3 पर बैन लगा दिया है।
क्यों लगाया गया बैन?
कई शोधों में पाया गया है कि रेड डाई नंबर 3 का सेवन करने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। जानवरों पर किए गए अध्ययनों में यह साफ हो गया है कि इस रंग के लगातार सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। चूंकि बड़े स्तर पर खाद्य पदार्थों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है जिसके गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इन खतरों को देखते हुए इसे बैन करने का निर्णय लिया गया है। रेड डाई नंबर 3 का इस्तेमाल कई खाद्य पदार्थों में रंग देने के लिए किया जाता था। जैसे कि कैंडी, रंगीन पेय पदार्थ और कुछ दवाइयां। इस रंग का इस्तेमाल खाद्य पदार्थों में लाल रंग लाने के लिए किया जाता था।
यह भी पढ़ें: भारत 2030 से पहले अपने स्वास्थ्य लक्ष्यों को हासिल करने की राह पर, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने की NHM की समीक्षा
क्यों है यह खबर महत्वपूर्ण?
यह फैसला खाद्य सुरक्षा के लिए एक बड़ी जीत है। इससे उपभोक्ताओं को कैंसर जैसे गंभीर बीमारी से बचाने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह अन्य खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाले रंगों पर भी सवाल उठाता है।FDA ने यह फैसला कई शोधों और अध्ययनों के आधार पर लिया है। यह फैसला खाद्य उद्योग के लिए एक बड़ी चुनौती है। अब खाद्य उत्पादकों को ऐसे रंगों की तलाश करनी होगी जो सुरक्षित हों और खाद्य पदार्थों को आकर्षक बनाएं। यह फैसला खाद्य सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे उपभोक्ताओं को स्वस्थ खाद्य पदार्थ चुनने में मदद मिलेगी। हमें उम्मीद है कि अन्य देश भी भारत के इस फैसले का अनुसरण करेंगे और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाएंगे।